सितंबर में चांदी ने तोड़े रिकॉर्ड, सोने को पछाड़ा; लेकिन अक्टूबर में लुढ़कने लगे दोनों के दाम; जानें क्या है मौजूदा हाल
सितंबर का महीना सोना और चांदी के लिए ऐतिहासिक रहा. रिकॉर्ड तोड़ भावों ने निवेशकों और कारोबारियों की धड़कनें बढ़ा दीं. अब सवाल यही है कि क्या दिवाली से पहले इन धातुओं की कीमतें और ऊपर जाएंगी, या फिर बाजार में आई मामूली गिरावट से रफ्तार थमेगी?
त्योहारी सीजन से ठीक पहले सोना और चांदी के दामों ने बाजार में हलचल मचा दी है. सितंबर महीना इन दोनों कीमती धातुओं के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, जब सोना 1.20 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1.50 लाख रुपये प्रति किलो के पार निकल गई. हालांकि अक्टूबर की शुरुआत में थोड़ी नरमी जरूर आई, लेकिन निवेशकों और कारोबारियों की निगाहें अब दिवाली से पहले की चाल पर टिकी हुई हैं.
सितंबर 2025 में चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया. आंकड़ों के मुताबिक, महज एक महीने में चांदी 19.4% चढ़ी. 1 सितंबर को जहां चांदी का भाव ₹1,26,000 प्रति किलो था, वहीं 30 सितंबर को यह ₹1,50,500 तक पहुंच गई. यानी करीब ₹24,500 प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज हुई, जो हाल के वर्षों की सबसे बड़ी मासिक छलांग है. विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक मांग, सौर ऊर्जा और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ी खपत और वैश्विक आपूर्ति की कमी चांदी की तेजी की प्रमुख वजह रही.
सोना भी पीछे नहीं रहा
चांदी की तरह सोने ने भी सितंबर में दमदार उछाल दिखाया. 1 सितंबर को सोना ₹1,05,670 प्रति 10 ग्राम था, जो बढ़कर महीने के अंत तक ₹1,20,000 पर पहुंच गया. यानी लगभग 13.56% की तेजी. बीते शुक्रवार (3 अक्टूबर) को 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹1,20,600 प्रति 10 ग्राम और 99.5% शुद्धता वाला सोना ₹1,20,000 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ.
मौजूदा वक्त में सोने की कीमत चेन्नई में ₹1,18,846, बैंगलोर में ₹1,18,862, हैदराबाद में ₹1,18,709, मुंबई में ₹1,18,707, कोलकाता में ₹1,18,705 और नोएडा-लखनऊ में ₹1,18,873 प्रति 10 ग्राम है.
MCX पर आई हल्की गिरावट
अक्टूबर की शुरुआत में सोना-चांदी की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई. 3 अक्टूबर को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना ₹13 गिरकर ₹1,18,100 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. वहीं चांदी ₹145 की गिरावट के साथ ₹1,45,599 प्रति किलो पर ट्रेड हुई. दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का कॉन्ट्रैक्ट ₹1,18,345 के उच्च स्तर तक पहुंचने के बाद नीचे आकर बंद हुआ.
तेजी के पीछे वैश्विक कारण
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में बढ़ते ट्रम्प टैरिफ, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर मोड़ा है. नतीजा यह हुआ कि सोना और चांदी में निवेश बढ़ा और कीमतें ऊंचाई पर पहुंच गईं.
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फिलहाल हल्की गिरावट के बावजूद त्योहारी सीजन को देखते हुए निवेशकों को उम्मीद है कि सोना और चांदी के दाम एक बार फिर ऊपर जा सकते हैं. ज्वेलरी कारोबारियों की खरीदारी और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी इस तेजी को और बढ़ावा दे सकती है.