मैन्युफैक्चरिंग PMI में गिरावट, नवंबर में टैरिफ ने निर्यात पर लगाया ब्रेक, कंपोजिट PMI 6 माह के निचले स्तर पर
HSBC फ्लैश इंडिया कम्पोजिट आउटपुट इंडेक्स, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की संयुक्त परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है. यह नवंबर में घटकर 59.9 रहा. यह अक्टूबर के 60.4 के मुकाबले कम है और छह महीने का लो लेवल है. यह इंडेक्स माह-दर-माह दोनों सेक्टर के कुल आउटपुट की दिशा दिखाता है और इस बार इसका संकेत रहा कि बढ़त जारी है लेकिन अक्टूबर के मुकाबले धीमी हो गई है.
PMI Data: भारत में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि ने नवंबर में मजबूती तो दिखाई, लेकिन गति धीमी पड़ी है. S&P Global के मुताबिक, देश का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) नवंबर में घटकर 56.6 रहा, जो अक्टूबर के 59.2 से कम है. बाजार की भाषा में देखें तो यह अभी भी मजबूत एक्सपेंशन जोन में है, क्योंकि 50 से ऊपर का रीडिंग सेक्टर में तेजी बताती है, जबकि 50 से नीचे गिरावट का संकेत होता है.
नवंबर में उत्पादन और नए ऑर्डर की रफ्तार धीमी
कंपनियों के कुल नए ऑर्डर और आउटपुट में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन यह पिछले नौ महीनों की सबसे धीमी रही. एक्सपोर्ट ऑर्डर में भी कमजोरी दिखी और यह एक साल से ज्यादा समय में सबसे मंद रफ्तार से बढ़े. HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर दिख रहा है, जिसकी वजह से नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग की गति सुस्त पड़ी है. उनके अनुसार, नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स का PMI 13 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. साथ ही, कंपनियों का भविष्य को लेकर आत्मविश्वास भी घटा है, जिससे साफ है कि टैरिफ के प्रभाव को लेकर इंडस्ट्री अधिक चिंतित है. उन्होंने यह भी कहा कि GST कटौती से मिला सपोर्ट शायद खत्म होने लगा है, और यह टैरिफ के दबाव को संतुलित करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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कंपोजिट फ्लैश PMI छह महीने के निचले स्तर पर
HSBC फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की संयुक्त परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है. यह नवंबर में घटकर 59.9 रहा. यह अक्टूबर के 60.4 के मुकाबले कम है और छह महीने का लो लेवल है. यह इंडेक्स माह-दर-माह दोनों सेक्टर के कुल आउटपुट की दिशा दिखाता है और इस बार इसका संकेत रहा कि बढ़त जारी है लेकिन अक्टूबर के मुकाबले धीमी हो गई है.
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