सोना तोड़ेगा सारे रिकॉर्ड! Goldman Sachs ने की बड़ी भविष्यवाणी, 2026 में ₹154000 पहुंचेगी कीमत
सोने में तूफानी तेजी जारी है. त्योहारी सीजन से पहले ही ये छलांग लगा रहा है. इसमें तेजी का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. अगले साल तक इसकी कीमत छलांग लगाएगी. इस बारे में ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Goldman Sachs ने बड़ी भविष्यवाणी की है. उनके मुताबिक सोना और बढ़ेगा.
Gold Rate Prediction: सोने की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है. अब तक इस साल गोल्ड 51% तक चढ़ चुका है और ये हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है. 7 अक्टूबर, मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड ने 3,977.19 डॉलर प्रति औंस का नया रिकॉर्ड बनाया. वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर भी ये 120000 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. सोने की कीमतों में बनी ये तेजी आगे भी जारी रहेगी. इस सिलसिले में Goldman Sachs ने बड़ी भविष्यवाणी की है. उनके मुताबिक सोना आगे भी कई रिकॉर्ड तोड़ेगा.
सोना बनाएगा नए रिकॉर्ड
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Goldman Sachs का कहना है कि सोने की ये तेजी अभी और दूर तक जाएगी. फर्म का अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक सोना 4900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है, जो मौजूदा स्तर से करीब 23% की और बढ़त दर्शाता है. यानी अगर भारतीय रुपये में देखें तो 2026 दिसंबर सोने की कीमत 154000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच सकता है.
गोल्ड में तेजी की क्या है वजह?
ETF और ब्याज दरों का असर
गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कमी की उम्मीद गोल्ड को सपोर्ट दे रही है. अनुमान है कि 2026 के मध्य तक फेडरल रिजर्व कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करेगा. इससे ETF में निवेश और बढ़ सकता है.
सीएमई फेडवॉच टूल के अनुसार, बाजार अभी अक्टूबर और दिसंबर में फेड की ओर से 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की संभावनाएं क्रमश: 93% और 82% तक प्राइस कर चुका है.
डाइवर्सिफिकेशन स्ट्रैटेजी देगी बूस्ट
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतों में और तेजी की संभावना ज्यादा बनी हुई है, क्योंकि प्राइवेट सेक्टर की डाइवर्सिफिकेशन स्ट्रैटेजी ETF होल्डिंग को उनके रेट बेस्ड अनुमान से भी ज्यादा ऊपर ले जा सकती है.
ये फैक्टर भी दे रहें बढ़ावा
सेंट्रल बैंकों की जबरदस्त खरीद, गोल्ड-समर्थित ETF में बढ़ता निवेश, कमजोर होता अमेरिकी डॉलर और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच रिटेल निवेशकों की सुरक्षित संपत्ति की तरफ रुख करना भी सोने की मांग को बढ़ा रहा है.
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विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ी हिस्सेदारी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सेंट्रल बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी लगातार बढ़ा रहे हैं. 2025 में ये खरीदारी औसतन 80 मीट्रिक टन तक रहने का अनुमान है, जबकि 2026 में ये 70 टन तक पहुंच सकता है.
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