IDBI बैंक में अब पब्लिक शेयरहोल्डर बनेगी LIC, सेबी ने दी सशर्त मंजूरी

भारत के बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी और सरकार से जुड़ा यह कदम IDBI बैंक को नए दौर में ले जाएगा. नियामक संस्था ने इस पर अपनी सहमति तो दे दी है, लेकिन साथ में कड़े नियम भी लागू कर दिए हैं..

भारतीय जीवन बीमा निगम Image Credit: TV9 Bharatvarsh

IDBI बैंक के रणनीतिक विनिवेश की दिशा में एक अहम कदम बढ़ा है. पूंजी बाजार नियामक सेबी ने जीवन बीमा निगम (LIC) को बैंक में ‘पब्लिक शेयरहोल्डर’ के रूप में पुनर्वर्गीकृत (reclassify) करने की मंजूरी दे दी है. यह फैसला तभी लागू होगा जब सरकार द्वारा चल रही रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

किन शर्तों के साथ मिली मंजूरी

सेबी ने इस मंजूरी पर कई सख्त शर्तें लगाई हैं. LIC को अपने मतदान अधिकार (voting rights) 10 फीसदी तक सीमित रखने होंगे. वह बैंक के कामकाज में किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं करेगी और न ही उसके पास कोई विशेष अधिकार होंगे. इसके अलावा, LIC के प्रतिनिधि को IDBI बैंक के बोर्ड में जगह नहीं मिलेगी और न ही वह किसी प्रकार से ‘की मैनेजेरियल पर्सन’ की भूमिका निभा पाएगी.

नियामक ने स्पष्ट किया है कि LIC को अपना शेष हिस्सा अगले दो साल में 15 फीसदी या उससे कम तक लाना होगा. यह शर्त भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप रखी गई है. साथ ही, सेबी ने यह भी साफ किया है कि अगर इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन हुआ तो पुनर्वर्गीकरण की मंजूरी अपने आप रद्द हो जाएगी.

सरकार-LIC की संयुक्त हिस्सेदारी की बिक्री

यह फैसला उस रणनीतिक विनिवेश योजना का हिस्सा है जिसे मई 2021 में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने मंजूरी दी थी. इसके तहत सरकार और LIC दोनों अपनी हिस्सेदारी IDBI बैंक में बेच रहे हैं.

यह भी पढ़ें: अनिल अंबानी पर बैंकों का डबल झटका! SBI के बाद इस बैंक ने भी RCom और रिलायंस टेलीकॉम को किया ‘फ्रॉड’ घोषित

बैंक का तिमाही नतीजा

हाल ही में घोषित पहली तिमाही (Q1 FY26) के नतीजों में IDBI बैंक का अकेला शुद्ध लाभ 17% बढ़कर 2,007 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पिछले साल की समान तिमाही में यह 1,719 करोड़ रुपये था. हालांकि, बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) 2% घटकर 3,166 करोड़ रुपये रही.