FTA से 2028 तक डबल हो सकता है भारत-EU ट्रेड, जर्मनी में TV9 के MD&CE0 बरूण दास के संबोधन के साथ न्यूज9 ग्लोबल समिट का आगाज
News9 Global Summit in Germany: कार्यक्रम की शुरुआत TV9 नेटवर्क के एमडी-सीईओ बरूण दास के संबोधन के साथ हुई. इस समिट में शिरकत कर रहे लोगों का स्वागत का करते हुए बरूण दास ने भारत और जर्मनी के मजबूत संबंधों का जिक्र किया और बताया कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में कितनी मजबूती आ चुकी है.
TV9 नेटवर्क के न्यूज9 ग्लोबल समिट के जर्मनी एडिशन का आगाज हो चुका है. कार्यक्रम की शुरुआत TV9 नेटवर्क के एमडी-सीईओ बरूण दास के संबोधन के साथ हुई. इस समिट में शिरकत कर रहे लोगों का स्वागत का करते हुए बरूण दास ने भारत और जर्मनी के मजबूत संबंधों का जिक्र किया और बताया कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में कितनी मजबूती आ चुकी है. उन्होंने इस बात पर भी रोशनी डाली की भारत ग्लोबल सिस्टम में अपनी भूमिका किस तरह से निभा रहा है. साथ ही उन्होंने एक किस्सा भी सुनाया, जब हवाई सफर के दौरान जर्मनी के एक शख्स ने नए भारत के बारे में बड़ी उत्सुकता से सवाल पूछे.
बरुण दास ने कहा, एक कॉरपोरेट एग्जीक्यूटिव के रूप में मैं अक्सर ऐसे विदेशियों से मिलता हूं, जो नए भारत के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं. हाल ही में फ्रैंकफर्ट की एक फ्लाइट में हुई एक बातचीत मुझे याद आ गई. मैं जर्मनी के एक शख्स के बगल में बैठा था. उन्होंने मुझे बताया कि वे नए भारत के बारे में पढ़ रहे थे और उन्होंने मुझसे पूछा कि हाल के वर्षों में सबसे बड़ा बदलाव क्या है. यह एक बहुत ही समझदारी भरा सवाल था और इसने मुझे एक पल के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया. मैंने कहा कि भारतीयता के मूल मूल्यों के प्रति सच्चे रहते हुए आधुनिकता की ओर छलांग लगाने की भारत की अनोखी क्षमता.
उन्होंने मुझे सवालिया निगाहों से देखा तो मैंने समझाया. भारतीयता का अर्थ है समावेशिता, सभी को साथ लेकर चलना. ये एक ऐसा सिद्धांत है जिसे अब पूरा विश्व समझ रहा है. शांति, प्रगति और समृद्धि प्राप्त करने का ये एकमात्र रास्ता है. इन सब को एकसाथ चलना होगा. इसमें सभी को शामिल करना होगा.
UPI के जरिए रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन
उदाहरण के लिए वायरलेस और डिजिटल टेक्नोलॉजी में भारत की लंबी छलांग देखी जा सकती है. भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई सिस्टम पर अगस्त महीने में 20 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन हुए. गरीब से गरीब भारतीय न केवल अपने स्मार्टफोन के जरिए पैसों का लेन-देन आसानी कर सकते हैं, वे अपनी आजीविका के लिए महत्वपूर्ण जानकारी और सेवाएं भी प्राप्त कर सकते हैं. अरबों डॉलर की सरकारी सब्सिडी सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाई जा सकती है.
भारत ने स्मार्टफोन को आर्थिक समृद्धि के एक शक्तिशाली साधन के रूप में बदला है. इसका परिणाम है कि 240 मिलियन से अधिक लोग जो जर्मनी की जनसंख्या का लगभग तीन गुना हैं, पिछले 10 वर्षों में गरीबी से बाहर आए हैं. मैं यह बात इस बात पर प्रकाश डालने के लिए कह रहा हूं कि हम सभी आज यहां क्यों एकत्र हुए हैं.
भारत-जर्मनी के रणनीतिक संबंधों को 25 साल
देवियों और सज्जनों… टीवी9 नेटवर्क के न्यूज9 ग्लोबल समिट जर्मनी के दूसरे संस्करण में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है. इसका सह आयोजन हमारे पार्टनर वीएफबी स्टटगार्ट और स्टेट ऑफ बाडेन-वुर्टेमबर्ग द्वारा किया जा रहा है.
इस वर्ष भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक संबंधों के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलरों के नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंधों ने नई ऊंचाइयों को छुआ है. अब जब हम वैश्विक व्यवस्था में अभूतपूर्व गति से नाटकीय बदलाव होते हुए देख रहे हैं जो हमें एक प्रकार की अनिश्चितता की ओर ले जा रहा है, दोनों देशों के एकसाथ आने की इतनी अधिक आवश्यकता पहले कभी नहीं रही.
