अब Crypto War के साए में भारत, भूटान-पाकिस्तान-चीन ने बनाया अरबों का रिजर्व; जान लें नया गेम

आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी अब सिर्फ एक फाइनेंशियल एक्सपेरिमेंट नहीं रही, बल्कि यह अब कूटनीति, आर्थिक रणनीति और ग्लोबल पावर बैलेंस का नया हथियार बनती जा रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, भूटान और चीन जैसे देश क्रिप्टो रिजर्व के इस वार में कितना आगे हैं.

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Crypto Reserve: दुनिया भर के कई देशों में क्रिप्टो को लेकर होड़ मची हुई है. आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी अब सिर्फ एक फाइनेंशियल एक्सपेरिमेंट नहीं रही, बल्कि यह अब कूटनीति, आर्थिक रणनीति और ग्लोबल पावर बैलेंस का नया हथियार बनती जा रही है. भारत समेत पूरी दुनिया में डिजिटल करेंसी को लेकर चर्चा तेज है. भारत के कई पड़ोसी देश भी क्रिप्टो रिजर्व बनाने की तरफ लगातार ध्यान दे रहे हैं. देश के कुछ पड़ोसी देश धीरे-धीरे क्रिप्टो रिजर्व बना रहे हैं, तो कुछ ने इस पर सख्त बैन लगाया हुआ है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, भूटान और चीन जैसे देश क्रिप्टो रिजर्व के इस वार में कितना आगे हैं.

पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार से भी ज्यादा है क्रिप्टो रिजर्व

सबसे पहले बात करते हैं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की, कि वहां क्रिप्टो रिजर्व को लेकर क्या स्थिति है. पाकिस्तान लगातार क्रिप्टो रिजर्व को बढ़ावा दे रहा है. इसी महीने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने एक ऑर्डिनेंस पर साइन कर ‘Pakistan Virtual Asset Regulatory Authority’ (PVARA) बनाई है, जो क्रिप्टो को लाइसेंस देती है और रेगुलेट करती है. साथ ही Binance के फाउंडर चांगपेंग झाओ (CZ) अब पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल के सलाहकार भी बन गए हैं. साथ ही पाकिस्तान, अमेरिका की ट्रंप समर्थक क्रिप्टो कंपनी ‘World Liberty Financial’ के साथ भी गहरे रिश्ते बना रहा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अपने क्रिप्टो रिजर्व का पब्लिक खुलासा नहीं करता, लेकिन अनुमान बताते हैं कि पाकिस्तान के लोगों के पास काफी बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी है, जो शायद देश के विदेशी मुद्रा भंडार से भी ज्यादा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानियों के पास करीब 20 अरब डॉलर की क्रिप्टो रिजर्व है.

भूटान की GDP का 40 फीसदी है क्रिप्टो रिजर्व

भारत का पड़ोसी देश भूटान तो साल 2019 से ही अपने हाइड्रोपावर की मदद से चुपचाप बिटकॉइन माइन कर रहा है. ET की रिपोर्ट के मुताबिक, Druk Holding & Investments (DHI) ने अब तक करीब 12,000-13,000 बिटकॉइन माइन किए हैं, जिनकी कीमत लगभग 1.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है. यह रकम भूटान की कुल GDP का लगभग 40 फीसदी है. खास बात यह है कि भूटान बिजली को सस्ते में बेचने की बजाय, उसे क्रिप्टो में बदलकर सरकार ने एक मजबूत फाइनेंशियल बैकअप तैयार किया है.

UAE की बिटकॉइन होल्डिंग है 40 अरब डॉलर

बाइनेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने क्रिप्टोकरेंसी रिजर्व के मामले में एक बड़ा कदम उठाया है, जहां उसकी बिटकॉइन होल्डिंग अब 40 अरब डॉलर तक पहुंच गई है. यह तेजी क्रिप्टो मार्केट में तेजी का हिस्सा है, जिससे UAE की पहचान एक क्रिप्टो लीडर के रूप में और मजबूत होती दिख रही है.

क्या है क्रिप्टो रिजर्व के मामले में चीन का हाल?

क्रिप्टो रिजर्व के मामले में चीन की स्थिति थोड़ी अलग है. उसने पर्सनली तौर पर क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, ईथर की ट्रेडिंग और माइनिंग पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि चीन इस रेस से बाहर है. वह अपनी खुद की सरकारी डिजिटल करेंसी, e-CNY (डिजिटल युआन), को बहुत तेजी से आगे बढ़ा रहा है और उसे इंटरनेशनल लेवल पर लॉन्च करने की कोशिश में लगा है. इसके अलावा चीन फिनटेक और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के ग्लोबल स्टैंडर्ड बनाने में भी बहुत एक्टिव है. यानी निजी क्रिप्टो पर बैन जरूर है, लेकिन डिजिटल करेंसी के मामले में चीन अभी भी दुनिया के टॉप खिलाड़ियों में शामिल है.

क्रिप्टो मार्केट में कौन सी कॉइन का है दबदबा

जुलाई 2025 तक बिटकॉइन पूरी क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का 62.43 फीसदी हिस्सा अकेले संभाल रहा है. यानी कि हर 100 रुपये में करीब 62 रुपये सिर्फ बिटकॉइन में लगे हुए हैं. वहीं दूसरे नंबर पर ईथीरियम कॉइन है, जिसका हिस्सा 8.92 फीसदी है.

क्रिप्टो कॉइन दुनिया के मार्केट में हिस्सेदारी (%)
बिटकॉइन (Bitcoin)62.43%
ईथीरियम (Ethereum)8.92%
टीथर (Tether)4.61%
एक्सआरपी (XRP)3.89%
बायनेंस कॉइन (Binance)2.8%
सोलाना (Solana)2.32%
यूएसडीसी (USDC)1.8%
डोजीकॉइन (Dogecoin)0.73%
कार्डानो (Cardano)0.61%
अन्य सभी कॉइन (Others)11.89%

हर महीने 7,000 से ज्यादा लोग हुए क्रिप्टो फिशिंग का शिकार

जितनी तेजी से क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट फैल रहा है, उतनी ही तेजी से इसकी धोखाधड़ी भी हो रही है. क्रिप्टो फिशिंग का मामला दिनप्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. दुनिया भर में हर महीने औसतन 7,000 लोगों को स्कैमर झांसे में लेकर उनकी पर्सनल जानकारी, वॉलेट की प्राइवेट की या पासवर्ड हासिल कर लेते हैं और फिर उससे क्रिप्टो चोरी कर लेते हैं. अगर मीडिया रिपोर्ट की बात करें तो जनवरी 2025 में ही ऐसे कुल 9,220 मामले दर्ज हुए.

महीनाफिशिंग के शिकार लोग (संख्या)अनुमानित नुकसान (मिलियन डॉलर में)
जनवरी9,22010.25
फरवरी7,4425.32
मार्च5,9926.37
अप्रैल7,5655.29
मई7,5479.69
जून5,8622.8
सोर्स- मिंट

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