61% और 47% YTD रिटर्न के साथ चांदी-सोने ने मचाया तहलका, क्या अब भी लगाएं दांव; जानें ब्रोकरेज की राय

Gold और Silver दोनों ही 2025 में रिकॉर्ड हाई पर हैं. सिल्वर ने जहां इस साल अब तक 61% का रिटर्न दिया है. वहीं, गोल्ड ने 47% का रिटर्न दिया है. दोनों ही कमोडिटी की कीमत रिकॉर्ड हाई लेवल पर हैं. ऐसे में निवेशकों के सामने यह बड़ा सवाल है कि क्या अब निवेश करना चाहिए या नहीं. Goldman Sachs और Tata Mutual Fund ने इस सवाल का क्या जवाब दिया है जानें.

सोने चांदी का भाव Image Credit: Money9live/Canva

इस साल चांदी ने अब तक 61% का धमाकेदार रिटर्न दिया है. वहीं, सोने भी पीछे नहीं है. सोने ने भी 47% का रिटर्न दिया है. दोनों ही कीमती धातुओं क दाम फिलहाल रिकॉर्ड हाई लेवल के आसपास हैं. ऐसे में तमाम निवेशकों के मन में यह सवाल है कि क्या ऑल टाइम हाई लेवल के आसपास इन दोनों धातुओं में निवेश के लिए एंट्री ली जाए या नहीं. ग्लोबल रिसर्च और ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स और टाटा म्यूचुअल फंड ने सोने-चांदी में निवेश से जुड़े कई अहम सवालों का जवाब दिया है.

Goldman Sachs ने क्या कहा?

Goldman Sachs ने अपनी एक रिपोर्ट में गोल्ड को अब भी अपनी ‘Top Long Commodity’ बताया है. इसके साथ ही बुलिश आउटलुक के साथ 2026 तक 4,300 डॉलर प्रति आउंस का टारगेट दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि गोल्ड ने 3,200-3,450 डॉलर प्रति आउंस के रेजिस्टेंस को 14% की रैली के साथ तोड़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस ब्रेकआउट के पीछे तीन बड़े कारण हैं. वेर्स्टन ईटीएफ होल्डिंग्स में बढ़ोतरी, केंद्रीय बैंकों की खरीद और निवेशकों की लॉन्ग पॉजिशन.

टाटा म्यूचुअल फंड ने क्या कहा?

टाटा म्यूचुअल फंड का कहना है कि Gold अब भी सबसे बड़ा सेफ हैवेन एसेट है. गोल्डमैन सैक्स की तरह है टाटा म्यूचुअल फंड ने भी Gold के Q2 रेंज 3,200–3,450 डॉलर प्रति आउंस को तोड़कर 3,865 डॉलर प्रति आउंंस तक पहुंचने की रैली को अहम माना है. इसके साथ ही टाटा का कहना है कि गोल्ड में हो रही खरीदारी स्पेक्युलेटिव नहीं है. बल्कि, बहुत सधी हुई और लॉन्ग पोजिशनिंग के साथ हुई है.

भारत में क्या रहेगा हाल?

टाटा म्यूचुअल फंड का मानना है कि भारत में 86% गोल्ड इम्पोर्ट होता है. ऐसे में रुपये में कमजोरी आने से गोल्ड की कीमतें और बढ़ेंगी. इसके अलावा घरेलू बाजार में भी ETF और डिजिटल गोल्ड की मांग बढ़ रही है, जिसके चलते आयात भी बढ़ रहा है. लिहाजा, आने वाले दिनों में गोल्ड में कोई बड़ा कूलिंग ऑफ फेज नहीं दिख रहा है.

गेमचेंजर साबित हुई चांदी

टाटा म्यूचुअल फंड के मुताबिक चांदी के दाम में आई जोरदार तेजी के पीछे कमोडिटी निवेशकों के साथ ही मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड भी है. चांदी ने 2025 में धमाकेदार रैली की है. इसके भाव 28.9 डॉलर प्रति आउंस से 46 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि चांदी के दाम में आई तेजी के पीछे खासकर चीन की इकोनॉमी में आ रहा बूस्ट है.

फेड कट का भी होगा असर

गोल्ड और सिल्वर जैसी कमोडिटी में लगातार सप्लाई डेफिसिट देखने को मिल रहा. इसके अलावा सितंबर में US FED के रेट कट का असर भी सोने-चांदी की कीमतों पर देखने को मिला है.

चमकती रहेगी चांदी

टाटा म्यूचुअल फंड के मुातबिक Gold/Silver ratio 85 से गिरकर 81 और आगे 75 तक जाने की संभावना इससे आने वाले दिनों में चांदी आउटपरफॉर्म करगी. वहीं, रुपया गिरने से भारत में Silver की कीमत और बढ़ने की उम्मीद है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 3 से 5 साल तक चांदी आउटपरफॉर्म कर सकती है.

कितने और बढ़ेंगे दाम?

गोल्डमैन सैक्स ने सोने का टारगेट दिसंबर 2026 तक 4,300 डॉलर प्रति आउंस का दिया है. यानी अब भी करीब 10–12% अपसाइड की संभावना है. जबकि, भारत में रुपया कमजोर होने से कीमतें और ऊंची जा सकती हैं. दूसरी तरफ चांदी पहले ही YTD 61% चढ़ चुकी है और लगातार सप्लाई डेफिसेट, इंडस्ट्रियल डिमांड और गिरते Gold/Silver रेश्यो की वजह से इसमें अगले 3–5 साल में 15–20% और रिटर्न की संभावना है. कुल मिलाकर सोना सुरक्षित और लॉन्ग टर्म का हेज है, जबकि चांदी ग्रोथ स्टोरी बनकर मुनाफे के ज्यादा मौके देती नजर आ रही है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ या कमोडिटी में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.