नीरव मोदी सिर्फ मुकदमे का सामना करेंगे, कोई नई पूछताछ नहीं: भारत ने UK को दिया आश्वासन, सुनवाई 23 नवंबर को
हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है. लंदन कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई से तय होगा कि उनकी किस्मत किस ओर जाएगी. भारत सरकार और जांच एजेंसियां अपनी तैयारियों के साथ मैदान में हैं, जबकि मोदी अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं.
लंबे समय से भारत से फरार चल रहे हीरा कारोबारी नीरव मोदी एक बार फिर लंदन की अदालत में पेश होंगे. 23 नवंबर को होने वाली इस सुनवाई में उनकी अर्जी पर बहस होगी, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि भारत प्रत्यर्पित होने पर उन्हें पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके मुताबिक ‘यातना’ के बराबर होगा. हालांकि भारतीय एजेंसियां इस दलील को खारिज करने की पूरी तैयारी में हैं और साफ कह रही हैं कि अब पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है, उन्हें सिर्फ मुकदमे का सामना करना है.
भारतीय एजेंसियों का रुख
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ब्रिटेन की अदालत को आश्वस्त किया है कि नीरव मोदी को भारत लाने पर उनसे नई पूछताछ नहीं होगी. अधिकारियों के मुताबिक, मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल की जा चुकी है और जांच लगभग पूरी हो चुकी है. समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से एक अधिकारी ने कहा, “हमें केवल मुकदमे की प्रक्रिया आगे बढ़ानी है. अगर अदालत पूछेगी तो हम फिर से यह आश्वासन देंगे कि नीरव मोदी से कोई अतिरिक्त पूछताछ नहीं की जाएगी.”
भारत ने यह भी जानकारी दी है कि नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा. इस बैरक में मेडिकल सुविधाएं मौजूद हैं और यहां न तो भीड़भाड़ है और न ही हिंसा या दुर्व्यवहार का खतरा. भारत की ओर से यह आश्वासन पहले भी दिया गया है, जिससे अदालत को स्पष्ट किया जा सके कि मोदी को सुरक्षित माहौल मिलेगा.
लंबे समय से लड़ाई जारी
54 वर्षीय नीरव मोदी, जो कभी अपने ब्रांड ‘Nirav’ के लिए मशहूर थे, 19 मार्च 2019 को लंदन में गिरफ्तारी के बाद से वहीं की जेल में हैं. अप्रैल 2021 में ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, लेकिन इसके बाद से मोदी लगातार कानूनी दांव-पेंच से बचते रहे हैं. कई बार जमानत की कोशिश करने के बावजूद उन्हें ‘फ्लाइट रिस्क’ यानी भागने की आशंका के आधार पर जमानत नहीं मिली.
तीन मामलों का सामना
भारत में नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से जुड़े 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का सीबीआई केस, घोटाले की रकम की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा ईडी केस और गवाहों व सबूतों के साथ छेड़छाड़ का एक अन्य मामला दर्ज है. अब देखना होगा कि 23 नवंबर की सुनवाई में ब्रिटेन की अदालत उनके प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला किस दिशा में ले जाती है.