ट्रंप टैरिफ बढ़ाने के बावजूद रूस से तेल आयात जारी रखेगा भारत, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन प्रमुख का बयान

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन ए.एस. सहनी ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के बावजूद रूस से तेल की खरीद जारी है और यह सिर्फ कीमत और गुणवत्ता के आधार पर है. उन्होंने बताया कि रूस के यूरल्स क्रूड पर पहले प्रति बैरल करीब 40 डॉलर तक की छूट मिलती थी, जो जुलाई के आखिरी में घटकर 1.5 डॉलर रह गई, अब यह छूट बढ़कर करीब 2.70 डॉलर हो गई है.

एएस साहनी

Trump Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रूस से तेल की खरीद पर 25 फीसदी के एक्स्ट्रा टैरिफ की धमकी के बावजूद भारत ने रूस से तेल आयात पर रोक नहीं लगाई है. ऐसा कहना है इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के चेयरमैन एएस साहनी का. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल का आयात सिर्फ आर्थिक फायदे और रिफाइनिंग जरूरतों के आधार पर होता है, राजनीति से नहीं.

आर्थिक कारणों से जारी है खरीद

IOC चेयरमैन साहनी ने कहा कि कंपनी तेल खरीदने का फैसला पूरी तरह उसकी कीमत और गुणवत्ता को देखकर करती है. उन्होंने बताया कि रूस के ‘यूरल्स’ क्रूड के हर बैरल पर पहले करीब 40 डॉलर प्रति बैरल तक की छूट मिलती थी, जो जुलाई के आखिरी में घटकर 1.5 डॉलर रह गई. अब यह छूट बढ़कर करीब 2.70 डॉलर हो गई है.

जुलाई और अगस्त में भी आयात जारी

एएस साहनी ने बताया कि रूस से तेल की सप्लाई जुलाई और अगस्त में भी लगातार हुई. उन्होंने कहा कि अप्रैल से जून तिमाही में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की कुल क्रूड प्रोसेसिंग में 22 से 23 फीसदी हिस्सा रूस से आया. उन्होंने कहा, हम पर किसी भी देश से खरीद बढ़ाने या घटाने का दबाव नहीं है. हम वही खरीदते हैं जो हमारी प्रोसेसिंग के लिए आर्थिक रूप से बेहतर हो.

अमेरिकी टैरिफ के बावजूद नीति में बदलाव नहीं

बता दें, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो जाएगी. यह भारत के लगभग 40 अरब डॉलर के गैर-छूट वाले निर्यात को प्रभावित कर सकता है. इसके बावजूद, भारत ने रूसी तेल आयात घटाने की किसी योजना से इनकार किया है. वहीं, फरवरी 2022 से पहले भारत की रूसी तेल पर निर्भरता 1 फीसदी से भी कम थी. लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों और कम दामों के चलते भारत ने रूसी तेल खरीद कई गुना बढ़ा दी. फिलहाल, रूस से आने वाला तेल भारत की कुल जरूरत का करीब 30 फीसदी पूरा करता है.

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