10 लाख भारतीयों को नौकरी देने की तैयारी में रूस, जानें किन्हें मिलेगा मौका और कितनी होगी सैलरी?
भारत और रूस का रिश्ता अब सिर्फ हथियार खरीदने बेचने तक सीमित नहीं रह गया है. अब रूस 10 लाख के करीब भारतीय कामगारों को नौकरी देने की तैयारी कर रहा है. रूसी उद्योग मंडल के मुताबिक इस योजना पर गंभीरता से काम किया जा रहा है और इस साल के अंत तक 10 लाख कुशल श्रमिकों को रूस ले जाने का लक्ष्य रखा गया है.
रूसी उद्योग इस वर्ष के अंत तक 10 लाख भारतीयों को रूस ले जाना चाहते हैं. रूस में यूक्रेन के साथ जारी युद्ध की वजह से श्रमिकों की भारी कमी हो रही है. इस कमी को दूर करने के लिए रूस भारतीय श्रमिकों को नौकरी देने की योजना बना रहा है. रूस और भारत सरकार के बीच शीर्ष स्तर पर इस संबंध में बातचीत हो रही है. खासतौर पर रूस स्वेर्दलोव्स्क जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की कमी को दूर करने के लिए भारतीय श्रमिकों को रूस बुलाना चाहता है. भारत के अलावा रूस की तरफ से श्रीलंका और उत्तर कोरिया जैसे देशों से भी श्रमिकों को बुलाने पर विचार किया जा रहा है.
क्या है रूस की योजना?
एक दिग्गज रूसी कारोबारी के हवाले से PTI की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस अपने औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी को दूर करने के लिए इस साल के अंततक भारत से करीब 10 लाख कुशल श्रमिकों को ले जाना चाहता है. वहीं, रूसी उद्योग मंडल यूराल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रमुख आंद्रेई बेसेदिन ने समाचार एजेंसी रॉसबिजनेसकंसल्टिंग से बात करते हुए कहा कि रूस सरकार से सरकार के स्तर पर भारत से कुशल कामगारों को मंगाने की योजना बना रहा है.
कहां काम करेंगे भारतीय श्रमिक?
बेसेदिन ने बताया कि भारत से रूस लाए जाने वाले कामगारों को खासतौर पर रूस के स्वेर्दलोव्स्क औद्योगिक क्षेत्र में नियुक्त किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय श्रमिकों के रूस में बुलाए जाने से जुड़े मामलों को देखने के लिए येकातेरिनबर्ग में एक नया महावाणिज्य दूतावास खोला जा रहा है. बेसेदिन का कहना है कि भारतीय पेशेवरों के आने से स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र में काबिल कार्यबल की कमी पूरी हो जाएगी.
क्या काम करेंगे भारतीय श्रमिक?
यूराल पर्वत में स्थित स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र असल में भारी उद्योग एवं सैन्य-औद्योगिक परिसरों का केंद्र है. यहां यूरालमाश और टी-90 जैसे टैंक बनाने वाली कंपनी यूराल वैगन जावोद भी है. इस तरह माना जा रहा है कि कुशल भारतीय श्रमिक रूस के भारी और सैन्य उद्योग के लिए काम कर सकते हैं. रूस में भारतीय श्रमिकों की आवाजाही 2024 से ही शुरू हो गई थी.
रूस में कितने श्रमिकों की जरूरत?
रूसी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी श्रम मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक देश में 31 लाख श्रमिकों की कमी का अनुमान लगाया है. इसे देखते हुए 2025 में योग्य विदेशी श्रमिकों के आमंत्रण का कोटा 1.5 गुना बढ़ाकर 2.3 लाख करने का प्रस्ताव रखा है.
कितनी मिलेगी सैलरी?
रूस में किसी भी कुशल श्रमिक को औसतन 22,440 से 25,000 रूबल मिलते हैं. वहीं, भारी उद्योग और सैन्य उद्योग में काम करने वालों को और ज्यादा रकम मिलती है. 1 रूबल 1.10 रुपये के बराबर होता है. ऐसे में अगर एक कुशल श्रमिका का औसत वेतन करीब 24699 से 27516 रुपये के बीच हो सकता है. हालांकि, यह न्यूनतम वेतन होता है. आमतौर पर कुशल श्रमिकों को इससे दोगुना तक वेतन मिल सकता है.