दिवाली पर कहां जाएगा सोना, WGC ने बताई अगले 6 महीने की चाल, खरीदारी से पहले जान लें ये फैक्टर

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की Gold Mid-Year Outlook 2025 रिपोर्ट में सोने की पहली छमाही की 26 फीसदी की जबरदस्त बढ़त और 26 नए ऑल-टाइम हाई का जिक्र किया गया है. कमजोर डॉलर, भू-राजनीतिक तनाव और मजबूत निवेश मांग ने सोने को सुरक्षित एसेट बना दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दूसरी छमाही में गोल्ड 5 फीसदी तक और चढ़ सकता है.

कितना महंगा होगा सोना Image Credit: money9live.com

Gold Mid Year Outlook 2025: 2025 की पहली छमाही में देश-दुनिया में कई चुनौतियां हावी रहीं. टैरिफ और जियोपॉलिटिकल टेंशन ने दुनिया भर में उथल-पुथल मचाकर रखी. हालांकि इन सबके बीच, 2025 की पहली छमाही में गोल्ड निवेशकों के लिए सबसे चमकदार एसेट के रूप में उभरा है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की Gold Mid-Year Outlook 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, सोने ने इस साल की शुरुआत से अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26 प्रतिशत की शानदार बढ़त दर्ज की है.

इस दौरान गोल्ड ने 26 नए ऑल-टाइम हाई (ATH) बनाए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉलर की कमजोरी, स्थिर ब्याज दरें और बढ़ती वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितता ने गोल्ड को निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प बना दिया है. पहले छह महीनों में गोल्ड की औसत कीमत 3,067 डॉलर प्रति औंस रही और जून के अंत में यह 3,287 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई.

क्यों बढ़ी सोने की मांग

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में अमेरिकी डॉलर ने 1973 के बाद सबसे कमजोर शुरुआत की. इसी दौरान अमेरिकी ट्रेजरी बांड्स का प्रदर्शन भी कमजोर रहा. निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार की बजाय गोल्ड पर ज्यादा रहा, जिससे गोल्ड ETF और OTC मार्केट में मांग रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची.

गोल्ड ETF में भारी इनफ्लो के चलते ग्लोबल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 41 प्रतिशत बढ़कर 383 अरब डॉलर हो गया है. साथ ही, दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने भी गोल्ड की खरीद को जारी रखा, जिससे इसकी मांग को और मजबूती मिली.

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किस ओर जाएंगे गोल्ड के दाम

परिदृश्य (Scenario)बदलाव (%)नई कीमत (₹ प्रति 10 ग्राम)
वर्तमान कीमत (Base Price)0%₹99,920
बेस केस (Base Case)+5%₹1,04,916
बुल केस (Bull Case)+40%₹1,39,888
बियर केस (Bear Case)-12%₹87,929
नोट- गोल्ड रेट का यह कैलकुलेशन WGC के अनुमानों पर आधारित है, जिसकी तुलना भारत में 16 जुलाई के रेट के आधार पर की गई है. WGC ने केवल फीसदी के आधार पर अनुमान जताया है.

दूसरी छमाही में क्या होगा

रिपोर्ट के अनुसार, साल की दूसरी छमाही में गोल्ड के प्रदर्शन को लेकर तीन प्रमुख फैक्टर हैं, जो इसकी कीमत को प्रभावित कर सकते हैं:

बेस केस – यदि फेड दरों में 50 bps की कटौती होती है, अमेरिकी GDP ग्रोथ कमजोर बनी रहती है और महंगाई 2.9 फीसदी तक पहुंचती है, तो गोल्ड की कीमतों में 0 से 5 प्रतिशत तक की बढ़त हो सकती है.

बुल केस – अगर वैश्विक स्तर पर मंदी या स्टैगफ्लेशन जैसी स्थिति आती है, तो गोल्ड एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन सकता है. ऐसी स्थिति में इसकी कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत की और तेजी आ सकती है और साल के अंत तक यह कुल मिलाकर 40 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.

बियर केस – यदि भू-राजनीतिक तनावों में कमी आती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूती देखी जाती है, तो निवेशकों का रुझान जोखिम वाले एसेट्स की ओर बढ़ेगा. ऐसी स्थिति में गोल्ड की कीमतों में 12 से 17 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है.

आज सोने की कीमतें (प्रति 10 ग्राम)

शहर24 कैरट सोने की कीमत22 कैरट सोने की कीमत
दिल्ली99,920 रुपये 91,600 रुपये
मुंबई99,770 रुपये 91,450 रुपये
चेन्नई99,770 रुपये 91,450 रुपये
कोलकाता99,770 रुपये 91,450 रुपये
बेंगलुरु99,770 रुपये 91,450 रुपये

कितना होगा कम या ज्यादा

आज दिल्ली में 24 कैरट सोने की कीमत 99,920 रुपये प्रति 10 ग्राम है. ऐसे में यदि दाम कम या ज्यादा होते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कीमत में कितनी बढ़ोतरी या गिरावट संभव है. यदि बेस केस में 5 प्रतिशत तक कीमत बढ़ती है, तो यह 1,04,916 रुपये तक पहुंच सकती है. वहीं बुल केस के अनुसार, अगर साल के अंत तक कीमत 40 प्रतिशत तक बढ़ती है, तो सोने का भाव 1,39,888 रुपये तक जा सकता है. वहीं बियर केस में यदि कीमत 12 प्रतिशत तक घटती है, तो नई कीमत 87,929 रुपये तक आ सकती है.