अक्षय तृतीया पर तुर्की जूलरी के लिए लगी थी ग्राहकों की भीड़, अब बेइज्जती कर कैंसल की हर डील
हाल के घटनाक्रमों के चलते भारतीय सर्राफा बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. वो डिज़ाइन जिन पर हाल तक ग्राहक टूट पड़ते थे, अब दुकानों से अचानक गायब हैं. इस बदलाव के पीछे की वजह गंभीर है, और इसमें देशभक्ति का रंग भी गहराता नजर आता है.

पुलवामा से लेकर पहलगाम तक, हर हमले के बाद देश में सिर्फ मातम नहीं, जवाब देने की खामोश तैयारी भी होती है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी कुछ ऐसा ही हुआ. बंदूकों से जवाब देने के बाद अब बारी बाजार की है. भारत के कारोबारियों ने अब तय कर लिया है कि तुर्किये और अजरबैजान से आने वाले गहनों पर पूरी तरह रोक लगेगी क्योंकि जब कोई देश हमारे दुश्मनों का साथ दे, तो उससे व्यापार करना उसे बढ़ावा देने के तौर पर देखा जाता है.
पिछले कुछ दिनों में देश के भीतर जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भावनाएं तेज हुई हैं, उसका असर अब सीधे बाजार पर दिखने लगा है. खासकर जेम्स और जूलरी सेक्टर ने इस बार ठोस कदम उठाया है. देश में तुर्किये और अज़रबैजान से आने वाले गहनों का अब बहिष्कार शुरू हो गया है और इसकी शुरुआत लखनऊ और मुंबई जैसे दो अहम सराफा केंद्रों से हुई है.
GJC ने की पूरे देश में व्यापार बंद करने की अपील
ऑल इंडिया जेम एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने शुक्रवार को एक अहम बयान में कहा कि अब वक्त है कि देश की ज्वेलरी इंडस्ट्री तुर्किये और अजरबैजान के साथ हर तरह का व्यापार पूरी तरह बंद कर दे. GJC के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने पीटीआई के हवाले से स्पष्ट कहा, “व्यापार से पहले देश. हम हर कारोबारी, निर्माता, थोक विक्रेता और जौहरी से अपील करते हैं कि इन दोनों देशों के साथ सभी लेन-देन तत्काल प्रभाव से रोक दिए जाएं.”
उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश हित में लिया गया है. यह केवल एक कारोबारी निर्णय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकजुटता और सम्मान का प्रतीक है.
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लखनऊ के जौहरियों ने दिखाई राह, तुर्की गहनों का बहिष्कार
मुंबई की अपील से पहले ही लखनऊ के सराफा कारोबारियों ने बड़ा कदम उठाया. हाल ही में आयोजित एक बैठक में चौक सराफा एसोसिएशन और लखनऊ महानगर सराफा एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से तय किया कि अब से तुर्की डिजाइन या तुर्किये से आयातित किसी भी गहने की बिक्री, खरीद और प्रदर्शन नहीं किया जाएगा.
चौक सराफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आदिश जैन ने बताया कि “अक्षय तृतीया पर सबसे ज्यादा मांग तुर्की गहनों की थी, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब इनमें कोई दिलचस्पी नहीं रही.” लखनऊ महानगर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि तुर्की से आने वाले सभी ऑर्डर कैंसल कर दिए गए हैं, चाहे वो कास्टिंग हो या चांदी के अन्य गहने.
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