चीन पर निर्भरता कम, API की दौड़ में आगे भारत, फार्मा इंडस्ट्री में उभरती ये 3 मजबूत कंपनियां बनी सहारा

देश की 65-70 फीसदी API जरूरतें चीन से पूरी होती हैं. कोविड के समय सप्लाई रुकने से यह साफ हो गया कि भारत को API के मामले में आत्मनिर्भर बनना कितना जरूरी है. इसी वजह से सरकार भी घरेलू API प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि दवाइयों की सप्लाई सुरक्षित रहे.

भारत-चीन Image Credit: Bloomberg Creative/Getty Images

3 Indian pharmaceutical companies: भारत में दवाइयों के लिए जरूरी कच्चा माल यानी API (एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट) अभी भी बड़ी मात्रा में चीन से आता है. अनुमान है कि देश की 65-70 फीसदी API जरूरतें चीन से पूरी होती हैं. कोविड के समय सप्लाई रुकने से यह साफ हो गया कि भारत को API के मामले में आत्मनिर्भर बनना कितना जरूरी है. इसी वजह से सरकार भी घरेलू API प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि दवाइयों की सप्लाई सुरक्षित रहे.

API क्यों है इतना जरूरी

API किसी भी दवा का सबसे अहम हिस्सा होता है. यही वह तत्व है जो दवा को असरदार बनाता है. अगर API की सप्लाई रुक जाए, तो दवाइयों का प्रोडक्शन भी रुक सकता है. कोविड के दौरान चीन से API आने में दिक्कत आई, जिससे भारतीय फार्मा कंपनियों पर दबाव बढ़ा. इसके बाद देश में API बनाने वाली कंपनियों को खास महत्व मिलने लगा.

भारतीय API कंपनियों की बढ़ती भूमिका

आज भारत में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो API के क्षेत्र में मजबूत बनकर उभरी हैं. इनमें Divi’s Laboratories, Laurus Laboratories और Neuland Laboratories प्रमुख हैं. शेयर बाजार यानी Dalal Street ने भी इन कंपनियों के महत्व को पहचाना है और इनके शेयरों में मजबूती दिखी है.

Divi’s Labs

Divi’s Labs हैदराबाद की कंपनी है और दुनिया की टॉप API कंपनियों में गिनी जाती है. यह 100 से ज्यादा देशों में दवाइयों के लिए API सप्लाई करती है और दुनिया की टॉप 20 फार्मा कंपनियों में से 12 के साथ काम करती है. FY25 में कंपनी की कमाई 19% से ज्यादा बढ़कर ₹9,360 करोड़ रही और मुनाफा करीब 37% बढ़ा. 2026–27 में कई बड़ी दवाओं के पेटेंट खत्म होने वाले हैं, जिससे Divi’s को और मौके मिल सकते हैं.

Laurus Labs

Laurus Labs भी हैदराबाद की कंपनी है और HIV, कैंसर, हार्मोन और दिल की बीमारियों की दवाओं के लिए API बनाती है. FY25 में कंपनी की कुल आय ₹5,554 करोड़ रही. खास बात यह रही कि सितंबर 2025 तिमाही में इसका मुनाफा करीब 900% तक उछल गया. API और तैयार दवाओं दोनों में कंपनी की मजबूत मौजूदगी है.

Neuland Labs

Neuland Labs छोटे मॉलिक्यूल और पेप्टाइड API बनाने में माहिर है. कंपनी के पास 100 से ज्यादा API हैं और 40 साल से ज्यादा का अनुभव है. FY25 में कंपनी की इनकम थोड़ी घटी, लेकिन सितंबर 2025 तिमाही में इसके मुनाफे में करीब 200 फीसदी की बढ़त देखी गई, जो इसके बिजनेस में सुधार का संकेत है.

निवेशकों के लिए क्या मतलब?

इन तीनों कंपनियों के शेयर महंगे वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं. यानी अभी निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है. लेकिन API का महत्व, सरकार का समर्थन और चीन पर निर्भरता कम करने की जरूरत को देखते हुए, निवेशक इन शेयरों को अपनी वॉचलिस्ट में रख सकते हैं. चीन पर निर्भरता कम करने की भारत की कोशिशों में API कंपनियां बड़ी भूमिका निभा रही हैं. Divi’s, Laurus और Neuland जैसी कंपनियां इस बदलाव की सबसे बड़ी लाभार्थी बन सकती हैं.

सोर्स: FE

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