कितने कर्ज में हैं OLA के भाविश अग्रवाल, कैसी है कंपनी की सेहत, जानें इनसाइड स्टोरी
भाविश अग्रवाल की सोच है कि ओला इलेक्ट्रिक को बिना किसी प्लेज ओवरहैंग के काम करना चाहिए. गिरवी शेयर निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं, क्योंकि कर्ज बढ़ने पर शेयरों पर दबाव आता है. अब जब सभी गिरवी शेयर रिलीज हो गए हैं, तो बाजार पर बना एक बड़ा दबाव खत्म हो गया है.
OLA: ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल इन दिनों काफी सुर्खियों में है. कारण है उनकी कंपनी में हिस्सेदारी. हाल ही में भाविश ने अपने निजी शेयर बेचकर बाजार का ध्यान खींचा है. कुल मिलाकर करीब 324 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए हैं. इस बिक्री को लेकर कई तरह के सवाल उठे. क्या कंपनी पर कर्ज बढ़ रहा है? क्या प्रमोटर का भरोसा कमजोर पड़ा है? या फिर यह एक सोची-समझी वित्तीय योजना है? ओला इलेक्ट्रिक ने खुद सामने आकर सफाई दी है कि यह कदम कंपनी के लिए नहीं, बल्कि प्रमोटर के निजी कर्ज को खत्म करने के लिए किया गया है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते है कि आखिर कितने कर्ज में हैं OLA के भाविश अग्रवाल, कैसी है कंपनी की सेहत. आज के इनसाइड स्टोरी में पूरी अंदरूनी कहानी समझते हैं.
तीन दिन में 324 करोड़ की बिक्री
NSE के बल्क डील डेटा के मुताबिक, गुरुवार को भाविश अग्रवाल ने 2.83 करोड़ शेयर करीब 31.90 रुपये प्रति शेयर की दर से बेचे. इस दिन की बिक्री से लगभग 90 करोड़ रुपये जुटे. इससे पहले, बुधवार को उन्होंने करीब 142 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे और उससे एक दिन पहले 92 करोड़ रुपये के शेयर ऑफलोड किए थे. इस तरह, तीन दिनों में कुल बिक्री अमाउंट करीब 324 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.
क्यों बेचे गए शेयर? कंपनी ने क्या कहा
ओला इलेक्ट्रिक ने साफ किया है कि यह बिक्री एक बार की, सीमित और पहले से तय योजना का हिस्सा थी. कंपनी के मुताबिक, यह सौदा प्रमोटर स्तर के करीब 260 करोड़ रुपये के निजी कर्ज को पूरी तरह चुकाने के लिए किया गया. इस कर्ज को चुकाने के साथ ही, 3.93 फीसदी शेयर जो पहले गिरवी (pledge) रखे गए थे, उन्हें भी पूरी तरह छुड़ा लिया गया है. यानी अब प्रमोटर की ओर से कोई भी शेयर गिरवी नहीं है.
‘जीरो प्लेज’ क्यों है अहम
कंपनी ने बताया कि भाविश अग्रवाल की सोच है कि ओला इलेक्ट्रिक को बिना किसी प्लेज ओवरहैंग के काम करना चाहिए. गिरवी शेयर निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं, क्योंकि कर्ज बढ़ने पर शेयरों पर दबाव आता है. अब जब सभी गिरवी शेयर रिलीज हो गए हैं, तो बाजार पर बना एक बड़ा दबाव खत्म हो गया है.
क्या प्रमोटर कंट्रोल कमजोर हुआ?
कंपनी ने यह भी साफ किया कि इस बिक्री के बाद भी प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी 34.5 फीसदी से ज्यादा बनी हुई है.
यानि, न तो प्रमोटर का कंट्रोल घटा है और न ही कंपनी की रणनीति या संचालन पर कोई असर पड़ेगा. यह पूरा लेन-देन भाविश अग्रवाल के निजी स्तर पर किया गया है, कंपनी के कामकाज से इसका सीधा कोई संबंध नहीं है.
शेयरहोल्डिंग की मौजूदा स्थिति
सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, भाविश अग्रवाल के पास ओला इलेक्ट्रिक में 30.02% हिस्सेदारी थी. इसमें से 10.11% शेयर पहले गिरवी थे और 66.63% शेयर लॉक-इन में थे. अब कंपनी का कहना है कि गिरवी रखे गए सभी शेयर पूरी तरह रिलीज कर दिए गए हैं.
कंपनी की सेहत पर क्या असर?
ओला इलेक्ट्रिक का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया का कंपनी की ऑपरेशंस, गवर्नेंस और लॉन्ग-टर्म प्लान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उल्टा, कर्ज चुकाने और गिरवी शेयर हटाने से कंपनी की छवि और निवेशकों का भरोसा मजबूत हो सकता है. भाविश अग्रवाल ने शेयर बेचकर कंपनी का नहीं, अपना निजी कर्ज खत्म किया है. इससे ओला इलेक्ट्रिक पर कोई नया दबाव नहीं, बल्कि ‘जीरो प्लेज’ के साथ एक साफ तस्वीर सामने आई है.
| Indicator | Sep 25 | Jun 25 | Mar 25 |
|---|---|---|---|
| कुल कमाई (Total Revenue) | 25 | 29 | 47 |
| कुल खर्च (Operating Expense) | 11 | 16 | 45 |
| ऑपरेटिंग प्रॉफिट | -14 | -15 | -78 |
| डेप्रिसिएशन | 1 | 1 | 1 |
| ब्याज खर्च (Interest) | 24 | 23 | 25 |
| टैक्स से पहले मुनाफा (PBT) | -14 | -11 | -56 |
| (Net Profit) | -14 | -11 | -56 |
| EPS | 0 | 0 | -0.1 |
| पिछले 12 महीने का मुनाफा (TTM) | -48 | -45 | -40 |
मौजूदा शेयरहोल्डिंग पर डालें नजर
Source: Trendlyne, NSE, Ola Results pdf
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