NBFC को मिल सकती है सीनियर सिटीजन के FD ब्याज पर टैक्स में राहत, को-लेंडिंग शुल्क पर GST छूट की उम्मीद
NBFCs Tax Relief: खबर आ रही है कि सरकार बैंकों के साथ नियामकीय समानता को लेकर लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए NBFC को सीमित टैक्स राहत देने पर विचार कर रही है. सीनियर सिटीजन को बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर कर छूट प्राप्त है.

NBFCs Tax Relief: सरकार देश के नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. खबर आ रही है कि सरकार बैंकों के साथ नियामकीय समानता को लेकर लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए NBFC को सीमित टैक्स राहत देने पर विचार कर रही है. खासतौर से वित्त मंत्रालय सीनियर सिटीजन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ बढ़ाने और को-लेंडिंग सर्विस शुल्क पर GST राहत प्रदान करने के प्रस्तावों पर विचार कर सकता है. ये दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां NBFC ने बैंकों के समान व्यवहार की मांग की है.
फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज से कमाई
मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि वर्तमान में सीनियर सिटीजन को बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर कर छूट प्राप्त है. NBFC ने अनुरोध किया है कि उनके द्वारा दी जाने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी यही छूट लिमिट लागू की जाए. यह मांग विचाराधीन है और इस पर पॉजिटिव रूप से विचार किया जा सकता है.
गुड्स एंड सर्विस टैक्स
NBFC ने बैंकों के साथ को-लेंडिंग व्यवस्थाओं पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के प्रावधानों को लेकर भी चिंता जताई है. को-लेंडिंग मॉडल में बैंक और NBFC मिलकर उधारकर्ता को लोन वितरित करते हैं. आमतौर पर बैंक लोन का 80 फीसदी और NBFC शेष 20 फीसदी का योगदान करते हैं.
ज्वाइंट रूप से लोन फंड होने के बावजूद, NBFC आमतौर पर लोन की शुरुआत करती है, डॉक्यूमेंटेशन का काम संभालती है और वसूली का प्रबंधन करती है. इस मॉडल के तहत, NBFC इन काम को करने के लिए बैंक से सर्विस या प्रबंधन शुल्क लेती हैं.
NBFC को भुगतान करना पड़ता है GST
हालांकि, बैंकों के विपरीत, जिन्हें ऐसे सर्विस शुल्कों पर छूट प्राप्त है, NBFC को इन शुल्कों पर 18 फीसदी GST का भुगतान करना पड़ता है, जिससे टैक्स-संबंधी लागत में कमी आती है और उनके मार्जिन पर असर पड़ता है. सूत्र ने आगे कहा कि को-लेंडिंग GST का मुद्दा जायज है. NBFC चाहती हैं कि को-लेंडिंग मॉडल के तहत उन्हें मिलने वाला सर्विस शुल्क बैंकों की तरह GST से मुक्त हो. इस पर पुनर्विचार किया जा सकता है.
NBFC की अहम भूमिका
अंतिम छोर तक लोन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले NBFC सेक्टर ने बैंकों के समान नियामकीय व्यवहार की मांग की है, लेकिन सरकार उनकी कई स्ट्रक्चरल मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है. खासकर लिक्विडिटी की पहुंच और लोन वसूली तंत्र से संबंधित मांगों पर सहमति नहीं है. NBFC ने एक समर्पित लिक्विडिटी विंडो की आवश्यकता की मांग की है.
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