चांदी छूएगी 170000 का आंकड़ा, सोना पहुंचेगा 1.20 लाख के पार; एक्सपर्ट्स ने गोल्ड-सिल्वर के लिए रखा ये अनुमान
वैश्विक आर्थिक संकेतक और घरेलू मांग ने सोना-चांदी बाजार में हलचल पैदा कर दी है. निवेशक उत्सुकता से कीमतों पर नजर रख रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले हफ्तों में इन मेटल में और तेजी आ सकती है. क्या आपका निवेश इस रुझान का लाभ उठा पाएगा?

त्योहारों का मौसम नजदीक आते ही सोने-चांदी की चमक बाजार में और तेज हो गई है. पिछले हफ्ते जहां सोना रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, वहीं चांदी ने भी जबरदस्त तेजी दिखाई. जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी नौकरियों के आंकड़े और वैश्विक आर्थिक संकेतक बुलियन बाजार की दिशा तय करेंगे. हालांकि, फिलहाल निवेशकों का रुझान सोने और चांदी में मजबूती की ओर बना हुआ है.
सोने में लगातार 12वें हफ्ते तेजी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाले गोल्ड फ्यूचर्स पिछले हफ्ते 3.77 फीसदी यानी 4,188 रुपये बढ़कर 1,14,891 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए. हफ्ते के दौरान सोना 1,15,139 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर तक पहुंचा. यह लगातार 12वां हफ्ता है जब सोने की कीमतों में तेजी दर्ज हुई है. जून के अंत में जहां कीमतें 95,587 रुपये प्रति 10 ग्राम थीं, वहीं अब तक सोना 20 हजार रुपये से ज्यादा चढ़ चुका है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से JM Financial Services के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च) प्रणव मेर का कहना है कि सोने की तेजी बेहतर आर्थिक आंकड़ों और निवेशकों की उम्मीदों से बनी हुई है. उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि मौजूदा पॉजिटिव मोमेंटम आगे भी जारी रह सकता है, लेकिन हफ्ते के आखिर में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है.”
वैश्विक कारणों से बढ़ा सोने का आकर्षण
निवेश विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में तेजी की वजह केवल घरेलू त्योहारों की मांग ही नहीं, बल्कि वैश्विक संकेत भी हैं. SmartWealth.ai के फाउंडर पंकज सिंह ने बताया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती, महंगाई के अनुमान और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर उम्मीदों ने सोने की चमक बढ़ाई है.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट और भू-राजनीतिक तनावों ने सोने की ‘सेफ हेवन’ डिमांड को और मजबूत किया है. साथ ही, दुनिया भर के सेंट्रल बैंक भी सोने की ओर झुकाव दिखा रहे हैं. IMF के आंकड़ों के मुताबिक, 1999 में वैश्विक रिजर्व में डॉलर की हिस्सेदारी 71 फीसदी थी, जो 2024 में घटकर 58 फीसदी रह गई. वहीं, सोने की हिस्सेदारी 2025 की पहली तिमाही में 24 फीसदी पर पहुंच गई है, जो तीन दशक में सबसे ऊंचा स्तर है.
ETF निवेश और कमजोर डॉलर बने सहारा
AlphaaMoney के ज्योति प्रकाश का कहना है कि सोने की कीमतें अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन मौजूदा दौर में ट्रेंड ऊपर की ओर है. उन्होंने बताया कि इस साल गोल्ड ETF में अब तक 50 अरब डॉलर का प्रवाह हो चुका है, जो 2020 के बाद सबसे ज्यादा है. इसके अलावा, डॉलर इंडेक्स भी कमजोर हुआ है. शनिवार को यह 0.38 फीसदी गिरकर 98.18 पर बंद हुआ. कमजोर डॉलर सोने की कीमतों को सहारा देता है, क्योंकि डॉलर गिरने पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना खरीदना अपेक्षाकृत सस्ता हो जाता है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में नया रिकॉर्ड
वैश्विक स्तर पर भी सोने ने नई ऊंचाई छुई है. न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर गोल्ड फ्यूचर्स पिछले हफ्ते 103.2 डॉलर यानी 2.78 फीसदी चढ़कर 3,809 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुए. इस दौरान यह 3,824.60 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक गया. Ventura के हेड ऑफ कमोडिटी डेस्क एनएस रामास्वामी ने कहा कि सोने के ‘ओवरबॉट’ होने की दलील को यह तेजी गलत साबित करती है. उनके मुताबिक, निकट भविष्य में सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, यानी लगभग 1.24 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम.
चांदी ने मचाई धूम
सोने से भी ज्यादा चमक चांदी की कीमतों में दिखी. MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाली सिल्वर फ्यूचर्स पिछले हफ्ते 9.28 फीसदी यानी 12,051 रुपये बढ़कर 1,41,889 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई. इस दौरान यह 1,42,189 रुपये प्रति किलो के नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी 8.61 फीसदी चढ़कर 46.65 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई. प्रणव मेर का कहना है कि कॉपर और अन्य बेस मेटल्स में तेजी ने चांदी की कीमतों को सहारा दिया है. उन्होंने बताया कि इस साल चांदी 60 फीसदी चढ़ चुकी है, जबकि सोना 45 फीसदी बढ़ा है. नतीजतन गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो घटकर 81.64 पर आ गया है. उनके अनुसार, चांदी में निकट भविष्य में 1,50,000-1,70,000 रुपये प्रति किलो तक जाने की संभावना है, हालांकि मुनाफावसूली और वैश्विक हालात से उतार-चढ़ाव भी आ सकते हैं.
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इस हफ्ते निवेशकों की नजर वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI डेटा, अमेरिकी रोजगार के आंकड़े और उपभोक्ता विश्वास रिपोर्ट पर रहेगी. ये सभी संकेतक सोने-चांदी की कीमतों को नई दिशा दे सकते हैं. त्योहारों की मांग के चलते फिलहाल बाजार में रौनक बनी रहने की उम्मीद है, लेकिन जानकार चेतावनी देते हैं कि मुनाफावसूली के चलते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
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