IDBI बैंक की हिस्सेदारी खरीदने में Kotak Mahindra सबसे आगे, ये कंपनियां भी रेस में शामिल; सरकार बेच रही है 61% स्टेक
सरकार IDBI Bank में अपनी 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है और Kotak Mahindra Bank इस सौदे में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. Fairfax और Oaktree Capital भी रेस में शामिल हैं. IDBI Bank का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने के कारण डील बड़ी मानी जा रही है.
IDBI Bank में बड़ी हिस्सेदारी बिक्री की तैयारी तेज हो गई है. Kotak Mahindra Bank इस दौड़ में सबसे आगे है, जबकि Fairfax और Oaktree Capital भी अपनी दावेदारी बनाए हुए हैं. सरकार वित्त वर्ष 2026 में अपनी 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना पर काम कर रही है. IDBI Bank का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है, इसलिए इतनी बड़ी हिस्सेदारी खरीदना किसी भी निवेशक के लिए आसान नहीं होगा. माना जा रहा है कि Kotak Mahindra Bank कैश और इक्विटी मिलाकर डील कर सकता है. सरकार को इस विनिवेश से चालीस से पचास हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, जिसका असर बैंकिंग निवेशकों पर दिख सकता है.
Kotak Mahindra Bank बन सकता है मुख्य दावेदार
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, Kotak Mahindra Bank इस सौदे में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. बैंक की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. IDBI Bank जैसी बड़ी यूनिट्स को खरीदने के लिए भारी कैपिटल की जरूरत होगी और यही वजह है कि Kotak Mahindra Bank के पास इक्विटी करंसी का लाभ एक बड़ी भूमिका निभा सकता है. सौदे का मॉडल कैश और इक्विटी के मिश्रण के रूप में किया जा सकता है.
सरकार और LIC की हिस्सेदारी
वर्तमान में केंद्र सरकार IDBI Bank में लगभग 45 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखती है जबकि LIC के पास लगभग 49 फीसदी हिस्सा है. इसी संयुक्त हिस्सेदारी में से 61 फीसदी को बेचने की प्रक्रिया DIPAM देख रहा है. सरकार इसे वित्त वर्ष 2026 तक पूरा करना चाहती है. इसके लिए रिजर्व प्राइस भी गोपनीय तौर पर तय किया जाएगा.
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Fairfax और Oaktree भी रेस में शामिल
Emirates NBD और Fairfax पहले प्रमुख दावेदार थे और उन्होंने ड्यू डिलिजेंस भी पूरा किया था. लेकिन Emirates NBD ने हाल ही में तीन अरब डॉलर खर्च कर RBL Bank में बड़ी हिस्सेदारी लेने का फैसला किया. इसके बाद Fairfax और Oaktree Capital मुख्य दावेदार माने जा रहे हैं. Fairfax की रुचि अभी भी बनी हुई है.
सौदे से सरकार को बड़ी कमाई की उम्मीद
DIPAM सचिव के अनुसार सरकार इस सौदे से 40 हजार से 50 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती है. सरकार ने इस बिक्री के लिए मर्चेंट बैंकर और लीगल एडवाइजर की नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है. सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज की कैपिटल एनालिसिस पर भी काम कर रहा है ताकि वे अपने लक्ष्य पूरे कर सकें और अर्थव्यवस्था में गति बनी रहे.
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