इस चीनी कंपनी के लिए अंबानी और मित्तल आमने-सामने, 19000 करोड़ का है दांव
चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी हायर इंडिया अपनी मौजूदा हिस्सेदारी कम करना चाहती है. ऐसे में अंबानी से लेकर मित्तल तक इसे खरीदने की रेस में लगे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस ने चीनी कंपनी के मुख्यालय से संपर्क भी किया है.
Haier India Stake: चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी हायर इंडिया में हिस्सेदारी हासिल करने की रेस में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भी शामिल हो गई है. इससे पहले सुनील मित्तल के भारती समूह ने इसमें कदम रखा था. ऐसे में इस चीनी कंपनी को लेकर अब अंबानी और मित्तल में आमने-सामने आ गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस के सलाहकारों ने इस सिलसिले में हायर के किंगदाओ हेडक्वार्टर से सीधे संपर्क भी किया है.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक हायर इंडिया, जो LG और सैमसंग के बाद भारत में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है. ये अपनी हिस्सेदारी 25% से 51% तक कम करने की योजना बना रही है. कंपनी इसके लिए 2 से 2.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 19000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन चाहती है. रिलायंस के इसके सलाहकारों ने हायर के मुख्यालय से संपर्क भी किया है. रिलायंस इस अधिग्रहण के जरिए अपने इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड जैसे BPL, केल्विनेटर, रीकनेक्ट और Wyzr को मजबूत करना चाहती है.
ये ग्रुप भी हैं रेस में शामिल
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक हायर ने पिछले साल सिटीग्रुप की मदद से बड़े भारतीय परिवारिक कार्यालयों और निजी इक्विटी फर्मों से हिस्सेदारी बिक्री के लिए बातचीत शुरू की थी. इस दौड़ में TPG के साथ डाबर के बर्मन परिवार, गोल्डमैन सैक्स के साथ अमित जटिया परिवार, और सिंगापुर के GIC के साथ वेलस्पन के बीके गोयनका भी शामिल हैं. हालांकि डालमिया भारत समूह के पुनीत डालमिया के पारिवारिक कार्यालय और बेन कैपिटल के गठबंधन ने इससे बाहर निकलने का विकल्प चुना है.
रिलायंस की क्या है रणनीति?
बताया जाता है कि चीनी कंपनी हायर अपनी 45-48% हिस्सेदारी भारतीय भागीदार को और 3-6% भारतीय कर्मचारियों व वितरकों को देने पर विचार कर रही है. हालांकि अंतिम चीज अगले कुछ हफ्तों में तय होंगी. रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस ने कम वैल्यूएशन की मांग की है. यह सौदा रिलायंस के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बड़ा कदम हो सकता है, वहीं हायर को भारत में विस्तार के लिए मजबूत स्थानीय समर्थन मिलेगा.
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ट्रंप टैरिफ का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के चलते चीनी कंपनियां अमेरिकी बाजार में दबाव में हैं. इससे हायर जैसी बड़ी कंपनियां भारत में विस्तार के मौके तलाश रही है. हायर इंडिया ने 2024 में 8,900 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की, जो 2023 से 33% अधिक है. कंपनी 2025 में 11,500 करोड़ रुपये का टारगेट रख रही है. साथ ही यह ग्रेटर नोएडा और पुणे में अपने मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट का विस्तार और आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु में नया ग्रीनफील्ड संयंत्र स्थापित करना चाहती है.