बुरा फंसा बांग्लादेश, ग्रोथ रेट औंधे मुंह गिरी; चरम पर बेरोजगारी, राजनीतिक अस्थिरता से कमजोर हुआ ब्राइट स्पॉट

हर गुजरते महीने के साथ परिवारों के गुजारा करने के लिए संघर्ष करने, मजदूरों की नौकरियां जाने और छोटे बिजनेस बंद होने की नई कहानियां सामने आ रही हैं. राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती हिंसा के कारण देश गंभीर आर्थिक संकट की कगार पर है.

बांग्लादेश अर्थव्यवस्था संकट. Image Credit: Getty image

बांग्लादेश अपने हाल के इतिहास के सबसे मुश्किल आर्थिक दौर से गुजर रहा है. अंतरिम सरकार के साथ आए स्थिरता और सुधार के वादे जल्दी ही खत्म हो गए हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था ठप हो गई है और लोग निराश होने लगे हैं. हर गुजरते महीने के साथ परिवारों के गुजारा करने के लिए संघर्ष करने, मजदूरों की नौकरियां जाने और छोटे बिजनेस बंद होने की नई कहानियां सामने आ रही हैं. राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती हिंसा के कारण देश गंभीर आर्थिक संकट की कगार पर है. रेवेन्यू में कमी और कम इन्वेस्टमेंट के कारण सरकारी खजाना खाली हो गया है. कई इंडस्ट्रियल कंपनियां बांग्लादेश छोड़ रही हैं.

7 फीसदी से 4 फीसदी के नीचे आई GDP

क्रिस पापाजॉर्जियो के नेतृत्व में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की एक मिशन टीम ने 29 अक्टूबर से 13 नवंबर, 2025 के दौरान ढाका का दौरा किया था. इसके बाद सामने आए दस्तावेज के अनुसार, ‘वित्त वर्ष 25 में बांग्लादेश की GDP ग्रोथ वित्त वर्ष 24 के 4.2 फीसदी से घटकर 3.7 फीसदी हो गई, जो लोकप्रिय विद्रोह के दौरान उत्पादन में देरी, कड़ी पॉलिसी मिक्स और बढ़ी हुई अनिश्चितता को दर्शाता है.

हेडलाइन महंगाई वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में दोहरे अंकों से गिर गई, लेकिन अक्टूबर में 8.2 फीसदी (साल-दर-साल) पर बनी रही. लेकिन पुराने आंकड़ों पर नजर डालें, तो बांग्लादेश की जीडीपी ने 2020 में 3.5 फीसदी, उसके बाद 2021 में 6.9 फीसदी और 2022 में 7.1 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की थी.

नॉन-परफॉर्मिंग लोन

नॉन-परफॉर्मिंग लोन और प्राइवेट सेक्टर क्रेडिट को लेकर चिंता एक और खुलासा करने वाली कहानी बताती है, जो नए तनाव की नहीं, बल्कि लंबे समय से दबी हुई कमजोरियों के आखिरकार सामने आने की है.

नॉन-परफॉर्मिंग लोन में खतरनाक बढ़ोतरी, जिसके आंकड़े ADB के आकलन में 20 फीसदी अधिक से लेकर सेंट्रल बैंक के संशोधित क्लासिफिकेशन नियमों के तहत 35 फीसदी से ज्यादा तक हैं. यह ईमानदार अकाउंटिंग के प्रति लंबे समय से लंबित प्रतिबद्धता का नतीजा है.

अंदर से सड़ रहा था सिस्टम

रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्षों तक पिछली सरकार ने रेगुलेटरों पर डिफॉल्ट को छिपाने, क्लासिफिकेशन स्टैंडर्ड में ढील देने और लोन रीशेड्यूलिंग को अनिश्चित काल के लिए बढ़ाने का दबाव डाला. इसका नतीजा यह हुआ कि बैंकिंग सेक्टर ऊपरी तौर पर स्वस्थ दिख रहा था, जबकि अंदर ही अंदर खराब हो रहा था.

प्राइवेट क्रेडिट ग्रोथ में कमी

इसलिए नॉन-परफॉर्मिंग लोन में बढ़ोतरी सिस्टम की असली हालत का सामना करने की कीमत है. प्राइवेट क्रेडिट ग्रोथ में कमी, जो 2025 के आखिर में लगभग 6.29 फीसदी तक गिर गई थी, उसे भी संदर्भ में समझा जाना चाहिए. पिछली डबल-डिजिट क्रेडिट ग्रोथ बड़े पैमाने पर, राजनीतिक रूप से जुड़े उधार से बढ़ी थी, जिससे असल में बहुत कम आर्थिक रिटर्न मिला और आखिरकार यह बढ़ते हुए नॉन-परफॉर्मिंग लोन संकट में बदल गया.

