अब घर के लिए लोन लेना होगा आसान, RBI ने बदले PSL नियम, 1 अप्रैल से होंगे लागू
घर के लिए लोन लेना अब लोगों के लिए और भी आसान होगा. अब उन्हें पहले से ज्यादा कर्ज मिल सकेगा. इसके लिए आरबीआई ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के लिए नया नियम लेकर आई है, ये 1 अप्रैल से लागू होंगे. इससे और किन चीजों में मिलेगा फायदा, जाने डिटेल.
PSL New Rules: अगर आप घर बनवाने या खरीदने के लिए लोन लेने की सोच रहे हैं तो अब ये प्रक्रिया आसान हो जाएगी. नए नियम के तहत आपको लोन जल्दी और ज्यादा मिल पाएगा. इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग यानी PSL के लिए नए नियम लॉन्च किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे.
आरबीआई ने नये नियमों से 2020 के नियमों को रिप्लेस किया है. इस नए फ्रेमवर्क का मकसद जरूरी सेक्टर्स को आसानी से लोन लेने की सुविधा देना है. साथ ही इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बैंक अपनी सोशल जिम्मेदारी को बखूबी निभाएं. ये नियम सभी कमर्शियल बैंकों, रीजनल रूरल बैंकों (RRB), स्मॉल फाइनेंस बैंकों (SFB), लोकल एरिया बैंकों (LAB) और प्राइमरी (अर्बन) को-ऑपरेटिव बैंकों (UCB) पर लागू होंगे.
रिन्यूएबल एनर्जी में भी ज्यादा मिलेगा कर्ज
नए नियमों के तहत न सिर्फ हाउसिंग बल्कि रिन्यूएबल एनर्जी के लिए भी कर्ज लेना आसान होगा. नए नियमों के तहत लोन लिमिट बढ़ेगा. इससे शहरों और गांवों में रहने वालों को घर बनाने और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर्स के प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाना अब आसान होगा.
वीकर सेक्शन की लिस्ट में बढ़ोतरी
RBI के नए नियमों के तहत ‘वीकर सेक्शन’ यानी कमजोर वर्ग की लिस्ट को भी बढ़ाया गया है. खास बात ये कि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों यानी UCB यूसीबी की ओर से महिलाओं को मिलने वाले इंडिविजुअल लोन की पुरानी लिमिट को हटा दिया गया है. अब गरीब तबके और महिला उद्यमियों को कर्ज लेना पहले से कहीं आसान होगा.
कितना मिलेगा लोन?
50 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए 50 लाख रुपये, 10 लाख और उससे अधिक लेकिन 50 लाख से कम की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए 45 लाख रुपये और 10 लाख से कम की आबादी वाले केन्द्रों के लिए 35 लाख रुपये का लोन ले सकेंगे.

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UCB के लिए नया टारगेट
अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों यानी यूसीबी के लिए PSL टारगेट को 60% तक बढ़ा दिया गया है. ये एडजस्टेड नेट बैंक क्रेडिट या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर में से जो ज्यादा होगा, उस पर आधारित होगा यानी अब इन बैंकों को जरूरी सेक्टर्स में कर्ज देने के लिए और मेहनत करनी पड़ेगी. इससे जरूरतमंदों तक पैसा तेजी से पहुंचेगा.
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