डूब गई अनिल अंबानी की ये कंपनी, 6753 करोड़ का कर्ज, फिर क्यों खरीदना चाहते हैं अडानी?

एक ओर जहां देश के दो बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी-अपनी राहों पर आगे बढ़ रहे हैं, वहीं एक ऐसा फैसला आया है जिसने निवेशकों और बाजार को चौंका दिया है. 6,700 करोड़ से ज्यादा की देनदारियों के बीच, अब एक पावर प्ले की शुरुआत होने वाली है.

अंबानी की इस दिवालिया कंपनी पर अडानी की नजर! Image Credit: Money9Live

Adani takeover VIPL: भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स और अरबपति कारोबारी गौतम अडानी लगातार देश और विदेश में अपने बिजनेस साम्राज्य का विस्तार कर रहे हैं. अडानी ग्रुप ने हाल के वर्षों में कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है और उसमें कई बदलाव लाए हैं. अब अडानी की नजर अंबानी के एक ऐसी कंपनी पर है जिसे वह संभालने में नाकाम रहे. दिवालियापन के बोझ के तले दबी अनिल अंबानी के इस कंपनी का नाम है Vidarbha Industries Power Ltd (VIPL).

और अब इसी कंपनी के लिए अडानी ग्रुप की ऊर्जा इकाई Adani Power को National Company Law Tribunal (NCLT) से एक अहम मंजूरी मिल गई है. इस मंजूरी के बाद वह कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए एक पायदान और आगे बढ़ चुकी है.

NCLT ने दी 4,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 जून को एनसीएलटी ने अडानी पावर द्वारा प्रस्तावित 4000 करोड़ रुपये के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी. ये योजना Reliance Group की कंपनी Reliance Power की पूर्व सब्सिडियरी VIPL के अधिग्रहण के लिए पेश की गई थी. VIPL फिलहाल Insolvency and Bankruptcy Code 2016 के तहत कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) से गुजर रही है.

अडानी पावर ने जो प्रस्ताव दिया है, उसमें कहा गया है कि वो कंपनी (Vidarbha Industries Power Ltd – VIPL) की कुल 6,753 करोड़ रुपये की देनदारियों के बदले केवल 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी. VIPL की साख और संपत्तियों को देखते हुए यह डील कर्जदाताओं के लिए भी एक व्यावहारिक समाधान मानी जा रही है.

क्या करती है VIPL और अडानी की दिलचस्पी क्यों?

Vidarbha Industries Power Ltd महाराष्ट्र के नागपुर स्थित Butibori MIDC Industrial Area में 2×300 मेगावॉट की थर्मल पावर प्लांट संचालित करती है. VIPL कभी रिलायंस पावर की सब्सिडियरी हुआ करती थी, लेकिन 2023 में रिलायंस पावर ने यह घोषणा की थी कि VIPL अब उसकी सहायक कंपनी नहीं रही.

VIPL की मौजूदा हालत को सुधारने के लिए अडानी पावर ने फरवरी 2025 में ही स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया था कि वह इसके लिए रिजोल्यूशन प्लान पेश कर रहा है और उसे कर्जदाताओं से मंजूरी मिल चुकी है. अब NCLT की मुहर के बाद ये अधिग्रहण अगले चरण में पहुंच चुका है.

यह अधिग्रहण न केवल अडानी ग्रुप की एनर्जी प्रोडक्शन कैपेसिटी को मजबूत करेगा, बल्कि उसे महाराष्ट्र में पावर सप्लाई सेक्टर में रणनीतिक बढ़त भी देगा. इससे अडानी पावर के थर्मल पोर्टफोलियो का विस्तार होगा.

अडानी पावर की मौजूदा स्थिति

Adani Power की बात करें तो इस कंपनी का मार्केट कैप 2.07 लाख करोड़ रुपये है. 20 जून को कंपनी का शेयर 540 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. FY25 की चौथी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 2,637 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 4 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है.

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अब जब NCLT की मंजूरी मिल चुकी है, अडानी पावर को अन्य नियामक मंजूरियों का इंतजार है. इसके बाद VIPL का अधिग्रहण औपचारिक रूप से पूरा हो जाएगा.