2026 में 6.8% से ज्यादा रहेगी भारत की GDP ग्रोथ रेट, CEA ने जताया भरोसा; सर्विस सेक्टर में सुधार से बढ़ी उम्मीद
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी आनंद नागेश्वरन ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में भारत की आर्थिक ग्रोथ 6.8 फीसदी से अधिक रह सकती है. उन्होंने बताया कि GST रेटों में कटौती और इनकम टैक्स राहत से खपत में तेजी आई है. पहली तिमाही में GDP 7.8 फीसदी रही और यदि अमेरिका के साथ व्यापार समझौता होता है, तो ग्रोथ और बढ़ सकती है.
Economic Growth: भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी आनंद नागेश्वरन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2026 में देश की आर्थिक ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी से अधिक रहेगी. उन्होंने बताया कि GST रेटों में कटौती और इनकम टैक्स राहत से खपत में तेजी आई है, जिससे विकास की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है. नागेश्वरन ने कहा कि वे अब 6.8 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ को लेकर आश्वस्त हैं.
7 फीसदी तक जा सकती है ग्रोथ रेट
जनवरी में संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.3 से 6.8फीसदी के बीच ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था. नागेश्वरन ने कहा कि शुरुआत में आशंका थी कि यह रेट निचले स्तर तक सीमित रह सकती है, लेकिन अब 6.8 फीसदी से ऊपर का स्तर हासिल करना संभव लग रहा है. उन्होंने कहा कि अगर दूसरी तिमाही के आंकड़े बेहतर आते हैं तो यह रेट 7 फीसदी के आसपास भी जा सकती है.
पहली तिमाही में 7.8 फीसदी रही ग्रोथ
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.8 फीसदी रही थी. इसकी वजह एग्रीकल्चर सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन और सर्विस सेक्टर में सुधार रहा. व्यापार, होटल, वित्तीय सेवाएं और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में मजबूती ने भी विकास में सहयोग दिया. यह रेट चीन की 5.2 फीसदी ग्रोथ की तुलना में कहीं अधिक रही, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है.
व्यापार समझौते से मिलेगी नई रफ्तार
नागेश्वरन ने कहा कि अगर भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो जाता है तो ग्रोथ को और गति मिल सकती है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार मसलों पर बातचीत जारी है और अगर समाधान निकलता है तो यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा पॉजिटीव संकेत होगा.
भारत पर भारी टैरिफ
अभी भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बना हुआ है. अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगाया है, जिसमें 25 फीसदी की पेनाल्टी ड्यूटी भी शामिल है. यह कार्रवाई भारत के रूस से कच्चा तेल आयात करने और व्यापारिक बाधाओं के चलते की गई है. यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू हुआ है और अब तक का सबसे ज्यादा टैरिफ चार्ज माना जा रहा है.
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ग्रोथ के प्रति CEA का भरोसा बरकरार
CNBC TV18 के ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 में बातचीत करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की घरेलू खपत, उत्पादन क्षमता और नीति स्थिरता मजबूत है. उनका मानना है कि यदि व्यापार समझौते से राहत मिलती है और नीतिगत कदम सही दिशा में रहते हैं, तो देश की ग्रोथ 7 फीसदी के आंकड़े को भी छू सकती है. उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा अब स्थिर और मजबूत राह पर है.
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