2025 में सिल्वर की कीमतें डबल, 2026 में क्या होगा, ₹1,90,000 प्रति किलो कितनी दूर, जानें नया अनुमान
सिल्वर की सबसे बड़ी मांग सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और AI इंफ्रास्ट्रक्चर से आ रही है. सोलर सेक्टर की बात करें तो वहां सिल्वर की खपत लगातार बढ़ रही है क्योंकि सिल्वर बिजली का बेहतरीन कंडक्टर है. जैसे-जैसे दुनिया ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसकी जरूरत और बढ़ती जा रही है.
Silver Nearly Doubles in 2025: यह साल सिल्वर मार्केट के लिए किसी बड़े सरप्राइज से कम नहीं रहा. साल 2025 में सिल्वर ने ऐसी ऐतिहासिक तेजी दिखाई है, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. कीमतें करीब दोगुनी हो चुकी हैं और यह कई सालों के रिकॉर्ड तोड़कर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. दिलचस्प बात यह है कि सिल्वर की यह रफ्तार सोने से भी तेज रही है, जबकि सोना खुद नए रिकॉर्ड बना रहा है. मजबूत इंडस्ट्रियल मांग, सप्लाई की भारी कमी और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने सिल्वर को साल की सबसे हॉट कमोडिटी बना दिया है. इस खबर में हम जानेंगे कि क्या वाकई में सिल्वर ₹190 प्रति ग्राम तक जा सकता है और इसके पीछे कौन से बड़े कारण काम कर रहे हैं.
आखिर क्यों आ रही है तेजी?
| 1. इंडस्ट्रियल डिमांड बेहद मजबूत सिल्वर की सबसे बड़ी मांग सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और AI इंफ्रास्ट्रक्चर से आ रही है. सोलर सेक्टर की बात करें तो वहां सिल्वर की खपत लगातार बढ़ रही है क्योंकि सिल्वर बिजली का बेहतरीन कंडक्टर है. जैसे-जैसे दुनिया ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसकी जरूरत और बढ़ती जा रही है. |
| 2. सप्लाई बहुत कम हो गई सिल्वर की कमी ने इसकी कीमतों को ऊपर धकेला है. लंदन की बड़ी वॉल्ट्स में 2022 से 2025 के बीच एक-तिहाई तक इन्वेंट्री कम हो गई. अक्टूबर में तो हालत इतनी खराब थी कि सिल्वर को एक दिन के लिए उधार लेने की लागत भी एक साल के हिसाब से 200 फीसदी तक पहुंच गई. लगातार 5 साल से सप्लाई में कमी चल रही है. स्टोनएक्स की एक्सपर्ट Rhona O’Connell ने बताया कि लंदन में फिजिकल सिल्वर लगभग खत्म होने की कगार पर था. भारत में भी त्योहारों के दौरान भारी खरीदारी हुई कई जगहों पर कीमतें 85 फीसदी तक बढ़ गईं. इसने अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भी दबाव बढ़ाया. |
| 3. यह रैली पहले जैसी नहीं है एक्सपर्ट का कहना है कि यह साल 1980 वाली स्पेकुलेशन रैली नहीं है. आज सिल्वर सिर्फ “गरीबों का सोना” नहीं, बल्कि एक अहम इंडस्ट्रियल मेटल बन चुका है. इलेक्ट्रिक वाहनों का विस्तार, बड़े पैमाने पर सोलर इंस्टॉलेशन और दुनिया भर में इलेक्ट्रिफिकेशन की बड़ी मुहिम ने इसे एक स्ट्रक्चरल बुल मार्केट बना दिया है. |

ब्रोकरेज क्या कह रहे हैं?
TB के हवाले से ग्लोबल फाइनेंशियल फर्म UBS सिल्वर पर बेहद बुलिश है. उनका मानना है कि सिल्वर की कीमत 2026 तक $60 प्रति औंस पहुंच सकती है. ऐसे में अब इसका सीधा हिसाब इस प्रकार है-
- 1 औंस = 28.35 ग्राम
- $60 = लगभग $2.12 प्रति ग्राम
- वर्तमान डॉलर रेट ₹90 मानें तो ₹190 प्रति ग्राम का स्तर बनता है.
आज की तारीख में भारत में सिल्वर लगभग 160 रुपये प्रति ग्राम पर ट्रेड हो रहा है. यानी अगर $60 का लक्ष्य पूरा होता है तो इसमें लगभग 19 फीसदी और बढ़त की संभावना है.
आगे क्या? क्या ₹190 तक पहुंचना संभव है?
विश्लेषकों का कहना है कि तेजी अभी खत्म नहीं हुई. इसके प्रमुख कारण इस प्रकार है-
- सोलर और EV सेक्टर की लगातार बढ़ती मांग
- दुनिया भर में इन्वेंट्री कम
- निवेशकों का भरोसा बढ़ना
- दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित रेट कट
- इन सभी वजहों से ऐसा माना जा रहा है कि सिल्वर का यह शानदार रैल अभी अपने अगले फेज में प्रवेश कर रही है.
सिल्वर की कीमत ₹190 प्रति ग्राम पहुंचना पूरी तरह संभव दिखता है, अगर इंडस्ट्रियल डिमांड और सप्लाई की कमी इसी तरह बनी रही. निवेशकों और इंडस्ट्री के लिए सिल्वर आने वाले महीनों में और भी बड़ा सरप्राइज दे सकता है.
सोर्स: Trade Brains, Good returns
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