टूट गए सभी रिकॉर्ड! गांव से शहरों तक दिवाली की खरीदारी पर लोगों ने खर्च किए 6 लाख करोड़ रुपये
भारत में दिवाली शॉपिंग का नया रिकॉर्ड बन गया है. लोगों ने दिवाली पर कुल 6.05 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की है. इसमें मुख्य भूमिका छोटे ट्रेडर्स और गैर-कॉर्पोरेट मार्केट्स की रही, जबकि GST कटौती और मजबूत कंज्यूमर सेंटिमेंट ने बिक्री को और बढ़ावा दिया. CAIT के मुताबिक, ग्रामीण और सेमी-शहरी बाजार ने भी 28% योगदान दिया है.
देश के सबसे बड़े कारोबारी संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक इस साल दिवाली पर भारत में कुल 6.05 लाख करोड़ रुपये की शॉपिंग की है. इसमें 5.40 लाख करोड़ रुपये का हिस्सा वस्तुओं का और 65,000 करोड़ रुपये का हिस्सा सेवाओं का है. पिछले साल की तुलना में यह बिक्री लगभग 42% ज्यादा है, जो मजबूत कंज्यूमर सेंटिमेंट और हाल ही में हुए GST सुधार का नतीजा है.
छोटे ट्रेडर्स की बड़ी वापसी
दिवाली पर हुई बिक्री का 85% योगदान नॉन-कॉर्पोरेट और पारंपरिक बाजारों से आया है, जो यह दर्शाता है कि छोटे ट्रेडर्स और स्थानीय बाजार फिर से अपनी मजबूत स्थिति में लौट आए हैं. वहीं, इस शॉपिंग में ग्रॉसरी और FMCG का हिस्सा 12%, गोल्ड और जूलरी का 10%, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स का 8% हिस्सा रहा है, जबकि रेडिमेड गामेंट्स, गिफ्ट आइटम और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का मिलाकर हिस्सा 21% रहा है.
सर्विस सेक्टर का भी बड़ा योगदान
सेवाओं में खासतौर पर पैकेजिंग, हॉस्पिटैलिटी, कैब सर्विस, ट्रैवल, इवेंट मैनेजमेंट, टेंट और डेकोरेशन और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों ने 65,000 करोड़ का योगदान दिया है. CAIT ने बताया कि 72% व्यापारियों ने यह वृद्धि सीधे कम GST दरों से जोड़कर देखी है, खासकर दैनिक उपयोग की वस्तुएं, फुटवियर, गारमेंट्स, कंफेक्शनरी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की बिक्री पर बड़ा असर आया है.
ग्रामीण बाजार ने दी मजबूती
Diwali 2025 की ट्रेडिंग में ग्रामीण और कस्बई इलाकों का योगदान 28% रहा, जो बताता है कि आर्थिक गतिविधियां केवल बड़े महानगरों तक सीमित नहीं है. इस दौरान लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट और रिटेल सर्विसेज की वजह से लगभग 50 लाख अस्थायी रोजगार भी बने.
असर आगे भी जारी
व्यापारी और उपभोक्ता दोनों ने स्थिर कीमतों और बेहतर उत्पाद उपलब्धता को लेकर संतोष व्यक्त किया. CAIT के अनुसार, यह उत्सव आधारित मांग सर्दियों, शादियों और जनवरी मध्य से शुरू होने वाले अगले शादियों के सीजन तक जारी रहने की उम्मीद है.