अब IPO के लिए 25 लाख और शेयर के बदले मिलेगा एक करोड़ तक का लोन, RBI का निवेशकों को दिवाली गिफ्ट
शेयरों के अगेंस्ट लोन लेने की सीमा पहले जहां प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपये थी, उसे अब बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है. इस फैसले से बड़े निवेशकों और हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) को राहत मिलेगी और बाजार में लिक्विडिटी बढ़ने की संभावना है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की चौथी बैठक के नतीजे घोषित किए. यह बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चली और इसकी अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की. इस बार रेपो रेट के साथ-साथ आरबीआई ने लोन से जुड़े नियमों में भी कुछ अहम बदलावों का ऐलान किया है, जिसका सीधा असर निवेशकों और बाजार में फंडिंग लेने वालों पर पड़ेगा.
सिक्योरिटीज के खिलाफ लोन पर बदलाव
आरबीआई ने लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज के खिलाफ लोन पर लगी सीमा को हटाने का प्रस्ताव रखा है. इसका मतलब यह है कि अब इन सिक्योरिटीज के आधार पर अधिक लचीलापन मिलेगा और बैंकों व एनबीएफसी के लिए उधारी देने का रास्ता आसान होगा.
शेयरों के खिलाफ लोन की लिमिट बढ़ी
शेयरों के अगेंस्ट लोन लेने की सीमा पहले जहां प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपये थी, उसे अब बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है. इस फैसले से बड़े निवेशकों और हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) को राहत मिलेगी और बाजार में लिक्विडिटी बढ़ने की संभावना है.
IPO फाइनेंसिंग की लिमिट बढ़ाई गई
आईपीओ में निवेश करने वालों के लिए आरबीआई ने एक और बड़ा कदम उठाया है. IPO फाइनेंसिंग लिमिट को प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है. इससे खुदरा निवेशक और बड़े प्लेयर्स आईपीओ में ज्यादा हिस्सेदारी ले सकेंगे और प्राइमरी मार्केट में कैपिटल फ्लो बढ़ेगा.
आईपीओ फाइनेंसिंग क्या है?
आईपीओ फाइनेंसिंग वह सुविधा है जिसमें बैंक या फाइनेंशियल संस्थान निवेशकों को आईपीओ में निवेश करने के लिए लोन उपलब्ध कराते हैं. इसमें आप लोन लेकर शेयर खरीद सकते हैं और जब शेयर लिस्ट हो जाते हैं व उनका दाम बढ़ता है, तब लोन चुकाया जाता है. खरीदे गए शेयर ही इस लोन के लिए गिरवी रखे जाते हैं.
कितना होगा रेट?
इस सुविधा का फायदा लेने के लिए निवेशकों को कुछ ब्याज भी देना होता है. इसके लिए निवेशकों को औसतन 8.6 फीसदी का ब्याज देना होता है.
कौन ले सकता है आईपीओ फाइनेंसिंग?
आईपीओ फाइनेंसिंग हर किसी को नहीं मिलती. इसके लिए निवेशक का क्रेडिट रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए, साथ ही पर्याप्त सिक्योरिटी या गिरवी देना जरूरी होता है. लोन देने वाली संस्था कुछ न्यूनतम आय मानक भी तय करती है. इसके अलावा, निवेशक को यह साबित करना होता है कि वह समय पर लोन चुका सकता है.
कितने का लोन मिल सकता है?
आईपीओ फाइनेंसिंग में लोन की राशि हर संस्था अलग-अलग तय करती है. आमतौर पर न्यूनतम लोन कुछ हजार रुपये से शुरू होता है. वहीं, अधिकतम लोन राशि शेयरों के मूल्य और निवेशक की क्रेडिट क्षमता पर निर्भर करती है.
आईपीओ फाइनेंसिंग के लिए जरूरी दस्तावेज
- लोन लेने के लिए आपको यह कागज जमा करने होते हैं:
- पहचान का सबूत (जैसे पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस)
- पते का सबूत (जैसे बिजली का बिल या बैंक स्टेटमेंट)
- आय का सबूत (जैसे सैलरी स्लिप या आयकर रिटर्न)
- जिस आईपीओ में निवेश करना है उसकी जानकारी
- अगर कोई गिरवी रखनी है तो उसकी जानकारी
लोन लेने की प्रक्रिया
आईपीओ फाइनेंसिंग पाने के लिए निवेशक को बैंक या ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करना होता है. इसके बाद आवेदन फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं. लोन मंजूर होने पर पैसे सीधे आईपीओ में निवेश के लिए इस्तेमाल होते हैं और खरीदे गए शेयर तब तक गिरवी रहते हैं जब तक लोन चुका न दिया जाए.