डॉलर के मुकाबले फिर से 90 के करीब रुपया, एक दिन में 8 पैसे की कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली बनी बड़ी वजह
मुद्रा बाजार में एक बार फिर हलचल देखने को मिली है. वैश्विक संकेतों और निवेशकों की रणनीति में बदलाव का असर घरेलू करेंसी पर साफ दिखा. आने वाले दिनों में कुछ अहम आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
सोमवार को रुपये की चाल एक बार फिर दबाव में दिखी. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के चलते रुपया डॉलर के मुकाबले आठ पैसे टूटकर 89.98 पर बंद हुआ. बाजार में जोखिम से बचने का माहौल और आयातकों की बढ़ती डॉलर मांग ने रुपये पर दबाव बढ़ाया, जिससे निवेशकों की चिंता भी बढ़ती नजर आई.
इंटरबैंक फॉरेक्स बाजार में रुपया 89.95 पर खुला और दिन के दौरान 89.99 के निचले स्तर तक फिसला. कारोबार के दौरान रुपये ने 89.88 का ऊपरी स्तर भी छुआ, लेकिन अंत में यह 89.98 (प्रोविजनल) पर बंद हुआ. इससे पहले शुक्रवार को भी रुपया 19 पैसे टूटकर 89.90 पर बंद हुआ था, जिससे साफ है कि हाल के दिनों में मुद्रा पर लगातार दबाव बना हुआ है.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली बना बड़ा कारण
फॉरेक्स बाजार के जानकारों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों की ओर से पूंजी निकासी रुपये की कमजोरी की बड़ी वजह है. छुट्टियों से पहले जोखिम लेने की इच्छा कम होने और सुरक्षित निवेश की ओर झुकाव बढ़ने से विदेशी फंड भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. इसके साथ ही आयातकों की ओर से डॉलर की मजबूत मांग ने भी रुपये को कमजोर किया है.
वैश्विक संकेतों पर टिकी नजर
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के अनुसार, इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की एफओएमसी मीटिंग के मिनट्स और कोर पीसीई महंगाई के आंकड़ों पर बाजार की नजर रहेगी. उनका कहना है कि निकट भविष्य में डॉलर-रुपया का दायरा 89.60 से 90.20 के बीच रह सकता है. इस बीच डॉलर इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ 98.03 के आसपास कारोबार करता दिखा. साल के अंत में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने की वजह से डॉलर में भी बड़ी हलचल नहीं दिखी.
कच्चे तेल और शेयर बाजार का असर
वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड करीब 1.5 फीसदी चढ़कर 61.54 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. कच्चे तेल की कीमतों में तेजी भी रुपये के लिए नकारात्मक मानी जाती है, क्योंकि इससे आयात बिल बढ़ता है. घरेलू शेयर बाजार में भी कमजोरी दिखी. सेंसेक्स 345 अंकों की गिरावट के साथ 84,695 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी करीब 100 अंक फिसलकर 25,942 पर आ गया. शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 317 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेच दिए थे.
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फॉरेक्स रिजर्व से मिली कुछ राहत
हालांकि, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी एक सकारात्मक संकेत रही. Reserve Bank of India के अनुसार, 19 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व 4.36 अरब डॉलर बढ़कर 693.32 अरब डॉलर हो गया. यह बढ़ोतरी रुपये के लिए मध्यम अवधि में सहारा दे सकती है, लेकिन फिलहाल बाजार की नजर वैश्विक संकेतों पर टिकी हुई है.
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