कौन है दादासाहेब भगत, जो कभी करते थे 4 हजार की नौकरी; आज 10 करोड़ की कंपनी के हैं मालिक, PM मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

महाराष्ट्र के बीड जिले के साधारण परिवार से आने वाले दादासाहेब भगत ने 4 हजार रुपये की सैलरी से करियर की शुरुआत की और आज वे 10 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं.उन्होंने ऑफिस बॉय की नौकरी करते हुए डिजाइन सीखा और अपनी कंपनी डिजाइन टेम्पलेट की शुरुआत की.शार्क टैंक इंडिया में उन्होंने अपनी कंपनी का वैल्यूएशन 40 करोड़ रुपये बताया.

दादासाहेब भगत ने 4 हजार रुपये की सैलरी से करियर की शुरुआत की थी. Image Credit:

Dadasaheb Bhagat: देश में कई ऐसी कहानियां हैं जो यह साबित करती हैं कि मेहनत और लगन से जिंदगी बदली जा सकती है. ऐसा ही एक कहानी है महाराष्ट्र के बीड जिले के एक साधारण परिवार से आने वाले दादासाहेब भगत की. कभी 4 हजार रुपये महीने की सैलरी पर काम करने वाले दादासाहेब आज 10 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं. खास बात यह है कि उन्होंने मात्र 10वीं तक की ही पढ़ाई की है और कई लोगों को नौकरी भी दे रहे हैं. यहां तक कि उनकी इस सफलता की कहानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा है.

पढ़ाई पर नहीं था ध्यान

दादासाहेब भगत का जन्म महाराष्ट्र के बीड जिले के एक सूखा प्रभावित गांव में हुआ था. परिवार में शिक्षा को लेकर कभी खास ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की और इसके बाद आईटीआई कोर्स पूरा किया. इसी के सहारे उन्होंने फैक्ट्री में शुरुआती नौकरियां कीं.

ऑफिस बॉय की नौकरी से शुरुआत

पढ़ाई के बाद वे नौकरी की तलाश में पुणे पहुंचे. यहां उन्होंने 4 हजार रुपये महीने की सैलरी पर काम शुरू किया. इसके बाद उन्हें इंफोसिस में 9 हजार रुपये महीने पर ऑफिस बॉय की नौकरी मिली. उनका काम ऑफिस की सफाई और सामान पहुंचाना था.

कंप्यूटर ने बदल दी जिंदगी की दिशा

इंफोसिस में काम करते हुए उन्होंने देखा कि कर्मचारी आराम से कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं. तभी उन्हें एहसास हुआ कि ज्ञान ही उनकी जिंदगी बदल सकता है. उन्हें बचपन से कला में रुचि थी, इसलिए उन्होंने ग्राफिक डिजाइन और एनीमेशन सीखना शुरू किया. दिन में वे काम करते और रात में डिजाइन सीखते. एक साल में वे प्रोफेशनल डिजाइनर बन गए.

खुद का स्टार्टअप शुरू किया

किसी बड़ी कंपनी में नौकरी करने की बजाय उन्होंने खुद का डिजाइन वेंचर शुरू किया. हालांकि कोविड 19 लॉकडाउन में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ऑफिस बंद करना पड़ा और गांव लौटना पड़ा. वहां बिजली और इंटरनेट की कमी के बावजूद उन्होंने पहाड़ी पर गोशाला के पास वर्कस्पेस बनाया और काम जारी रखा.

डिजाइन टेम्पलेट कंपनी की हुई शुरुआत

इसी दौरान उनकी कंपनी डिजाइन टेम्पलेट की शुरुआत हुई. यह कंपनी फ्री में प्रोफेशनल वीडियो टेम्पलेट और इफेक्ट्स उपलब्ध कराती है. लोग अनलिमिटेड आफ्टर इफेक्ट्स और प्रीमियर प्रो टेम्पलेट फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं. धीरे धीरे कंपनी को पहचान मिलने लगी.

शार्क टैंक में पहुंचे दादासाहेब भगत

दादासाहेब भगत शार्क टैंक इंडिया सीजन 3 में पहुंचे. उन्होंने अपनी कंपनी के 2.5 प्रतिशत इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये मांगे. कंपनी का वैल्यूएशन 40 करोड़ रुपये बताया गया. शो में उन्होंने बताया कि पिछली साल कंपनी का रेवेन्यू 1.6 करोड़ रुपये था और 2024 25 में 3 करोड़ रुपये का लक्ष्य है. दादासाहेब की कहानी को कई मीडिया प्लेटफॉर्म ने कवर किया. अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी सराहना की और कहा कि वे मेक इन इंडिया की भावना को दर्शाते हैं.

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