ट्रंप के आगे नहीं झुकेगा भारत, निर्यात के लिए सरकार ने उठाया यह कदम, जून में व्यापार घाटे में 10% की कमी

भारत सरकार ने वैश्विक व्यापार चुनौतियों और अमेरिका के भारी टैरिफ के बीच निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक समिति गठित की है. यह समिति कस्टम ड्यूटी, जीएसटी, निर्यात प्रोत्साहन और निर्यात के लिए मंजूरी संबंधित प्रक्रियाओं का अध्ययन करेगी. साथ ही, सरकार ने अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए तीन सूत्री रणनीति और 20,000 करोड़ रुपये की योजना भी तैयार की है. ध्यान हो कि अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. सरकार ने यह कदम उसी समय उठाया है.

Govt Forms Panel to Review Export Barriers Image Credit: Canva/ Money9

Govt Forms Panel to Review Export Barriers: वैश्विक व्यापार में चुनौतियों और अमेरिका द्वारा भारत पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बीच भारत सरकार ने देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. यह समिति कस्टम ड्यूटी, निर्यात प्रोत्साहन, रिफंड, वस्तु एवं सेवा कर (GST), और निर्यात के लिए मंजूरी से संबंधित प्रक्रियाओं के प्रभाव का अध्ययन करेगी. इसमें वाणिज्य, उद्योग, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और व्यापार संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं. समिति का लक्ष्य निर्यात को बढ़ावा देना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मुहैया कराना है.

जून में व्यापार घाटे में 10% की कमी

समिति सभी भौगोलिक क्षेत्रों के लिए निर्यात-संबंधी टैक्स स्ट्रक्चर और कस्टम मंजूरी प्रक्रियाओं का अध्ययन करेगी. ET ने एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा कि “हम यह देखेंगे कि कहां और कैसे प्रक्रियाओं को आसान किया जा सकता है.” जून 2025 में भारत का माल निर्यात (Goods Export) 0.05 फीसदी घटकर 35.14 बिलियन डॉलर रहा, जो सात महीने का न्यूनतम स्तर है. वहीं, आयात 3.71 फीसदी गिरकर 53.92 बिलियन डॉलर रहा, जिससे व्यापार घाटा 18.78 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले साल जून के 20.84 बिलियन डॉलर से कम है. इस तरह ट्रेड डेफिसिट में सालाना आधार पर 9.88 फीसदी की कमी आई है.

यह भी पढ़ें: ट्रंप-पुतिन के मिलने की तारीख हुई तय, अलास्का में मिलेंगे दोनों नेता; रूस-यूक्रेन समेत इन मुद्दों पर होगी बातचीत

निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

समिति घरेलू विनिर्माण उद्योग के सामने आने वाली टैक्स और निर्यात करने के लिए मिलने वाली मंजूरी की चुनौतियों की पहचान करेगी. साथ ही इसमें सुधार करेगी जिससे भारत का निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. समिति का गठन ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने भारत से आयात पर 50 फीसदी शुल्क लागू किया है, जो किसी भी देश पर सबसे अधिक है.

ये हैं तीन सूत्री फॉर्मूला

भारत ने अमेरिकी टैरिफ का सामना करने के लिए तीन सूत्री रणनीति तैयार की है. इसके तहत प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाएं, अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में माल की डायवर्जन और कम निर्यात ऑर्डर वाले उत्पादों को घरेलू मांग के लिए उपयोग करना शामिल है. वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यातकों से स्वदेशी ब्रांड बनाने और बढ़ावा देने का आग्रह किया है.

20,000 करोड़ रुपये की योजना लाएगी सरकार

वाणिज्य मंत्रालय सितंबर तक 20,000 करोड़ रुपये की दीर्घकालिक योजना तैयार कर रहा है. यह योजना निर्यातकों को वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं से बचाने, निर्यात के लिए लोन तक आसान पहुंच प्रदान करने और विदेशी बाजारों में नॉन टैरिफ बाधाओं से निपटने में मदद करेगी.

यह भी पढ़ें: क्या टैरिफ पर लग सकता है फुल स्टॉप? ट्रंप का दावा- 1929 वाली ‘ग्रेट डिप्रेशन’ की चपेट में आ सकता है अमेरिका!