ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, GST नोटिस पर लगी रोक
सुप्रीम कोर्ट से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कसीनों को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने टैक्स चोरी करने वाली इन ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जीएसटी काउंसिल की ओर से जारी 1 लाख करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है.

सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कसीनो को बड़ी राहत मिली है. इन कंपनियों पर चल रही जीएसटी काउंसिल की कार्यवाही से बड़ी मुक्ति मिली है, क्योंकि कोर्ट ने टैक्स चोरी करने वाली इन ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जीएसटी काउंसिल की ओर से जारी 1 लाख करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है. दो जजों की पीठ ने इस पर अपना फैसला सुनाया है. जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेव की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि इन मामलों में कोर्ट की सुनवाई की जरूरत है. कोर्ट ने आगे कहा कि सभी गेमिंग कंपनियों के खिलाफ हो रही कार्यवाही पर रोक लगाई जानी चाहिए.
इस पर जीएसटी विभाग के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमन ने कहा कि कुछ कारण बताओ नोटिसों की अवधि फरवरी में खत्म हो जाएगी. वहीं मामले पर अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की गई है.
क्या है पूरा मामला?
अक्टूबर 2023 में, जीएसटी अधिकारियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को टैक्स चोरी के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किए थे. इसके बाद, सरकार ने जीएसटी कानून में बदलाव किया था, जिसके अनुसार अब 1 अक्टूबर 2023 से विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में पंजीकरण कराना जरूरी हो गया था. इसके साथ ही, अगस्त 2023 में जीएसटी परिषद ने यह साफ किया कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. परिषद के इस फैसले के खिलाफ, गेमिंग कंपनियों ने नौ राज्य के उच्च न्यायालयों में याचिका दायर की थी.
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वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 2024 को केंद्र सरकार की याचिका स्वीकार की थी और उन याचिकाओं को अपने पास ले लिया था, जो नौ उच्च न्यायालयों में दायर की गई थीं, जिनमें 28 प्रतिशत जीएसटी को चुनौती दी गई थी. इसके बाद, गेम्स 24×7, हेड डिजिटल वर्क्स, और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसी कई गेमिंग कंपनियों ने इस पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी थी.
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