TATA Consumer-PTC समेत भारत की 303 कंपनियां हुईं कर्जमुक्त, FY25 में दोगुनी हुई नकदी; फोकस में रखें ये शेयर
भारत की कुछ बड़ी कंपनियों ने इस बार बैलेंस शीट में ऐसा बदलाव किया है जो निवेशकों के लिए काफी अहम हो सकता है. एक तरफ कर्ज खत्म हो गया, दूसरी ओर कैश जमा हो रहा है. लेकिन इस ट्रेंड के पीछे असली वजह क्या है? और इसका मतलब क्या है?
भारतीय कॉरपोरेट दुनिया में इन दिनों एक अनोखा ट्रेंड दिख रहा है. एक तरफ जहां कंपनियां तेजी से अपने कर्ज चुकता कर रही हैं और बैलेंस शीट को मजबूत बना रही हैं, वहीं दूसरी ओर वे नए निवेश करने से परहेज कर रही हैं. वित्त वर्ष 2024-25 में 303 कंपनियां पूरी तरह कर्जमुक्त हो गईं और उनके पास मौजूद नकदी की मात्रा दोगुनी होकर 50,463 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. ऐसे में जो कंपनियां लिस्टेड हैं उनके शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है.
कंपनियां कर रहीं कैश स्टॉक, निवेश नहीं
फाइनेंशियर एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक Capitaline की रिपोर्ट बताती है कि 3500 लिस्टेड कंपनियों के डेटा में से ये 303 कंपनियां ऐसी हैं जिनका कुल कर्ज FY24 में 28,007 करोड़ रुपये था, जो FY25 में घटकर -20,511 करोड़ रुपये हो गया. वहीं, उनके पास कैश रिजर्व 21,478 करोड़ रुपये से बढ़कर 50,463 करोड़ रुपया हो गया है.
किन कंपनियों की बैलेंस शीट सबसे मजबूत हुई?
नीचे दिए गए चार्ट से समझा जा सकता है कि किस कंपनी ने कितना कर्ज घटाया और कितनी नकदी जुटाई:
कंपनी | Net Debt (FY24) | Net Debt (FY25) | Cash (FY24) | Cash (FY25) |
---|---|---|---|---|
Nagarjuna Fertilizers | ₹3,231 करोड़ | ₹-59 करोड़ | ₹30 करोड़ | ₹78 करोड़ |
PTC India | ₹2,134 करोड़ | ₹-312 करोड़ | ₹2,193 करोड़ | ₹3,274 करोड़ |
Chambal Fertilizers | ₹1,741 करोड़ | ₹-138 करोड़ | ₹133 करोड़ | ₹236 करोड़ |
Sobha Developers | ₹1,266 करोड़ | ₹-625 करोड़ | ₹673 करोड़ | ₹1,809 करोड़ |
SignatureGlobal | ₹1,203 करोड़ | ₹-649 करोड़ | ₹736 करोड़ | ₹1,498 करोड़ |
BF Utilities | ₹1,103 करोड़ | ₹-24 करोड़ | ₹195 करोड़ | ₹35 करोड़ |
Tata Consumer | ₹1,023 करोड़ | ₹-425 करोड़ | ₹2,454 करोड़ | ₹2,818 करोड़ |
Premier Energies | ₹992 करोड़ | ₹-49 करोड़ | ₹206 करोड़ | ₹220 करोड़ |
Welspun Corp | ₹877 करोड़ | ₹-152 करोड़ | ₹1,072 करोड़ | ₹1,255 करोड़ |
Ind-Swift Laboratories | ₹844 करोड़ | ₹-415 करोड़ | ₹18 करोड़ | ₹432 करोड़ |
सिर्फ इन 10 कंपनियों की ही बात करें तो कुल 14,414 करोड़ रुपये का कर्ज FY24 में था, जो FY25 में -2,848 रुपये करोड़ हो गया.
यह भी पढ़ें: बाप रे! 19 दिनों से लगातार अपर सर्किट में है ये स्मॉल-कैप स्टॉक, एक साल में दिया 480% से ज्यादा रिटर्न
आरबीआई की चेतावनी
आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार, FY25 में कॉरपोरेट कर्ज केवल 2.9 फीसदी बढ़ा, जो बीते पांच वर्षों में सबसे कम है. ये तब है जब इस साल 100 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट कटौती हो चुकी है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.