FPI का लगातार तीसरा महीना बिकवाली का दबाव, शेयर बाजार से सितंबर में निकाले 23,885 करोड़ रुपये

भारतीय शेयर बाजार पर फिर से विदेशी निवेशकों की नजरें टेढ़ी हो गई हैं. लगातार कई महीनों से ऐसी हलचल देखने को मिल रही है जिसने निवेशकों और आम लोगों दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. पढ़ें रिपोर्ट में कि क्या वजह है इस बड़े बदलाव की?

FPI छोड़ रहे हैं भारतीय बाजार

सितंबर महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजार से भारी बिकवाली करते हुए लगभग 23,885 करोड़ रुपये (करीब 2.7 अरब डॉलर) निकाल गए. यह लगातार तीसरा महीना है जब FPI ने बाजार से पैसा बाहर निकाला है. वर्ष की शुरुआत से अब तक कुल 1.58 लाख करोड़ रुपये (17.6 अरब डॉलर) का आउटफ्लो दर्ज हुआ है. जुलाई और अगस्त में क्रमशः 17,700 करोड़ और 34,990 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.

बिकवाली के पीछे प्रमुख कारण

विश्लेषकों का कहना है कि इस बार की बिकवाली के कई कारण थे. मोर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि अमेरिकी व्यापार नीतियों और टैरिफ बढ़ोतरी ने भारतीय निर्यातक सेक्टर, खासकर आईटी कंपनियों, की भावनाओं को प्रभावित किया. अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ा दिए और H-1B वीजा के लिए एक बार का 1 लाख डॉलर शुल्क लागू किया.

इसके अलावा, रुपया अपने निचले स्तर पर पहुंचने से करेंसी जोखिम बढ़ गया. भारतीय शेयरों के अपेक्षाकृत हाई वैल्यू ने निवेशकों को अन्य एशियाई बाजारों की ओर मोड़ दिया.

शेयर बाजार में सुधार की संभावनाएं

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हालात धीरे-धीरे भारत के पक्ष में भी जा सकते हैं. एंजेल वन के वरिष्ठ विश्लेषक वकारजावेद खान ने कहा कि भारतीय शेयरों के मूल्यांकन अब अधिक उचित हो गए हैं. जीएसटी दरों में कटौती और ग्रोथ सपोर्टिव मौद्रिक नीति विदेशी निवेशकों की रुचि को पुनः जगाने में मदद कर सकती है.

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वहीं, डेब्ट मार्केट में निवेशकों ने रुचि दिखाई. सितंबर में एफपीआई ने सामान्य सीमा के तहत 1,085 करोड़ रुपये और वॉलंटरी रिटेंशन रूट के माध्यम से 1,213 करोड़ रुपये का निवेश किया. गिओजिट इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की भारत से अन्य बाजारों की ओर धन स्थानांतरित करने की रणनीति अब तक बेहतर रिटर्न दे रही है, क्योंकि पिछले एक वर्ष में भारतीय शेयरों ने अधिकांश वैश्विक बाजारों की तुलना में कम प्रदर्शन किया है.