स्मूथ राइड चाहिए? जानें टायर पर बने लाल और पीले डॉट्स का राज; मिलेगा बेहतर ड्राइविंग एक्सपीरियंस

क्या आप जानते हैं टायर पर बने लाल (Red Dot) और पीले (Yellow Dot) निशान का क्या मतलब होता है? ये निशान टायर को व्हील रिम के साथ सही तरीके से फिट करने और वाहन के संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. लाल डॉट टायर का सबसे ऊंचा बिंदु दर्शाता है, जबकि पीला डॉट टायर का सबसे हल्का हिस्सा बताता है. इनका सही इस्तेमाल कंपन कम करता है, टायर की लाइफ बढ़ाता है और फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार करता है.

टायर फिटिंग टिप्स Image Credit: AI/canva

Tire Fitting Tips: जब भी आप नए टायर खरीदते हैं, तो उन पर छोटे लाल (Red Dot) और पीले (Yellow Dot) निशान देखने को मिलते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ये निशान क्यों होते हैं और इनका क्या महत्व है? दरअसल, ये निशान टायर को व्हील रिम के साथ सही तरीके से फिट करने में मदद करते हैं, जिससे वाहन का संचालन बेहतर होता है और कंपन कम होता है. तो चलिए, आपको इन निशानों के बारे में विस्तार से बताते हैं.

लाल निशान (Red Dot)

लाल निशान को टायर का “हाई पॉइंट” (High Point) कहा जाता है. यह टायर के उस हिस्से को दर्शाता है, जहां रेडियल रनआउट (Radial Runout) सबसे अधिक होता है. सरल शब्दों में, यह टायर का वह भाग है जो सबसे अधिक उभरा हुआ होता है.

लाल निशान का इस्तेमाल कैसे करें?

व्हील रिम पर अक्सर एक छोटा सा निशान (डिंपल या मार्क) होता है, जो रिम का “लो पॉइंट” (Low Point) दर्शाता है. जब टायर को रिम पर फिट किया जाता है, तो लाल निशान को रिम के इस लो पॉइंट के साथ अलाइन किया जाता है. ऐसा करने से टायर और रिम के बीच संतुलन बेहतर होता है, जिससे सवारी अधिक सुगम और कंपन के बिना होती है.

पीला निशान (Yellow Dot)

पीला निशान टायर के “लाइट स्पॉट” (Light Spot) को दर्शाता है, यानी वह हिस्सा जहां टायर का वजन सबसे कम होता है.

पीले निशान का इस्तेमाल कब करें

व्हील रिम पर वाल्व स्टेम (Valve Stem) का हिस्सा सबसे भारी होता है. यदि रिम पर कोई लो पॉइंट मार्क नहीं है, तो पीले निशान को वाल्व स्टेम के साथ अलाइन किया जाता है. इससे टायर का वजन संतुलित होता है और अतिरिक्त वजन लगाकर बैलेंस करने की आवश्यकता कम हो जाती है.

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कब किस निशान को प्राथमिकता दें

  • यदि रिम पर लो पॉइंट मार्क है – लाल निशान को प्राथमिकता दें और उसे रिम के मार्क के साथ मिलाएं.
  • यदि रिम पर कोई मार्क नहीं है – पीले निशान को वाल्व स्टेम के साथ अलाइन करें.
  • यदि दोनों निशान मौजूद हैं – पहले लाल निशान को प्राथमिकता दें (यदि रिम पर लो पॉइंट मार्क उपलब्ध हो).

सही फिटिंग के फायदे

  • कंपन कम होता है – टायर और रिम का सही संतुलन वाहन के कंपन को कम करता है.
  • टायर की लाइफ बढ़ती है – गलत फिटिंग से टायर असमान रूप से घिस सकता है.
  • ईंधन की बचत – सही बैलेंसिंग से वाहन की परफॉर्मेंस बेहतर होती है, जिससे फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार होता है.