सोना बना मुनाफे का मंत्र, पिछले धनतेरस से 56 हजार हुआ महंगा, एक साल में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, जानें ताजा रेट
सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड तोड़ उछाल मारा है, जो निवेशकों के लिए बड़ा आकर्षण बन गया. 60 साल पहले भारत में 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 63 रुपये में मिलता था, लेकिन 2025 में यह 1,32,770 रुपये तक पहुंच गया. अगस्त से शुरू हुई तेजी ने 2008 के बाद का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया. वैश्विक तनाव और सुरक्षित निवेश की चाहत ने सोने को पहली पसंद बनाया.
GOLD PRICE HIKE: मौजूदा वक्त में निवेशकों के पास सोना निवेश का सुरक्षित और सबसे अधिक मुनाफा (चांदी के बाद) देने वाला विकल्प है. पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड तोड़ उछाल मारा है, जो निवेशकों के लिए बड़ा आकर्षण बन गया है. 17 अक्टूबर 2025 को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 1,32,770 रुपये तक पहुंच गई. अगस्त से शुरू हुई इस तेजी ने 2008 के बाद का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया. वैश्विक तनाव, करेंसी में उतार-चढ़ाव और सुरक्षित निवेश की चाहत ने सोने को निवेशकों की पहली पसंद बना दिया. एक्सपर्ट का मानना है कि 2026 में सोने की कीमतें और ऊंची जा सकती हैं.
सोने की कीमतों में इतनी तेजी क्यों?
दुनियाभर में तनाव, करेंसी में उतार-चढ़ाव और सुरक्षित निवेश की चाहत ने निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ाया है. पिछले एक साल में सोने की कीमतें बहुत बढ़ी हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि 2026 में सोने की कीमतों में और भी तेजी आ सकती है. 17 अक्टूबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 76,250 रुपये थी. वहीं 10 ग्राम 22 कैरेट सोने के 71,583 रुपये देने पड़ रहे थे और 18 कैरेट सोने की कीमत 58,555 रुपये थीं. लेकिन 17 अक्टूबर 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 1,32,770 रुपये हो गई. 22 कैरेट की कीमत 1,21,700 रुपये और 18 कैरेट की कीमत 99,580 रुपये हो गई.
भारत में कैसे-कैसे बढ़े सोने की कीमत?
पिछले 60 सालों में सोने की कीमतों पर कई चीजों का असर पड़ा है, जैसे महंगाई, वैश्विक व्यापार, कच्चे तेल की आपूर्ति, और युद्ध जैसे हालात. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 60 साल पहले भारत में 10 ग्राम 24 कैरेट सोना सिर्फ 63.24 रुपये में मिलता था. अब यह बढ़कर 1 लाख 32 हजार के पार हो गया है.
वर्ष | 10 ग्राम के लिए कीमत (रुपये में) |
---|---|
2025 | 1,32,770 |
2024 | 76,250 |
2023 | 65,330.00 |
2022 | 52,670.00 |
2021 | 48,720.00 |
2020 | 48,651.00 |
2019 | 35,220.00 |
2018 | 31,438.00 |
2017 | 29,667.50 |
2016 | 28,623.00 |
2015 | 26,343.50 |
2014 | 28,006.50 |
2013 | 29,600.00 |
2012 | 31,050.00 |
2011 | 26,400.00 |
2010 | 18,500.00 |
2009 | 14,500.00 |
2008 | 12,500.00 |
2007 | 10,800.00 |
2005 | 7,000.00 |
2004 | 5,850.00 |
2003 | 5,600.00 |
2002 | 4,990.00 |
2001 | 4,300.00 |
2000 | 4,400.00 |
1999 | 4,234.00 |
1998 | 4,045.00 |
1997 | 4,725.00 |
1996 | 5,160.00 |
1995 | 4,680.00 |
1994 | 4,598.00 |
1993 | 4,140.00 |
1992 | 4,334.00 |
1991 | 3,466.00 |
1990 | 3,200.00 |
1989 | 3,140.00 |
1988 | 3,130.00 |
1987 | 2,570.00 |
1986 | 2,140.00 |
1985 | 2,130.00 |
1984 | 1,970.00 |
1983 | 1,800.00 |
1982 | 1,645.00 |
1981 | 1,670.00 |
क्यों बना सोना निवेशकों की पहली पसंद?
2020 में कोविड-19 महामारी के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. 2022 से रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन-ताइवान तनाव, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव, और इजरायल-हमास और इजरायल-ईरान युद्ध जैसे हालात ने दुनिया की वित्तीय स्थिति को हिलाकर रख दिया. लोग अब शेयर बाजार और अन्य निवेश विकल्पों पर कम भरोसा कर रहे हैं. इसलिए, सोना एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बन गया है, क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश माना जाता है.