वैज्ञानिक नवाचार को मिलेगा नया मंच, ₹20 करोड़ के राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों की शुरुआत

देश में एक नई पहल शुरू हुई है जो वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इनोवेटर्स के लिए उम्मीद की नई किरण बन सकती है. इस योजना में करोड़ों की फंडिंग तय की गई है, कुछ शर्तें भी हैं, और कई ऐसे नाम हैं जो शायद जल्द ही सुर्खियों में हों.

BFI विमर्श समिट Image Credit: Money9 Live

भारत में वैज्ञानिक शोध और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी पहल के तहत 20 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों (National Science Prizes) की घोषणा की गई है. इन पुरस्कारों की शुरुआत ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट (Blockchain For Impact – BFI) नामक गैर-लाभकारी संगठन ने की है, जो टेक उद्यमी संदीप नेलवाल की अगुवाई में संचालित हो रहा है.

बीएफआई का कहना है कि यह पहल देश में वैश्विक स्तर के वैज्ञानिक नवाचार को प्रोत्साहित करने, बायोमेडिकल रिसर्च को समर्थन देने और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं व वरिष्ठ वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के इरादे से शुरू की गई है.

देश लौटने वाले शोधकर्ताओं को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

इस पुरस्कार योजना के तहत कुल चार श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे. इसमें दो वरिष्ठ वैज्ञानिकों को उनके जीवनभर के योगदान के लिए ₹25 लाख का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, तीन भारतीय मूल के शोधकर्ताओं को ‘इंडिया फर्स्ट अवॉर्ड’ के तहत ₹2.5 करोड़, दो वैश्विक वैज्ञानिकों को ‘ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड’ के रूप में 5 करोड़ रुपये, और 40 वर्ष से कम उम्र के भारतीय वैज्ञानिकों को ‘यंग इंडियन साइंटिस्ट अवॉर्ड’ के तहत 50 लाख रुपये दिए जाएंगे.

बीएफआई की ओर से जारी विवरण के मुताबिक, ये पुरस्कार न केवल भारत में काम कर रहे वैज्ञानिकों को मिलेंगे, बल्कि उन वैश्विक शोधकर्ताओं को भी जो भारत में आकर अपने इनोवेशन को स्केल करना चाहते हैं.

दो डॉक्टर्स को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान

नई पहल के तहत आयोजित विज्ञान सम्मेलन ‘विमर्श’ में दो वैज्ञानिकों – पद्मश्री डॉ. बलराम भार्गव और डॉ. विजय चंद्रु – को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. दोनों ने विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में दीर्घकालीन योगदान दिया है.

कोविड काल से शुरू हुई संस्था, अब हेल्थ इनोवेशन पर फोकस

ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट की स्थापना भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान हुई थी. संस्था का दावा है कि यह दुनिया का सबसे पारदर्शी हेल्थ फंड है. शुरुआती दौर में इसका फोकस आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं पर था, जो अब बायोमेडिकल इनोवेशन, प्रिवेंटिव हेल्थ और रिसर्च नेटवर्किंग की ओर केंद्रित हो गया है.

BFI ने BIOME वर्चुअल नेटवर्क के माध्यम से भारत के प्रमुख शोध संस्थानों, स्टार्टअप्स और स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियों को जोड़ने की कोशिश शुरू की है. इसके लिए संगठन ने 15 मिलियन डॉलर यानी लगभग 125 करोड़ रुपये के फंड की प्रतिबद्धता जताई है.

इस पहल को शुरू करने वाले संदीप नेलवाल, जो Polygon Foundation के सह-संस्थापक भी हैं, ने कहा कि उनका उद्देश्य उन वैज्ञानिकों को पहचान दिलाना है जिनका काम भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को सुधार सकता है.

“भारत ने मुझे बहुत कुछ दिया है, अब मेरी बारी है कुछ लौटाने की,” – संदीप नेलवाल ने आयोजन के दौरान कहा.