सैमसंग पर 5000 करोड़ रुपये का टैक्स बम, सरकार से भिड़ने को कोर्ट पहुंचा कोरियन दिग्गज
भारत में टैक्स को लेकर एक नई लड़ाई शुरू हो गई है, जिसमें एक विदेशी दिग्गज कंपनी सीधे सरकार के आदेश को चुनौती देने पहुंची है. इस पूरे मामले में एक और बड़ा कॉर्पोरेट नाम भी सामने आया है, जिससे विवाद और भी पेचीदा होता जा रहा है.
Samsung India tax case: भारत में विदेशी कंपनियों पर टैक्स को लेकर केंद्र सरकार की सख्ती अब एक नए मुकाम पर पहुंच गई है. अब साउथ कोरियन टेक्नोलॉजी दिग्गज सैमसंग ने भारत सरकार द्वारा लगाए गए 520 मिलियन डॉलर (लगभग 4,300 करोड़ रुपये) के टैक्स नोटिस को मुंबई के कस्टम्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (CESTAT) में चुनौती दी है. यह विवाद एक अहम मोबाइल टावर इक्विपमेंट की कथित गलत श्रेणीकरण (misclassification) को लेकर है, जिसे सैमसंग ने 2018 से 2021 के बीच रिलायंस जियो को सप्लाई किया था.
टैक्स विभाग पर ‘जल्दबाजी’ और ‘सूचना छुपाने’ के आरोप
रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक, सैमसंग ने 17 अप्रैल को 281 पन्नों की अपनी याचिका में दावा किया है कि टैक्स विभाग ने उन्हें “उचित सुनवाई का मौका” दिए बिना ही जनवरी में टैक्स आदेश पारित किया. कंपनी का कहना है कि जिस “रिमोट रेडियो हेड” नामक इक्विपमेंट को लेकर विवाद है, उसकी श्रेणीकरण की जानकारी टैक्स अधिकारियों को पहले से थी और उन्होंने सालों तक इस पर सवाल नहीं उठाया.
रिलायंस का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड बना बचाव का आधार
सैमसंग का बड़ा दावा यह है कि रिलायंस जियो भी 2017 तक उसी उपकरण को बिना टैक्स चुकाए मंगवाता रहा और जब 2017 में टैक्स विभाग ने रिलायंस को चेतावनी दी तब भी यह जानकारी सैमसंग को साझा नहीं की गई. कंपनी का आरोप है कि रिलायंस ने उन्हें आगाह नहीं किया और टैक्स विभाग ने खुद भी सैमसंग से कभी सवाल नहीं किए.
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कर्मचारियों पर भी चला विभाग का डंडा
टैक्स विभाग ने न केवल कंपनी पर 520 मिलियन डॉलर टैक्स मांगा है, बल्कि सैमसंग के सात कर्मचारियों पर अतिरिक्त 81 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया है. कुल मिलाकर टैक्स मांग 601 मिलियन डॉलर (लगभग ₹5,000 करोड़) तक पहुंच गई है जो भारत में कंपनी की साल 2024 की कुल कमाई का बड़ा हिस्सा है.
विवादित टैक्स डिमांड का सार – हिंदी में टेबल
विवरण | जानकारी |
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कंपनी का नाम | सैमसंग इंडिया |
टैक्स मांग (मुख्य) | $520 मिलियन (₹4,300 करोड़) |
कर्मचारियों पर जुर्माना | $81 मिलियन |
कुल टैक्स मांग | $601 मिलियन (₹5,000 करोड़) |
विवादित उपकरण | रिमोट रेडियो हेड (4G टावर पार्ट) |
आयात की अवधि | 2018–2021 |
कुल आयात मूल्य | $784 मिलियन |
कंपनी का मुनाफा (2024) | $955 मिलियन |
सैमसंग से पहले जर्मन ऑटो कंपनी वोक्सवैगन ने भी भारत सरकार पर 1.4 बिलियन डॉलर टैक्स डिमांड को लेकर मुकदमा किया है.