इस PSU स्टॉक पर रखें नजर, वर्ड क्लास स्कॉर्पीन सबमरीन बनाने के लिए फ्रेंच कंपनी से किया MoU

भारत की डिफेंस सेक्टर की PSU ने फ्रांस की एक लीडिंग नेवल कंपनी के साथ वर्ल्ड-क्लास Scorpène Submarines के निर्माण और एक्सपोर्ट के लिए MoU किया है. यह साझेदारी मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को तो सपोर्ट करेगी ही, इसके साथ ही भारत को डिफेंस का बड़ा एक्सपोर्टर बनाने में भी मदद करेगी.

स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन Image Credit: PIB

भारत के डिफेंस सेक्टर में ‘मेक इन इंडिया’ को नई उड़ान मिलने वाली है. एक सरकारी शिपबिल्डिंग कंपनी Mazagon Dock Shipbuilders Limited (MDL) ने फ्रांस की दिग्गज नेवल टेक कंपनी के साथ वर्ल्ड-क्लास Scorpène Submarines बनाने के लिए एक डील की है. The Week की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों कंपनियों ने इस संबंध में पहले हुए एक करार को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए एक MoU किया है, जिसके तहत स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन भारत में ही बनाई जाएंगी. माना जा रहा है कि यह डील न सिर्फ मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाएगी. बल्कि, MDL को भी इसका फायदा मिलेगा.

आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा बूस्ट

रिपोर्ट के मुताबिक 16 अक्टूबर, 2025 को दोनों कंपनियों ने Memorandum of Understanding (MoU) पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे मिशनों को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही भारत को ग्लोबल डिफेंस हब बनाने की दिशा में भी यह पहल अहम है. यह MoU उन Scorpène-class सबमरीनों की नई जनरेशन से जुड़ा है, जिनकी 6 यूनिट्स पहले ही MDL मुंबई में भारतीय नौसेना के लिए तैयार की जा चुकी हैं. इन्हें P-75 प्रोजेक्ट (Kalvari-class) के तहत बनाया गया था.

क्या हुआ समझौता?

इस समझौते के तहत जहां Naval Group की टेक्नोलॉजी होगी, वहीं, MDL की इंडस्ट्रियल ताकत का इस्तेमाल किया जाएगा. इस साझेदारी से दोनों कंपनियों की एक्सपर्टीज का दोनों देशों के हित में इस्तेमाल किया जाएगा. Naval Group के पास अत्याधुनिक डिजाइन और कॉम्बैट सिस्टम्स में महारत है, जबकि MDL के पास जटिल पनडुब्बियों को स्थानीय स्तर पर तैयार करने की मजबूत क्षमता है.

नेवल ग्रुप ने क्या कहा?

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस MoU को लेकर Naval Group की एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट Marie-Laure Bourgeois ने कहा, “यह साझेदारी भारत-फ्रांस के बीच बनी गहरी तकनीकी विश्वसनीयता और भरोसे को मजबूत करती है. हमारा लक्ष्य भारत को वैश्विक नौसैनिक इकोसिस्टम में अग्रणी बनाना है.”

MDL ने क्या कहा?

वहीं, MDL के डायरेक्टर ऑफ सबमरीन्स कमोडोर (रिटायर्ड) एस.बी. जमगांवकर ने कहा, “यह MoU भारत को पनडुब्बी निर्माण और एक्सपोर्ट हब बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है. Naval Group के साथ मिलकर हम पार्टनर देशों को एडवांस और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” यह डील भारत-फ्रांस की दीर्घकालिक रणनीतिक योजना Horizon 2047 का हिस्सा है, जिसके तहत दोनों देश अगले दो दशकों तक डिफेंस, सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजी को लेकर सहयोग बढ़ाने पर काम करेंगे.

कैसा परफॉर्म कर रहा शेयर?

MDL ने इस साल अब तक (YTD) 25 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. हालांकि, शुक्रवार को इस स्टॉक में 0.49 फीसदी की मामूली गिरावट हुई. पिछले पांच साल में यह स्टॉक 3,253.56% का मल्टीबैगर रिटर्न दे चुका है. इसके अलावा भारतीय नौसेना के विस्तार के लिए कंपनी तमाम प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. भारत के ग्लोबल इकोनॉमिक और मिलिट्री पॉवर बनने की दिशा में जैसे-जैसे कदम आगे बढ़ रहे हैं, इस कंपनी के लिए विस्तार के रास्ते खुलते जा रहे हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.