RBI गवर्नर की टाई के रंग जुड़ी रेपो रेट! SBI ने Necktie Nomics और फिस्कल पॉलिसी पर जारी की रिपोर्ट
इकोनॉमिक्स एक जटिल विषय है. कुछ लोग इसे बोरिंग और यहां तक कि बेरंग भी कह सकते हैं. लेकिन, SBI ने Necktie Nomics को देश की फिस्कल पॉलिसी को से जोड़कर एक बेहद अनोखे और रंगभरे अंदाज में पेश किया है. जानते हैं क्या है SBI की Necktie Nomics रिपोर्ट?
SBI ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि RBI के गवर्नर की टाई के रंग से आगामी मॉनेटरी और फिस्कल पॉलिसी के फैसले का अंदाजा लगाया जा सकता है. रिपोर्ट में गवर्नर के टाई के रंगों को चार श्रेणियों वार्म, कोल्ड, डार्क और मिक्स श्रेणी में रखा गया है. इसमें बताया गया है कि अलग-अलग रंग की टाई का संबंध अलग-अलग तरह के नीतिगत रुझान से जुड़ा होता है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह एक हल्का-फुल्का विश्लेषण है, जिसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए.
रिपोर्ट को मॉनेटरी मल्टीवर्स नाम दिया गया है. मोटे तौर पर यह ब्रह्मांड की मल्टीवर्स अवधारणा से प्रेरित है, जिसमें माना जाता है कि एक नहीं कई ब्रह्मांड हैं, जो अलग-अलग टाइमलाइन में हैं. रिपोर्ट में इसी आधार पर कहा गया है कि एक अल्टरनेट यूनिवर्स में मॉनेटरी पॉलिसी सिर्फ डाटा ड्रिवन नहीं है, बल्कि यह फैशन के प्रति भी सेंसिटिव है. यह एक ऐसी दुनिया है जहा, नेकटाई का रंग, भाषण का लहजा और सार्वजनिक जुड़ाव ब्याज दरों के भविष्य को आकार देते हैं.
रिपोर्ट में RBI के अलावा अमेरिकी फेड की मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर भी चर्चा की गई है. इसमें बताया गया है कि अगर जेरोम पॉवेल की जगह ट्रंप ही अमेरिका की मॉनेटरी पॉलिसी तय करते तो कैसे हालात होते. इसकी गणना की लिए रिपोर्ट के एक ट्रंप अटेंशन स्कोर बनाया गया है. यह बताता है कि ट्रंप के नेतृत्व वाले फेड के तहत मॉनेटरी पॉलिसी किस तरह आम लोगों के बीच इसकी चर्चा से प्रभावित सकती थी.
नेकटाई नोमिक्स
SBI की रिपोर्ट में रिजर्व बैंक के गवर्नरों की तरफ से पॉलिसी अनाउंसमेंट के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली टाई, उनके बोलने के लहजे जैसे पैरामीटर के आधार पर नेकटाई नोमिक्स का मसौदा पेश किया है. इसमें कहा गया है कि अल्टरनेट यूनिवर्स में मॉनेटरी पॉलिसी केवल इन्फ्लेशन या जीडीपी के आधार पर नहीं चलती है. बल्कि यह गवर्नर की वार्डरोब के हिसाब से भी चलती है, जहां जब रेपो रेट पर फैसला होता है, तो डाटा मॉडल और मेंडेट के साथ गवर्नर के गले में पड़ी टाई भी मायने रखती है. बोल्ड रेड से लेकर कॉशस ब्लू तक.
रिपोर्ट में पिछली पॉलिसी घोषणाओं के आधार पर यह जांच की गई है कि क्या नेकटाई के रंग और ब्याज दर पर फैसले के बीच कोई पैटर्न हो सकता है. टोन के लिहाज से टाई को वार्म, कूल, डार्क और मिक्स टोन में बांटा गया है. इसके बाद हर टोन के कलर भी बताए गए हैं. इसके बाद Tie Volatility and Tilt Index दिया गया है, जिसमें बताया गया है किस कलर की टाई से क्या संकेत मिलता है.
किस रंग का क्या संकेत?
रिपोर्ट के मुताबिक वार्म टोन वाले कलर की नेकटाई हॉकिश नीतियों से जुड़ी हुई है, जिससे दरों में बढ़ोतरी होती है. वहीं, डार्क टोन के कलर की टाई बड़े फैसले को दर्शाती है, जैसा पिछली बैठक में 50 आधार अंक की कटौती को लेकर किया गया. वहीं, कूल टोन वाले रंग की टाई बताती है कि मॉनेटरी पॉलिसी में को बदलाव नहीं हुआ है, जबकि मिक्स कलर की नेकटाई बताती है कि कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है.