50% Tariff: संसद में सरकार ने बताया, 4 लाख करोड़ का निर्यात होगा प्रभावित, किसानों और MSME पर असर
Trump Tariff की वजह भारत का करीब 4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात प्रभावित हो सकता है. यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने दी. इसके साथ ही बताया कि टैरिफ की वजह से सबसे ज्यादा असर भारत के किसानों और MSME पर पड़ सकता है.
संसद में मंगलवार को सरकार ने साफ किया कि अगर 27 अगस्त से अमेरिका की तरफ से भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाया जाता है, तो इससे भारत के निर्यात पर बड़ा असर होगा. लोकसभा में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 2024 के व्यापार मूल्य के आधार पर करीब 48.2 अरब डॉलर यानी करीब 4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात प्रभावित हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसका असर खासतौर पर किसानों, MSME सेक्टर और उद्योगों पर पड़ेगा. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा और व्यापार के नए स्रोतों को लेकर काम कर रही है, जिससे इस झटके के प्रभाव को कम किया जाएगा.
जितिन प्रसाद ने बताया कि भारत से निर्यात होने वाले कुछ माल पर 7 अगस्त, 2025 से 25% टैरिफ लागू है. इसके अलावा 27 अगस्त, 2025 से अतिरिक्त 25% एड वैलोरम टैरिफ लग सकता है. ट्रंप ने भारत पर 25% का रेसिप्रोकल टैरिफ और रूस से कच्चे तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने का ऐलान किया है. इस तरह कुल मिलाकर भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लागू होगा. इसके अलावा 10 फीसदी बेसलाइन टैरिफ पहले से लागू है.
सरकार ने क्या कहा?
वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लिखित जवाब में कहा, “अनुमान है कि 2024 के व्यापार आंकड़ों के आधार पर भारत से अमेरिका को होने वाले लगभग 48.2 अरब डॉलर के निर्यात पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, सरकार देश के किसानों, मजदूरों, MSME सेक्टर और उद्योग के अन्य वर्गों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
राष्ट्रीय हित को सुरक्षित करने और निर्यातकों को राहत देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें एक्सपोर्ट प्रमोशन और ट्रेड डायवर्सिफिकेशन शामिल है.
ट्रेड-डील की क्या स्थिति?
इससे पहले सरकार ने एक और सवाल के जवाब में बताया था कि भारत और अमेरिका के बीच मल्टी-सेक्टर Bilateral Trade Agreement (BTA) को लेकर बातचीत जारी है. अब तक पांच राउंड पूरे हो चुके हैं. हालांकि, छठे दौर की बातचीत, जो 25 अगस्त को प्रस्तावित थी, अमेरिकी टीम ने टाल दी है. इसके अलावा जितिन प्रसाद ने कहा कि दोनों देशों के बीच गैर-संवेदनशील कृषि उत्पादों सहित माल के व्यापार को उदार बनाने पर चर्चा चल रही है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार संबंध गहरे किए जा सकें.
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