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साबित होगा परिवर्तनकारी समझौता
भारत और जर्मनी के पास जो अवसर है वह सिर्फ पारस्परिक लाभ वाली स्थिति बनाने का नहीं है बल्कि अवसर है. एक ऐसी साझेदारी बनाने का जो मुक्त विश्व के लिए एक आदर्श हो. आखिरकार जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका वार्षिक व्यापार 30 अरब डॉलर से अधिक है. दूसरी ओर यूरोपीय संघ एक समूह के रूप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. इसलिए भारत-यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, जिस पर वर्तमान में बातचीत चल रही है एक परिवर्तनकारी समझौता होगा.
अलग-अलग अनुमानों से पता चलता है कि भारत को यूरोपीय संघ का निर्यात 50 से 60 फीसदी तक बढ़ सकता है, जबकि यूरोपीय संघ को भारत का निर्यात 30 से 35 फीसदी तक बढ़ सकता है. एक बार एफटीए पर हस्ताक्षर हो जाए या तो इस वर्ष के अंत में या अगले वर्ष की शुरुआत में तो कुल द्विपक्षीय व्यापार 2028 तक दोगुना होकर लगभग 258 अरब डॉलर हो सकता है.
जर्मनी की मिटल-श्टांड यामिनी एसएमई कंपनियां पहले से ही इस संबंध का लाभ उठाने में सबसे आगे हैं. आज भारत में 150 से अधिक जर्मन वैश्विक क्षमता केंद्र या जीसीसी हैं. ये और और भी बनने वाले हैं. जर्मन कंपनियां अब भारत को कम लागत वाले डेस्टिनेशन के रूप में नहीं देख रही हैं. दरअसल, उनके जीसीसी वैश्विक इनोवेशन की अगली लहर को आगे बढ़ा रहे हैं.
जर्मन मंत्री और पीएम मोदी की मुलाकात
जर्मनी के फेडरल मिनिस्टर ऑफ फॉरेन अफेयर्स योहान वडाफुल ने हाल ही में भारत का दौरा किया था. उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जर्मनी के लिए एक रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत के महत्व को दोहराया. उन्होंने बताया कि भारत कैसे ग्लोबल पार्टनरशिप सिस्टम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
मंत्री वडाफुल की मेजबानी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने साफ तौर पर कहा था कि जीवंत लोकतंत्र और अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और जर्मनी ट्रेड, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, स्थिरता, मैन्युफैक्चरिंग और मोबिलिटी में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं देखते हैं.
इसीलिए इस वर्ष हमारा शिखर सम्मेलन एक साहसिक विषय डेमोक्रेसी, डेमोग्रेफी और डेवेलेपमेंट: इंडिया जर्मनी कनेक्ट पर केंद्रित है. दिनभर हम द्विपक्षीय संबंधों के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे और कुछ सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों, जिनमें नीति निर्माता, उद्योग जगत के दिग्गज और विचारकों शामिल हैं, उन्हें सुनेंगे.
विकसित भारत का सपना
अब मैं एक बार फिर उस सज्जन की बात पर लौटता हूं, जिनसे मैं फ्लाइट में मिला था. मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया था और उनसे कहा था कि वह भारत आकर उन अवसरों के बारे में अपनी राय बनाएं जो जीवंत नया भारत प्रदान करते हैं. मैं आप सभी को भी ऐसा ही निमंत्रण देना चाहता हूं. कृपया भारत आइए और प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की हमारी यात्रा में हमारे साथ जुड़िए. चूंकि मैं आपके साथ जर्मनी के ऑटोमोटिव हब स्टटगार्ट में खड़ा हूं, मुझे यह बताना चाहिए कि 2047 तक भारत का लक्ष्य भी 200 मिलियन वाहनों के वार्षिक उत्पादन के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव उत्पादक बनना है.
जैसा कि प्रसिद्ध जर्मन-स्विस कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता हरमन हेस ने कहा था, मन मुस दास, ऊन-मोग्लिचे फ़ेर-सु-शेन…ऊम दास मोग-लिचे ज़ू एर-इखेन, अंग्रेजी में इसका अर्थ है संभव को प्राप्त करने के लिए आपको असंभव को आजमाना होगा. देवियों और सज्जनों TV9 नेटवर्क और हमारे सह-मेजबान VfB स्टटगार्ट और बाडेन-वुर्टेमबर्ग स्टेट की ओर से मैं एक बार फिर न्यूज9 ग्लोबल समिट जर्मनी में आपका स्वागत करता हूं. धन्यवाद…