उत्तर प्रदेश में ई-चालान होंगे माफ, वाहन मालिकों को 5 साल के जुर्माने से मिलेगी राहत; इन्हें मिलेगा सीधा फायदा
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 2017 से 2021 तक जारी किए गए सभी लंबित ई-चालान रद्द करने का आदेश दिया है. अब कोर्ट और ऑफिस स्तर पर पेंडिंग चालान स्वतः समाप्त माने जाएंगे. इस कदम से वाहन मालिकों को फिटनेस, परमिट, ट्रांसफर और HSRP जैसी सेवाओं में राहत मिलेगी.
UP E-Challan Cancelled: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वाहन चालकों को बड़ी राहत देते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. राज्य परिवहन विभाग ने घोषणा की है कि 2017 से 2021 के बीच जारी किए गए सभी ई-चालान अब स्वतः रद्द माने जाएंगे. यानी जिन चालानों पर अदालतों में सुनवाई चल रही थी या जो लंबे समय से समय-सीमा से बाहर हो चुके थे, वे अब मान्य नहीं रहेंगे. इस फैसले से प्रदेशभर के वाहन मालिकों को काफी सुविधा मिलेगी क्योंकि चालानों की वजह से फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) जैसी सेवाओं में जो बाधाएं थीं, वे अब खत्म हो जाएंगी.
कितने चालान हुए माफ?
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2017 से 2021 के बीच कुल 30,52,090 ई-चालान काटे गए थे. इनमें से 17,59,077 चालान पहले ही निपटा दिए गए, जबकि 12,93,013 चालान अब तक लंबित थे. इन लंबित मामलों में से 10,84,732 चालान अदालतों में पेंडिंग थे और 1,29,163 चालान कार्यालय स्तर पर अटके हुए थे. अब सभी चालान स्वतः समाप्त हो जाएंगे. विभाग का कहना है कि अगले एक महीने के भीतर पोर्टल पर सभी चालानों की स्थिति अपडेट कर दी जाएगी. वाहन मालिक ई-चालान पोर्टल पर जाकर अपने वाहन का स्टेटस आसानी से चेक कर पाएंगे.
क्यों लिया गया फैसला?
इस निर्णय के पीछे की वजह भी साफ है. परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि यह आदेश जनहित, पारदर्शिता और कानून के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है. लंबे समय से अदालतों में लंबित छोटे-मोटे चालानों के कारण न्यायपालिका और प्रवर्तन विभाग पर बेवजह का बोझ बढ़ रहा था. इन चालानों की वसूली भी लगभग नामुमकिन हो चुकी थी. कई मौकों पर हाई कोर्ट ने भी स्पष्ट किया था कि ऐसे चालान अब “by operation of law” स्वतः समाप्त माने जाएंगे. अदालत के इन निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसे पोर्टल पर लागू करने का आदेश दिया है.
सभी पर लागू नहीं होगा आदेश
हालांकि, यह राहत सभी चालानों पर लागू नहीं होगी. मोटर व्हीकल्स टैक्सेशन एक्ट के तहत टैक्स रिकवरी से जुड़े चालान इस फैसले में शामिल नहीं होंगे. इसी तरह, गंभीर सड़क हादसे, IPC की धाराओं से संबंधित मामले और शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसे अपराधों में काटे गए चालान भी खत्म नहीं होंगे. यानी केवल छोटे-मोटे और समय-सीमा से बाहर हो चुके ई-चालान ही निरस्त किए जाएंगे.
किसे होगा सीधा फायदा?
इस फैसले का सीधा लाभ प्रदेशभर के वाहन मालिकों को मिलेगा. अब उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट, वाहन परमिट, ट्रांसफर या हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट जैसी सेवाओं के लिए पुराने चालानों की वजह से परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. खासकर ऑटो चालक, टैक्सी ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के लिए यह निर्णय किसी बड़ी राहत से कम नहीं है. लाखों वाहन मालिकों पर से केसों का बोझ हटेगा और उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं से भी नहीं गुजरना पड़ेगा.
कितना लगेगा समय?
आगे की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है. परिवहन विभाग ने सभी जिलों के RTO और ARTO कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे अगले 30 दिनों के भीतर लंबित चालानों की स्थिति बदलकर पोर्टल पर अपडेट करें. ऐसे चालानों को “Disposed-Abated” या “Closed-Time Bar” के रूप में दिखाया जाएगा. एक महीने बाद वाहन मालिक पोर्टल पर लॉगिन करके देख सकेंगे कि उनका चालान समाप्त हुआ या नहीं. इसके अलावा, जिन मामलों में हाई कोर्ट ने विशेष आदेश जारी किए हैं, उन्हें 7 दिनों के भीतर पोर्टल से हटा दिया जाएगा.
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