तुर्किये और अजरबैजान को ‘आतंकिस्तान’ से दोस्ती की सजा! कैट ने की बिजनेस स्ट्राइक
Operation Sindoor के दौरान आतंक के फैलाने वाले पाकिस्तान का साथ देना तुर्किये और अजरबैजान को भारी पड़ रहा है. भारत के आम लोग पहले ही इन दोनों देशों के खिलाफ ऑपरेशन कैंसिलेशन चला रहे हैं. अब व्यापारिक संगठन कैट ने भी बिजनेस स्ट्राइक कर दी है.

भारतीय व्यापारियों के शीर्ष संगठन CAIT ने आतंकिस्तान उर्फ पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्किये और अजरबैजान पर बिजनेस स्ट्राइक कर दी है. कैट यानी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि भारत के व्यापारी तुर्किये और बजरबैजान के साथ सभी तरह के व्यापारिक संबंधों का बहिष्कार कर रहे हैं. CAIT ने इसके लिए देशव्यापी जागरूकता अभियान भी शुरू करने का ऐलान किया है, ताकि व्यापारियों और उपभोक्ताओं को इस बहिष्कार में शामिल किया जा सके. यह कदम भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए एक अहम माना जा रहा है.
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने इन देशों के खिलाफ कड़ी नाराजगी और आक्रोश व्यक्त किया है तथा उनकी नीतियों को भारत विरोधी करार दिया है. सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह निष्कर्ष निकाला गया कि ऐसे देशों को भारत से कोई आर्थिक सहयोग या व्यापारिक लाभ नहीं मिलना चाहिए. वहीं, CAIT के महासचिव और भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्किये और अजरबैजान, जिन्हें भारत की सद्भावना, सहायता और रणनीतिक समर्थन से लाभ मिला है, अब पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं.एक ऐसा देश जो आतंकवाद फैलाने के लिए कुख्यात है, उसका समर्थन भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर सीधा हमला है. यह 1.4 अरब भारतीयों की भावनाओं का अपमान है.
देश के शीर्ष व्यापार नेताओं जताई सहमति
शुक्रवार 15 मई को CAIT की तरफ से देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन के दौरान देशभर के 125 से अधिक शीर्ष व्यापार नेताओं ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि भारत का व्यापार समुदाय तुर्किये और अजरबैजान के साथ सभी व्यापारिक संबंधों का पूरी तरह से बहिष्कार करेगा. इसमें यात्रा और पर्यटन जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं.
फिल्म शूटिंग का होगा बहिष्कार
व्यापार समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी तुर्किये और अजरबैजान में किसी भी फिल्म की शूटिंग न करने की भी अपील करते हुए कहा कि अगर फिल्मों की शूटिंग वहां की जाती है, तो व्यापारी समुदाय के साथ ही आम जनता उन फिल्मों का बहिष्कार करेगी. इसके साथ ही सम्मेलन में यह भी फैसला किया गया है कि कोई भी कॉर्पोरेट घराना इन देशों में अपने उत्पाद के प्रचार के लिए शूटिंग नहीं करेगा.
भारत विरोधी हर ताकत का विरोध
सम्मेलन में 24 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान सभी कारोबारियों ने संकट के इस दौरान देश की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए भारत के खिलाफ खड़ी हर ताकत का दृढ़ता से विरोध करने की कसम खाई.
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