इनमें से कई लोन कभी चुकाने के इरादे से दिए ही नहीं गए थे और आरोप है कि इन्हें विदेश में रियल एस्टेट या ऑफशोर अकाउंट्स में भेजा गया था. इसके उलट, आज बैंक अधिक सावधान हैं और क्रेडिट ऐसे सेक्टर्स में जा रहा है जहां डिफॉल्ट का खतरा कम है.

FDI ने किया हैरान

फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) भी इसी तरह की एक हैरान करने वाली कहानी बताता है. इस सोच के उलट कि राजनीतिक उथल-पुथल निवेशकों को रोकती है, बांग्लादेश में 2024-25 फाइनेंशियल ईयर में FDI में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. हालांकि, हाल के रिकॉर्ड में पहली बार अमेरिका से नेट FDI फ्लो नेगेटिव हो गया, जिसका मुख्य कारण राजनीतिक अनिश्चितता के बाद एनर्जी सेक्टर में विनिवेश था, जिससे अमेरिकी इन्वेस्टमेंट में तेजी से गिरावट आई.

अगले साल चुनाव

12 फरवरी 2026 को चुनाव तय होने के साथ ही, अगले ढाई महीनों में बांग्लादेश में पूरी तरह से चुनी हुई सरकार की वापसी की संभावना ने कुछ ग्लोबल इन्वेस्टर्स के बीच माहौल को बेहतर बनाया है, जो अब तक इंतजार कर रहे थे. 180 मिलियन से अधिक लोगों का देश, जिसकी लगभग 60 फीसदी आबादी 30 साल से कम उम्र की है, यह एक बहुत बड़ा डेमोग्राफिक फायदा है.

बेरोजगारी दर में उछाल

बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (BBS) द्वारा जारी किए गए लेटेस्ट तिमाही लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार, 19वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ लेबर स्टैटिस्टिशियन (ICLS) के स्टैंडर्ड के हिसाब से मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश में बेरोजगारी दर 4.63 फीसदी रही. यह पिछले साल इसी अवधि में दर्ज किए गए 3.95 फीसदी से काफी अधिक है.

खाने-पीने की चीजें महंगी

लगातार महंगाई, खासकर जरूरी खाने-पीने की चीजों की कीमतें घरों की परचेजिंग पावर को कम कर रही है. इससे घरेलू मांग कमजोर हो रही है और रिकवरी की कहानी और भी मुश्किल हो रही है. प्राइवेट सेक्टर का निवेश, जिसे लंबे समय से लगातार ग्रोथ का असली इंजन माना जाता रहा है, वह भी तेजी से धीमा हो गया है. कैपिटल मशीनरी का आयात, जो बिजनेस विस्तार का एक मुख्य इंडिकेटर है – FY24-25 वित्तीय वर्ष में पिछले साल की तुलना में लगभग 25 फीसदी गिर गया और ऐसी मशीनरी के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट में भी इसी तरह की गिरावट आई है.

उथल-पुथल से पहले बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था ने मजबूत हेडलाइन ग्रोथ रेट दिखाए थे. पिछले दशक में सालाना औसतन 6-7 फीसदी, लेकिन इसने स्ट्रक्चरल कमजोरियों को छिपा दिया था, जिसमें कम रेवेन्यू जुटाना और बड़ा करेंट अकाउंट घाटा शामिल है. कई रेगुलेटरी रुकावटें भी थीं, जिन्होंने निवेशकों का भरोसा कम कर दिया था.

क्या ढह रही है इकोनॉमी?

2024-25 में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद तेजी से गिरावट के बाद, बांग्लादेश पूरी तरह से आर्थिक मंदी से तो बच गया, लेकिन कम ग्रोथ वाले देशों की लिस्ट में आ गया. IMF ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए लगभग 4.9 फीसदी GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया है, जो पहले के अनुमानों से कम है.

आज बांग्लादेश की इकोनॉमी ढह नहीं रही है. यह एक दशक से अधिक समय तक ऐसी सरकार के बाद एक मुश्किल लेकिन जरूरी रीकंस्ट्रक्शन से गुजर रही है, जिसने संस्थागत सेहत के बजाय दिखावटी स्थिरता को ज्यादा अहमियत दी. ज्यादा नॉन-परफॉर्मिंग लोन, धीमी क्रेडिट ग्रोथ, और लगातार महंगाई उन स्ट्रक्चरल समस्याओं के लक्षण हैं जिनका अब सामना किया जा रहा है. यह सामना होना तय था और इसमें पहले ही देरी हो चुकी थी.

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