भारत पर टैरिफ का कोई असर नहीं! फिच का भरोसा बढ़ा, GDP ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 6.9 फीसदी किया

Fitch Rating on Indian GDP: फिच का अनुमान है कि 2025 के अंत तक महंगाई दर बढ़कर 3.2 फीसदी और 2026 के अंत तक 4.1 फीसदी हो जाएगी. इसका अनुमान है कि दोनों वित्त वर्षों में जीडीपी ग्रोथ रेट क्रमशः 6.3% और 6.2% तक धीमी हो जाएगी.

भारतीय जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान. Image Credit: Getty image

Fitch Rating on Indian GDP: मजबूत घरेलू मांग का हवाला देते हुए फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट के अपने अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है. रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि मजबूत कंज्यूमर खर्च और सपोर्टिंग फाइनेंशयिल कंडीशन ग्रोथ को मजबूती देगी.

यह बदलाव पहली तिमाही के आंकड़ों के बाद हुई है, जिसमें वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोटक्ट्स (GDP) में साल-दर-साल 7.8 फीसदी की वृद्धि हुई, जो पिछली तिमाही में 7.4 फीसदी थी.

सर्विसेज आउटपुट

सर्विसेज आउटपुट में 9.3 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि पहले यह 6.8 फीसदी था, जबकि प्राइवेट और पब्लिक कंजम्पशन खर्च ने डिमांड साइड को मुख्य रूप से ड्राइव किया. अप्रैल-जून तिमाही में प्राइवेट कंजम्पशन में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

टैरिफ से निवेश सेंटीमेंट पर पड़ सकता है असर

रेटिंग एजेंसी ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार तनाव से उत्पन्न जोखिमों की ओर इशारा किया है, जिसने अगस्त में भारत से आयात पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाया था. हालांकि, फिच को उम्मीद है कि शुल्क को अंततः कम करने पर बातचीत की जाएगी, लेकिन उसने चेतावनी दी है कि अनिश्चितता निवेश सेंटीमेंट पर भारी पड़ सकता है.

इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन में इजाफा

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएमआई सर्वे और जुलाई के इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, तथा सितंबर से प्रभावी हालिया जीएसटी सुधारों से भी वित्त वर्ष 2026 में उपभोक्ता खर्च में मामूली वृद्धि होने की उम्मीद है.

बिजनेस एक्टिविटी का इंडिकेटर कंपोजिट पीएमआई इंडेक्स, अगस्त में 17 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. विशेषज्ञ जीएसटी कटौती के कारण ग्रोथ रेट में कम से कम 10 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की ओर इशारा कर रहे हैं.

वित्त वर्ष 27 में धीमी होगी रफ्तार

फिच का अनुमान है कि भारत की विकास दर वित्त वर्ष 27 में घटकर 6.3 फीसदी और वित्त वर्ष 28 में 6.2 फीसदी रह जाएगी. फिच ने कहा कि घरेलू मांग मुख्य प्रेरक बनी रहेगी, लेकिन वित्त वर्ष 26 की शुरुआत से आई मजबूत वृद्धि वर्ष की दूसरी छमाही तक बरकरार रहेगी, ऐसी संभावना नजर नहीं आ रही है.

महंगाई दर

जुलाई में हेडलाइन महंगाई दर घटकर 1.6 फीसदी रह गई, जो 2017 के बाद से सबसे कम है. खाद्य पदार्थों की कम कीमतों और पर्याप्त भंडार के कारण यह वृद्धि हुई. हेडलाइन महंगाई दर भी 4 फीसदी से नीचे आ गई. फिच का अनुमान है कि 2025 के अंत तक महंगाई दर औसतन 3.2% और 2026 के अंत तक 4.1% रहेगी.

रेटिंग एजेंसी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक 2025 के अंत तक पॉलिसी दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है और 2026 के अंत तक उन्हें स्थिर रख सकता है, उसके बाद 2027 में दरों में फिर से बढ़ोतरी कर सकता है.

फिच ने अभी तक भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई सुधार नहीं किया है. इस साल की शुरुआत में, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मजबूत अर्थव्यवस्था और विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन का हवाला देते हुए 18 साल के अंतराल के बाद भारत की रेटिंग बढ़ा दी थी.

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