ट्रंप की टैरिफ मार से बचा रहेगा भारत का इलेक्ट्रॉनिक बाजार, जानें निर्यात पर क्यों नहीं देना होगा टैक्स

1 अगस्त से अमेरिका में कई देशों के इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लागू होगा, लेकिन भारत को इससे छूट मिली है. भारतीय लैपटॉप, स्मार्टफोन और सर्वर अब भी टैक्स फ्री रहेंगे. जून तिमाही में भारत अमेरिका को सबसे ज्यादा स्मार्टफोन भेजने वाला देश बना. इससे भारत के निर्यातकों को बड़ा फायदा मिल रहा है.

India Electronics Export: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है, जो 1 अगस्त से लागू होगा. इससे भारत के कई उद्योगों जैसे फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल्स को सबसे ज्‍यादा नुकसान होगा. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को लेकर एक बड़ी राहत है. दरअसल अमेरिका कई देशों के इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने जा रहा है, लेकिन भारत को इससे बाहर रखा गया है. यानी अब भी भारत से भेजे गए लैपटॉप, स्मार्टफोन और कंप्यूटर सर्वर अमेरिका में बिना किसी टैक्स के बिक सकेंगे.

क्यों नहीं लगेगा टैरिफ?

दरअसल अमेरिका अभी यह जांच कर रहा है कि अलग-अलग देशों से आने वाले कुछ सामान उसके देश की सुरक्षा पर असर डालते हैं या नहीं. इस जांच को ‘सेक्शन 232’ कहा जाता है. जब तक यह जांच पूरी नहीं हो जाती, भारत के लैपटॉप, स्मार्टफोन और सर्वर पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा.

इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यातकों को मिली राहत

इस मामले में भारत और चीन दोनों के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट फिलहाल अमेरिका के टैरिफ से बचे हुए हैं. लेकिन भारत को चीन के मुकाबले एक तरह से ज्यादा फायदा मिला है क्योंकि चीन के कुछ प्रोडक्ट्स पर पहले से ही 20 फीसदी का ‘फेंटानिल ड्यूटी’ लगती है. हालांकि वियतनाम और ताइवान से आने वाले सामान पर भी अमेरिका टैक्स नहीं ले रहा है.

स्मार्टफोन के मामले में भारत सबसे आगे

बता दें साल की जून तिमाही में भारत अमेरिका को सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचने वाला देश बन गया. इस दौरान अमेरिका में जितने भी स्मार्टफोन मंगवाए गए, उनमें से 44 फीसदी सिर्फ भारत से गए. भारत ने इस मामले में चीन और वियतनाम दोनों को पीछे छोड़ दिया है. भारत में iPhone असेंबल करने की लागत 30 डॉलर प्रति यूनिट है, जो कि अमेरिका से बहुत सस्ता है. जब कि वहीं यही फोन अमेरिका में बनाने पर करीब 390 डॉलर लगते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां की मजदूरी भारत से करीब 12 गुना ज्यादा है.

टेक्सटाइल एक्सपोर्ट पर टैरिफ का सीधा असर

भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 28 फीसदी है. वेलस्पन लिविंग और ट्राइडेंट जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती हैं. अमेरिकी टैरिफ खासतौर पर कॉटन और रेडीमेड गारमेंट्स पर असर डालेंगे, जिससे लागत बढ़ेगी और एक्सपोर्ट घट सकता है.

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