ट्रंप के 50% टैरिफ के बावजूद, एक्सपोर्ट मार्केट में टिका हुआ है भारत; ये है वजह
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के बावजूद भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर में मजबूती बनी हुई है. GTRI और एलारा कैपिटल की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका को निर्यात में गिरावट के बावजूद भारत ने अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाकर कुल निर्यात में 6.7 फीसदी की वृद्धि हासिल की है. इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न-आभूषण और चावल निर्यात में मजबूत प्रदर्शन दिखा है.

US tariff impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 फीसदी के व्यापक टैरिफ के बाद भारत के व्यापारिक भविष्य को लेकर चिंता जताई जा रही थी. हालांकि, ताजा आंकड़े बताते हैं कि भारत की रणनीतिक पहल और निर्यात बाजारों में डायवर्सिफिकेशन की कोशिशें रंग ला रही हैं. एक तरफ जहां अमेरिका को निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है, वहीं वैश्विक स्तर पर भारत का कुल निर्यात सकारात्मक बना हुआ है.
अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा मई 2025 में लगाए गए उच्च टैरिफ के बाद भारत का अमेरिका को निर्यात चार महीनों में 37.5 फीसदी गिरकर 8.8 अरब डॉलर से घटकर सितंबर में 5.5 अरब डॉलर रह गया. यह गिरावट इस साल की अब तक की सबसे तेज और लगातार जारी रहने वाली है. ये टैरिफ भारत के अमेरिका को कुल निर्यात के 60 फीसदी से अधिक हिस्से पर लागू हैं, जिसमें कपड़ा, रत्न और आभूषण, समुद्री प्रोडक्ट्स और चमड़े का सामान जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
डायवर्सिफिकेशन से मिली मजबूती
लेकिन इस निराशाजनक आंकड़े के पीछे एक सकारात्मक कहानी छिपी है. दरअसल, भारत ने अमेरिका पर निर्भरता कम करने और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों को बढ़ावा देने की जो रणनीति अपनाई है, उसके नतीजे अब दिखने लगे हैं. ब्रोकरेज फर्म एलारा कैपिटल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में भारत का कुल निर्यात सालाना आधार पर 6.7 फीसदी बढ़ा है, जबकि सितंबर 2024 में यह -1.0 फीसदी था. वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में निर्यात में 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 7 फीसदी की गिरावट के ठीक उलट है.
इस वृद्धि के पीछे निर्यात का विविधिकरण एक प्रमुख कारक रहा है. स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), चीन और बांग्लादेश जैसे देशों को निर्यात में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो टैरिफ से उत्पन्न व्यवधानों के बीच व्यापार मार्गों में हो रहे बदलाव का संकेत देता है.
किन क्षेत्रों ने दिखाया बेहतर प्रदर्शन?
कुछ प्रमुख क्षेत्रों ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है.
- इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात: सितंबर में 50.5 फीसदी की शानदार वृद्धि के साथ, यह क्षेत्र निर्यात की रीढ़ बना हुआ है.
- रत्न और आभूषण: सितंबर में 0.4 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अप्रैल–सितंबर अवधि में वृद्धि 1.8 फीसदी रही.
- चावल निर्यात: 33.2 फीसदी की वृद्धि के साथ 924.8 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ.
चुनौतियां अभी बरकरार
हालांकि, सभी क्षेत्र इतने भाग्यशाली नहीं रहे. कुछ क्षेत्रों को अब भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. रेडीमेड गारमेंट्स का निर्यात 10.1 फीसदी घटकर 997 मिलियन डॉलर रह गया, जबकि सूती और हथकरघा निर्यात में 11.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. इससे यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक सोर्सिंग में बदलाव के इस दौर में टेक्सटाइल सेक्टर के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं.
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