रूस से तेल आयात पर अमेरिका की आपत्ति पर भड़के जयशंकर, कहा- भारत से तेल खरीदना पसंद नहीं, तो मत खरीदो
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर 50 फीसदी तक का भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहली बार खुलकर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने पर आपत्ति है, तो वे न खरीदें, क्योंकि कोई किसी को मजबूर नहीं कर रहा.
Jaishankar on US Tarrif: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत पर 50 फीसदी तक का भारी टैरिफ लगाने के फैसले के बाद, पहली बार किसी बड़े भारतीय नेता ने सीधे और स्पष्ट शब्दों में पलटवार किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कह दिया कि अगर अमेरिका को भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने पर ऐतराज है, तो वे न खरीदें, क्योंकि कोई किसी को मजबूर नहीं कर रहा.
जयशंकर ने क्या कहा?
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जयशंकर ने कहा, “ये अजीब है कि खुद को बिजनेस-फ्रेंडली बताने वाला अमेरिकी प्रशासन दूसरों पर कारोबार करने का आरोप लगा रहा है. अगर समस्या है तो भारत से तेल मत खरीदो. लेकिन सच ये है कि अमेरिका और यूरोप दोनों भारत से खरीदते हैं. तो अगर पसंद नहीं है, तो मत खरीदो.” जयशंकर का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि यह सीधे तौर पर अमेरिकी दबाव को चुनौती देता है.
उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा. खासतौर पर किसानों और छोटे उत्पादकों को लेकर सरकार की स्थिति बेहद सख्त है. उन्होंने कहा, “हमारी कुछ रेड लाइन्स हैं. ये किसानों और छोटे उद्योगों से जुड़ी हैं. सरकार इन हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.”
क्या है असल मुद्दा?
उन्होंने यह भी इशारा किया कि ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति का तरीका दुनिया के लिए नया और असामान्य था. “इतने खुले तौर पर विदेश नीति चलाना पहले कभी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने नहीं किया. यह बदलाव केवल भारत तक सीमित नहीं है.” जयशंकर ने इस विवाद को “तेल विवाद” के रूप में पेश किए जाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “अगर मुद्दा तेल का है तो चीन सबसे बड़ा खरीदार है और यूरोप भी रूस से कहीं ज्यादा बड़ा व्यापार करता है. लेकिन अजीब ये है कि उन्हीं तर्कों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा रहा है, जबकि बड़े खिलाड़ियों को बख्शा जा रहा है.”
अमेरिका ने भारत पर लगाए अतिरिक्त शुल्क
गौरतलब है कि अमेरिका ने रूस से भारत की तेल खरीद बढ़ने का हवाला देते हुए भारतीय सामान पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगा दिया है. इनमें से 25 फीसदी शुल्क पहले ही लागू हो चुका है और बाकी 25 फीसदी टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा. यह अब तक भारत पर लगाए गए सबसे ऊंचे शुल्कों में से एक है. भारत के विदेश मंत्री का यह बयान न सिर्फ अमेरिकी दबाव का जवाब है बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने हितों के लिए पहले से कहीं ज्यादा मजबूती से खड़ा है.
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