डिफेंस ट्रेड में बड़ी छलांग, 10 साल में 33 गुना बढ़ा भारत-इजरायल हथियार व्यापार
भारत और इजरायल के बीच डिफेंस ट्रेड में पिछले 10 वर्षों में 33 गुना वृद्धि हुई है. वर्ष 2023 में यह व्यापार 265 मिलियन डॉलर तक पहुंचा, जबकि 2024 में 185 मिलियन डॉलर रहा. भारत अब इजरायल से ड्रोन, सर्विलांस सिस्टम, मिसाइल डिफेंस तकनीक और हथियार बड़ी मात्रा में खरीद रहा है.

India-Israel trade: भारत और इजरायल पिछले कुछ वर्षों में एक-दूसरे के काफी करीब आए हैं. इसका असर व्यापार पर भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. भारत, इजरायल से बड़े पैमाने पर डिफेंस एक्यूपमेंट मंगा रहा है. दोनों देशों के बीच हथियारों और गोला-बारूद का व्यापार पिछले एक दशक में 33 गुना बढ़कर 185 मिलियन डॉलर (करीब 1600 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में यह व्यापार महज 5.6 मिलियन डॉलर था. हालांकि, इजरायल से भारत का कुल निर्यात घटा है, लेकिन डिफेंस एक्यूपमेंट की खरीद में भारत की बढ़ती रुचि ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई तक पहुंचा दिया है.
2023 रहा सबसे बड़ा साल
भारत और इजरायल के संबंधों में 2023 अब तक का सबसे बड़ा साल रहा. इस वर्ष द्विपक्षीय हथियार व्यापार 265 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. 2024 में यह थोड़ा घटकर 185 मिलियन डॉलर रहा. विशेष रूप से, भारत ने 2015 में इजरायल से केवल 168,000 डॉलर के हथियार खरीदे थे, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 135 मिलियन डॉलर और 2024 में 128 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया.
इजरायल से भारत के आयात में इलेक्ट्रिकल मशीनरी अब भी सबसे बड़ी कैटेगरी है, लेकिन 2020 तक हथियार भारत के शीर्ष 10 आयातित उत्पादों में शामिल नहीं थे. 2024 में, यह दूसरा सबसे बड़ा आयातित उत्पाद बन गया, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को दिखाता है.
भारत की वैश्विक रक्षा खरीद और इजरायल की भूमिका
भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातकों में से एक है, जो मुख्य रूप से रूस, अमेरिका और फ्रांस से सैन्य साजो-सामान खरीदता है. हालांकि, इजरायल ने ड्रोन, सर्विलांस सिस्टम, मिसाइल डिफेंस टेक्नोलॉजी और एंटी-टैंक हथियारों जैसे एडवांस डिफेंस उपकरणों की सप्लाई करके भारत के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत किया है.
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इजरायल -ईरान तनाव का भारत पर प्रभाव
13 जून को इजरायल ने ईरान पर हमले किए, जिसके बाद ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन से जवाबी हमला किया. इस बढ़ते तनाव के बीच भारत के लिए चिंता का विषय है हॉर्मुज जलडमरूमध्य, जिसके बंद होने से वैश्विक तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. हालांकि, भारत का इजरायल के साथ कुल व्यापार 3 बिलियन डॉलर ही है (कुल 1,160 बिलियन डॉलर के मुकाबले), लेकिन डिफेंस सप्लाई में किसी भी प्रकार की बाधा से भारत की सैन्य तैयारियों पर असर पड़ सकता है.
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