भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का समझें पूरा हिसाब-किताब, जानें किन्हें मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
भारत और यूके ने 6 मई को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमति दी, जिससे कपड़ा, चमड़ा, जेम्स-ज्वैलरी, प्रोसेस्ड फूड, दवाइयां और आईटी सेक्टर को फायदा मिलेगा. अब इन पर या तो टैक्स खत्म होगा या बहुत कम होगा. इससे भारतीय निर्यातकों को यूके जैसे बड़े बाजार में पहुंच आसान होगी. हालांकि, शराब और लग्जरी कार जैसे विदेशी उत्पाद सस्ते होंगे, जिससे घरेलू ब्रांड्स को चुनौती मिल सकती है.

India-UK trade Deal: भारत और यूनाइटेड किंगडम ने 6 मई को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को फाइनल कर लिया है. दोनों देशों के बीच 2022 से इस मामले पर बातचीत चल रही थी. इस एग्रीमेंट के बाद दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार पर टैरिफ खत्म हो जाएगा या फिर न्यूनतम टैरिफ लागू होगा, जिसका फायदा दोनों देशों को होने की उम्मीद है. इसके जरिए दोनों देशों के बीच होने वाले करीब 20 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बड़ा बूस्ट मिलेगा. खास तौर से भारतीय निर्यातकों को बड़ा मौका मिलने की उम्मीद है. एफटीए के बाद भारत को उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच 2030 तक कारोबार 60 अरब डॉलर पहुंचने के उम्मीद है. इसके अलावा भारतीय कारोबारियों और प्रोफेशनल को ब्रिटेन समेत ग्लोबल मार्केट से जुड़ने का मौका मिलेगा.
सबसे ज्यादा इन लोगों को मिलेगा फायदा
इस समझौते से सबसे ज्यादा कपड़ा, चमड़ा, जेम्स एंड ज्वैलरी, प्रोसेस्ड फूड, दवाइयों और आईटी सेवाओं को लाभ मिलने वाला है. इस डील से भारतीय सामानों पर लगने वाला टैक्स या तो खत्म हो जाएगा या बहुत कम हो जाएगा, जिससे भारत को यूके जैसे अमीर और बड़े बाजार में प्रवेश मिलेगा. कपड़ा इंडस्ट्री से टैक्स हटने से भारत बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों से बेहतर स्थिति में होगा. चमड़ा और जूता उद्योग को भी यूके के बड़े ब्रांड्स तक पहुंच मिलेगी .
भारत की टॉप 5 निर्यात चीजें (UK भेजी गई)
चीज़ का नाम | कीमत (डॉलर मिलियन में) |
---|---|
बिजली से चलने वाली मशीनें | 1,830.8 |
बॉयलर, रिएक्टर और अन्य मशीनें | 1,396.0 |
तेल और खनिज ईंधन | 1,097.0 |
मोती और कीमती पत्थर | 836.8 |
दवाइयाँ और मेडिकल प्रोडक्ट्स | 647.1 |
प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री को फायदा
इस समझौते से भारत की हस्तशिल्प और हीरा कारोबार को बहुत फायदा होगा. साथ ही भारत में बनने वाली दवाइयों की पहुंच यूके जैसे बाजार में आसानी से होगी. इसके अलावा एग्रीकल्चर और प्रोसेस्ड फूड सेक्टर में भारत को चाय, मसाले, चावल और रेडी टू ईट उत्पादों के लिए यूके के बाजार खुल जाएंगे. वहां पर इन भारतीय प्रोडक्ट्स की भारी मांग है लेकिन टैरिफ के चलते ये प्रोडक्ट वहां पर काफी महंगे हो जाते थे.
भारत की टॉप 5 आयात चीजें (UK से मंगवाई गई)
चीज़ का नाम | कीमत (डॉलर मिलियन में) |
---|---|
कीमती पत्थर और रत्न | 2,217.3 |
मशीनरी और उपकरण | 1,268.0 |
बिजली से चलने वाली मशीनें | 527.7 |
लोहा और स्टील | 363.9 |
एल्यूमिनियम और उससे बनी चीज़ें | 328.3 |
ये भी पढ़ें- India-UK FTA: ब्रिटेन को भारत का 99% निर्यात होगा टैरिफ फ्री, इनको मिलेगा फायदा, विदेशी शराब होगी सस्ती
आईटी सर्विस सेक्टर में फायदा
सर्विस सेक्टर की बात करें तो इस समझौते से देश की आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर और टेलीकॉम सर्विस को लाभ मिलने का अनुमान है.
कहां हो सकता है घाटा
इन सेक्टरों के अलावा शराब इंडस्ट्री को इस समझौते से घाटा हो सकता है, क्योंकि इस डील के तहत ब्रिटेन से आने वाली शराब पर टैरिफ को घटाया जाएगा जिससे उनकी मांग बढ़ेगी और देसी ब्रांड्स को इससे चुनौती मिलेगी. शराब के अलावा ‘मेड इन यूके’ ब्रांड की लग्जरी कारों पर भी टैक्स में भारी कमी की जाएगी जिससे उनके दाम देश में कम होने की उम्मीद है.
कैटेगरी | FTA से पहले टैक्स | FTAके बाद टैक्स |
---|---|---|
स्कॉच व्हिस्की व जिन (UK से भारत) | 150% | पहले 75%, फिर 10 साल में 40% |
कारें (UK से भारत) | 100% से अधिक | 10% |
मेडिकल उपकरण | 22.5% तक | 90% तक की कटौती |
कॉस्मेटिक्स व एयरोस्पेस पार्ट्स | अलग-अलग दरें | कम कर दरें |
भारतीय वस्त्र व परिधान | औसतन 4.2% (UK में) | 0% |
रत्न व आभूषण (भारत से) | 4.2% | 0% |
प्रोसेस्ड फूड व मसाले | 4.2% | 0% |
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