पूरे साल की कमाई पर भारी IPL, 60 दिनों में भर देता है BCCI का आधा खजाना
BCCI Earning: क्रिकेट के प्रति दीवानगी ने एक बड़ा बाजार खड़ा किया है. बाजार क्रिकेट का. ये मार्केट कितना बड़ा है, इसकी एक झलक दे रहा है भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की कमाई का आंकड़ा. इसमें भी आईपीएल की जिस तरह की धूम है, उसी तरह से यह लीग बोर्ड का खजाना भी भर रही है, जो पूरे साल की कमाई पर भारी है.

BCCI Earning: देश में क्रिकेट को लेकर दीवानगी किस हद तक है, अगर इसे मापने का कोई यंत्र होता तो जाहिर है इसके कांटे की सुई हमेशा पीक पर ही होती. शायद दीवानगी मापी नहीं जा सकती, लेकिन देखी तो जा ही सकती है. खचाखच भरे स्टेडियम में, मेट्रो-बस और सड़क किनारे मोबाइल पर नजर गड़ाए मैच देखते लोग के बीच और चलते-फिरते स्कोर क्या हुआ… पूछते वालो के सावलो में और इसी दीवानगी ने एक बड़ा बाजार खड़ा किया है. बाजार क्रिकेट का. ये मार्केट कितना बड़ा है, इसकी एक झलक दे रहा है भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की कमाई का आंकड़ा. इसमें भी चौंकाने वाली बात ये है कि 365 दिन में सिर्फ 55-60 दिन ही खेले जाने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने कुल कमाई में आधे से अधिक का योगदान दिया है.
सोने का अंडा देने वाली मुर्गी
Sportstar में छपी रेडिफ्यूजन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वार्षिक क्रिकेट महाकुंभ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हुई है, जिसने वित्त वर्ष 2024 में इसके रेवेन्यू में 59 फीसदी से अधिक का योगदान दिया. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बोर्ड भारत के बाहर भी अपनी ब्रान्च खोलकर इसे और आगे ले जा सकता है.
लगातार बढ़ रहे मीडिया राइट्स
बिजनेस स्ट्रैटेजिस्ट और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर लॉयड मैथियास ने कहा कि BCCI को 2007 में एक सुनहरा मौका मिला और आईपीएल अब पूरी तरह से उसका हिस्सा है. इस टूर्नामेंट के मीडिया राइट्स लगातार बढ़ रहे हैं. आईपीएल यह भी सुनिश्चित करता है कि रणजी ट्रॉफी स्तर के खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिले. आईपीएल आगे बढ़ने के साथ-साथ मुनाफा कमाता रहेगा. उन्होंने कहा कि BCCI क्रिकेट को और अधिक देशों में लोकप्रिय बना सकता है जिससे रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी.
कितना है रेवेन्यू?
ब्रांडिंग और विज्ञापन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रेडिफ्यूजन के अनुसार, BCCI ने वित्त वर्ष 23-24 में 9,741.7 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया. इसमे IPL ने 5,761 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का योगदान दिया. WPL और ग्लोबल राइट्स जैसे बढ़ते ब्रॉडकास्टिंग के साथ BCCI ने प्रशंसकों के प्यार, स्मार्ट डील्स और क्रिकेट की एक्सिलेंस से संचालित एक अरब रुपये का इंजन बनाया है.
आंकड़ों के अनुसार, बोर्ड ने नॉन-आईपीएल मीडिया राइट्स से भी 361 करोड़ रुपये कमाए. यह इनकम इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों और टूर्नामेंटों के प्रसारण अधिकारों से आती है, जो बीसीसीआई के अलग-अलग रेवेन्यू सोर्स में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
वेन्यू बढ़ाने की क्षमता
रेडिफ्यूजन के प्रमुख संदीप गोयल ने कहा कि BCCI में रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी या सीके नायडू ट्रॉफी जैसे पारंपरिक फॉर्मेट का व्यवसायीकरण करके नॉन-आईपीएल रेवेन्यू बढ़ाने की अपार क्षमता है. इसके अलावा बोर्ड के पास लगभग 30,000 करोड़ रुपये का रिज़र्व है, जिससे उसे अकेले ब्याज के रूप में सालाना लगभग 1,000 करोड़ रुपये मिलते हैं. यह रेवेन्यू न केवल टिकाऊ है, बल्कि बढ़ते स्पॉन्सर, मीडिया डील और मैच के दिन की कमाई की बदौलत इसमें सालाना 10-12 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है.
बेहतरीन बिजनेस मॉडल
ब्रांड फाइनेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक अजीमन फ्रांसिस ने कहा कि आईपीएल के रेवेन्यू प्रदर्शन से पता चलता है कि BCCI ने एक अच्छा व्यावसायिक मॉडल बनाया है. ICC अपनी अधिकांश फंडिंग के लिए BCCI पर निर्भर है. ICC रेवेन्यू में उस तरह से ग्रोथ हासिल नहीं कर पा रही है जैसा उसे करनी चाहिए.
स्पॉन्सर के बीच डिमांड
दूसरी ओर, IPL के रेवेन्यू में रुकावट BCCI के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है. इस साल ऑपरेशन सिंदूर के कारण लीग बाधित हुई थी. कुछ मैचों को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था. हालांकि, फ्रांसिस ने तर्क दिया कि अस्थायी रोक के बावजूद आईपीएल का प्रदर्शन ‘ठीक-ठाक’ रहा. उन्होंने यह भी बताया कि WPL जैसी BCCI की अन्य लीग भी स्पॉन्सर को आकर्षित करती हैं, जिनकी अच्छी-खासी मांग है.
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