अब नहीं मंगानी पड़ेगी विदेशी दाल, शुरू हुई ‘मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेज’ योजना; 2031 तक 40% बढ़ेगा उत्पादन

भारत सरकार ने 2030-31 तक दाल उत्पादन में 40 फीसदी बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है. 'मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेज योजना के तहत 11,440 करोड़ रुपये खर्च कर देश को दालों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम होगा. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए दो कदम उठाए जाएंगे. इनमें पहला है दालों की खेती का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा और दूसरा, प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाई जाएगी.

दालों के उत्पादन में होगा इजाफा. Image Credit: Freepik

देश में दालों की कमी खत्म करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि भारत 2030-31 तक दाल उत्पादन में 40 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा. सरकार का लक्ष्य है कि मौजूदा 242 लाख टन (2023-24) के मुकाबले उत्पादन को बढ़ाकर 350 लाख टन तक पहुंचाना है. इसके लिए केंद्र सरकार ने मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेस (Mission for Aatmanirbharta in Pulses) नाम से नई योजना मंजूरी दी है. यह 2025-26 से 2030-31 तक चलेगी और इस पर 11,440 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

कैसे आएगी दलहन के उत्पादन में क्रांति?

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए दो कदम उठाए जाएंगे. इनमें पहला है दालों की खेती का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा और दूसरा, प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य तय समय में पूरा किया जाएगा। साथ ही सरकार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए दाल आयात पर शुल्क को लेकर उपयुक्त निर्णय लेगी. कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार ने देश के 100 ब्लॉकों की पहचान की है, जहां पर दाल की उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक देश है, लेकिन साथ ही सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है. इसलिए घरेलू मांग पूरी करने के लिए हमें बड़ी मात्रा में दाल आयात करनी पड़ती है.

आत्मनिर्भर बनने पर फोकस

मिशन के तहत सरकार दाल उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने पर फोकस करेगी. चौहान ने बताया कि 2030-31 तक दालों की खेती का क्षेत्र 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा. इसी अवधि में दाल उत्पादन को 242 लाख टन (2023-24) से बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य है. 2024-25 के फसल वर्ष में दाल उत्पादन का अनुमान 252.38 लाख टन लगाया गया है. इसके साथ ही प्रति हेक्टेयर औसत उपज को भी 881 किलोग्राम से बढ़ाकर 1,130 किलोग्राम तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में इस मिशन की घोषणा की थी. यह मिशन खास तौर पर तुअर, उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादन को बढ़ाने पर फोकस करेगा. सरकार की एजेंसियां नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) रजिस्टर्ड किसानों से इन दालों की निश्चित खरीद करेंगी. इसके अलावा, सरकार उच्च उत्पादकता वाली और रोग-प्रतिरोधक किस्मों के बीजों को बढ़ावा देगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसानों को समय पर ये बीज उपलब्ध हों.