ADB ने अमेरिकी टैरिफ को बताया भारतीय इकोनॉमी के लिए बाधा, GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 6.5% किया

ADB ने अमेरिकी टैरिफ को भारतीय इकोनॉमी के लिए बाधक बताया है. ADB के मुताबिक FY26 में भारतीय GDP ग्रोथ 6.5% तक रह सकती है. अमेरिकी टैरिफ के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था पर फिस्कल डेफिसिट, महंगाई और RBI की नीतियों का असर भी हो सकता है.

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एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने भारत की FY26 आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6.5% कर दिया है, जबकि पहले यह 7% था. Q1 FY26 में 7.8% की मजबूत ग्रोथ के बावजूद, नए अमेरिकी टैरिफ के कारण ADB ने अनुमान घटाया है, जो भारतीय एक्सपोर्ट्स पर दबाव डाल सकते हैं. ABD की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी टैरिफ के चलते भारतीय एक्सपोर्ट्स में कमी आएगी, जिससे FY26 के दूसरे हाफ और FY27 में GDP ग्रोथ प्रभावित हो सकती है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू मांग और सर्विस एक्सपोर्ट्स इस असर को कुछ हद तक कम करेंगे.

फिस्कल डेफिसिट भी बाधक

FY26 में सरकार का फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 4.4% GDP के आसपास रह सकता है. GST में कटौती और टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर भी सरकार पर दबाव रहेगा. हालांकि, सरकारी खर्चे लगातार बढ़े हुए बने रहेंगे. हालांकि, इसके बाद भी फिस्कल डेफिसिट FY25 के 4.7% की तुलना में थोड़ा कम रहने की उम्मीद है.

चालू खाता और विदेशी निवेश

चालू खाता घाटा FY25 के 0.6% से बढ़कर FY26 में 0.9% और FY27 में 1.1% तक जाने की संभावना है. हालांकि, पेट्रोलियम आयात में कमी के चलते चालू खाता घाटा (CAD) कम हो सकता है. लेकिन, यह कितना घटेगा या बढ़ेगा यह निर्यात के आंकड़ों से तय होगा. हालांकि, सर्विस एक्सपोर्ट्स और रेमिटेंस मजबूत बने रहने की उम्मीद है. मोटे तौर पर वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण नेट कैपिटल इन्फ्लो में गिरावट आ सकती है.

महंगाई और RBI की नीतियां

FY26 के लिए ADB ने महंगाई का अनुमान 3.1% रखा है. जबकि, FY27 में खाद्य वस्तुओं की कीमतों के सामान्य होने पर बढ़ सकती है. RBI ने फरवरी-जून 2025 में रेपो रेट 6.5% से 5.5% किया और आगे CRR में 100 बेसिस पॉइंट कटौती की योजना बनाई है. वहीं, बैंकिंग लोन रेट्स और 10 साल के G-sec यील्ड में गिरावट देखी गई है.

सरकारी खर्च और निवेश का हाल

FY26 के पहले चार महीनों में सरकारी खर्चे रेवेन्यू कलेक्शन से ज्यादा रहे हैं, जिससे फिस्कल डेफिसिट बढ़ा. इस दौरान पूंजीगत खर्च 32.8% बढ़ा, वहीं, चालू खर्च 17.1% बढ़ा, जबकि सब्सिडी में कुल गिरावट 9.6% रही.