एडवेंचर को बनाएं सुरक्षित, पहाड़ों पर कार चलाने की ये है शानदार गाइड; जानिए कैसे

भारत के खूबसूरत पहाड़ी इलाकों में कार ड्राइविंग एडवेंचर और रोमांच से भरी होती है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां भी जुड़ी होती हैं. सुरक्षित यात्रा के लिए जरूरी है कि आप सही ड्राइविंग तकनीक अपनाएं. ऊंचाई पर चढ़ते समय लो गियर का इस्तेमाल करें, ढलान से उतरते वक्त इंजन ब्रेकिंग अपनाएं और मोड़ों पर हमेशा सावधानी बरतें. रात में लो बीम और फॉग लाइट्स का प्रयोग करें तथा ओवरलोडिंग से बचें.

माउंटेन ड्राइविंग टेक्निक्स Image Credit: AI/canva

Hill driving guide: भारत के खूबसूरत पहाड़ी इलाके यात्रा के शौकीनों के लिए स्वर्ग के समान हैं. घुमावदार सड़कें, नजारों से भरी वादियां और ताजी हवा का अनुभव बेहद लुभावना होता है. लेकिन इन खूबसूरत रास्तों पर वाहन चलाना एक बड़ी चुनौती भी हो सकता है. अनुभवहीन ड्राइवरों के लिए पहाड़ी सड़कें कई जोखिम लेकर आती हैं. ऐसे में सुरक्षित यात्रा के लिए सही ड्राइविंग तकनीकों और सावधानियों का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि पहाड़ी रास्तों पर कार चलाते समय आपको किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए.

ऊंचाई पर चढ़ते समय

पहाड़ी चढ़ाई पर कार चलाने के लिए सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका वाहन कम गियर में चले. पहले या दूसरे गियर का इस्तेमाल करने से इंजन को पर्याप्त शक्ति मिलती है और वाहन आसानी से ऊपर चढ़ पाता है. साथ ही ढलान वाली जगह पर रुकते समय हैंडब्रेक का प्रयोग अवश्य करें ताकि गाड़ी पीछे की ओर न लुढ़के.

एक आम गलती जो अक्सर ड्राइवर करते हैं, वह है क्लच को आधा दबाकर चलाना. इससे न सिर्फ क्लच प्लेट जल्दी खराब होती है, बल्कि ब्रेक पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है. गति बढ़ाने के लिए एक्सीलरेटर को अचानक न दबाएं, बल्कि धीरे-धीरे गति में बढ़ोतरी करें.

ढलान से उतरते समय

नीचे की ओर उतरते वक्त सबसे महत्वपूर्ण नियम है स्पीड पर नियंत्रण. इसके लिए इंजन ब्रेकिंग सबसे कारगर तरीका है. वाहन को हमेशा लो गियर में रखकर उतारें, इससे इंजन की मदद से स्पीड स्वतः नियंत्रित रहेगी. लगातार ब्रेक पेडल दबाने से ब्रेक सिस्टम ज्यादा गर्म हो सकता है, जिससे ब्रेक फेल होने का खतरा बढ़ जाता है. मोड़ पर पहुंचने से पहले ही गति कम कर लें, क्योंकि मोड़ के दौरान अचानक ब्रेक लगाना खतरनाक साबित हो सकता है.

मोड़ और हेयरपिन बेंड

पहाड़ी रास्तों पर मोड़, विशेष रूप से हेयरपिन बेंड, अत्यंत संवेदनशील होते हैं. हर मोड़ पर अन्य वाहनों को सचेत करने के लिए हॉर्न का इस्तेमाल करें और हमेशा अपनी लेन में रहने का प्रयास करें. अचानक स्टीयरिंग घुमाने या मोड़ पर ओवरटेक करने से बचें, क्योंकि सामने से आने वाले वाहन का अंदाजा नहीं होता.

इन बातों का भी रखें ध्यान

रात के समय ड्राइविंग करते हुए लो बीम और फॉग लाइट्स का ही प्रयोग करें ताकि सामने वाले ड्राइवर को परेशानी न हो. वाहन में अत्यधिक सामान लादने से बचें और गति सीमा का हमेशा पालन करें. लंबी यात्रा के दौरान हर एक से दो घंटे में थोड़ा विराम लें. इससे न सिर्फ आपको आराम मिलेगा, बल्कि आपके वाहन के इंजन और ब्रेक सिस्टम को भी ठंडा होने का अवसर मिलेगा.

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